ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




नीतिवचन 15:23 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

समय पर उपयुक्‍त उत्तर देना मनुष्‍य को आनन्‍द प्रदान करता है; अवसर पर कही गई बात कितनी भली होती है।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबल

मनुष्य उचित उत्तर देने से आनन्दित होता है। यथोचित समय का वचन कितना उत्तम होता है।

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

सज्जन उत्तर देने से आनन्दित होता है, और अवसर पर कहा हुआ वचन क्या ही भला होता है!

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

सज्जन उत्तर देने से आनन्दित होता है, और अवसर पर कहा हुआ वचन क्या ही भला होता है!

अध्याय देखें

नवीन हिंदी बाइबल

सटीक उत्तर देना मनुष्य के लिए आनंद की बात है, और उपयुक्‍त समय पर कहा गया वचन कितना अच्छा होता है!

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

अवसर के अनुकूल दिया गया उपयुक्त उत्तर हर्ष का विषय होता है. कैसा मनोहर होता है, अवसर के अनुकूल दिया गया सुसंगत शब्द!

अध्याय देखें

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

सज्जन उत्तर देने से आनन्दित होता है, और अवसर पर कहा हुआ वचन क्या ही भला होता है!

अध्याय देखें



नीतिवचन 15:23
14 क्रॉस रेफरेंस  

सीधे-सादे शब्‍दों में कितनी शक्‍ति होती है! किन्‍तु तुम्‍हारी डांट-फटकार से क्‍या लाभ?


मनुष्‍य को अपने वचनों के फल के अनुरूप उत्तम वस्‍तुएं प्राप्‍त होती हैं, और वह सन्‍तुष्‍ट होता है; मनुष्‍य जैसा कार्य करता है वैसा ही उसको फल मिलता है।


मनुष्‍य के मन की चिन्‍ता उसको दबा देती है; पर एक सुभाषित वचन उसको आनन्‍दित कर देता है।


बिना उचित सलाह के योजनाएं निष्‍फल हो जाती हैं; किन्‍तु यदि योजना में अनेक बुद्धिमानों की सम्‍मति प्राप्‍त हो, तो वह सफल हो जाती है।


धर्म-वचन कहनेवाले मनुष्‍य से राजा प्रसन्न होता है; वह सच बोलनेवाले व्यक्‍ति से प्रेम करता है।


मीठे वचन मधु की तरह हैं जो प्राण को मीठा लगता है, जो शरीर को स्‍वस्‍थ रखता है।


जो सही उत्तर देता है, वह सच्‍ची मित्रता प्रकट करता है।


हर एक बात का उपयुक्‍त अवसर, और आकाश के नीचे पृथ्‍वी पर किए जानेवाले काम का निर्धारित समय होता है:


स्‍वामी-प्रभु ने मुझे शििक्षत जन की वाणी दी है ताकि मैं थके-मांदे लोगों को शांति के वचन बोलकर संभाल सकूं। वह प्रतिदिन सबेरे मुझे जगाता है; मेरे कान खोलता है, जिससे मैं शिष्‍य की तरह ध्‍यान दे सकूं।


दोनों शिष्‍य उनकी यह बात सुन कर येशु के पीछे हो लिये।


यह सुनते ही वह उठ खड़ी हुई और येशु से मिलने गयी।


आपके मुख से कोई अश्‍लील बात नहीं, बल्‍कि ऐसे शब्‍द निकलें, जो अवसर के अनुरूप हों, और दूसरों के निर्माण तथा कल्‍याण में सहायक हों।