जो मनुष्य दूसरों पर कृपा करता, और उधार देता है, जो न्यायपूर्वक प्रत्येक कार्य करता है, उसका कल्याण होता है।
नीतिवचन 13:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) व्यवहार-कुशल व्यक्ति बुद्धि से अपने कार्य करता है, परन्तु मूर्ख अपनी मूर्खता का प्रदर्शन करता है। पवित्र बाइबल हर एक विवेकी ज्ञानपूर्वक काम करता, किन्तु एक मूर्ख निज मूर्खता प्रकट करता है। Hindi Holy Bible सब चतुर तो ज्ञान से काम करते हैं, परन्तु मूर्ख अपनी मूढ़ता फैलाता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) सब चतुर तो ज्ञान से काम करते हैं, परन्तु मूर्ख अपनी मूढ़ता फैलाता है। नवीन हिंदी बाइबल प्रत्येक समझदार मनुष्य बुद्धि से कार्य करता है, परंतु मूर्ख अपनी मूर्खता का प्रदर्शन करता है। सरल हिन्दी बाइबल चतुर व्यक्ति के हर एक कार्य में ज्ञान झलकता है, किंतु मूर्ख अपनी मूर्खता ही उछालता रहता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 विवेकी मनुष्य ज्ञान से सब काम करता हैं, परन्तु मूर्ख अपनी मूर्खता फैलाता है। |
जो मनुष्य दूसरों पर कृपा करता, और उधार देता है, जो न्यायपूर्वक प्रत्येक कार्य करता है, उसका कल्याण होता है।
समझदार मनुष्य के हृदय में बुद्धि का निवास होता है; किन्तु मूर्ख मनुष्य बुद्धि के विषय में कुछ भी नहीं जानता।
बुद्धिमान के कंठ से ज्ञान की धारा प्रवाहित होती है; किन्तु मूर्ख अपने मुंह से केवल मूर्खता ही निकालता है।
जो मनुष्य घमण्डी और हठी है, जो अहंकार में डूबकर काम करता है, उसको ज्ञान की हंसी उड़ानेवाला कहते हैं।
मूर्ख के मुख से निकले शब्द आदि से अन्त तक मूर्खता से पूर्ण होते हैं: उसकी बात का अन्त दुष्टतापूर्ण पागलपन होता है।
जब मूर्ख मार्ग पर चलता है तब भी उसे समझ नहीं सूझती। वह सब राहगीरों से कहता है, ‘तुम मूर्ख हो।’
प्रभु कहता है : ‘देखो, मेरा सेवक सफल होगा; वह उन्नत होगा; वह ऊंचा उठाया जाएगा; वह अति महान होगा।
“देखो, मैं तुम्हें भेड़ियों के बीच भेड़ों की तरह भेज रहा हूँ। इसलिए साँप की तरह चतुर और कपोत की तरह निष्कपट बनो।
विश्वास के प्रति आप लोगों की आज्ञाकारिता की चर्चा सर्वत्र फैल गयी है—यह मेरे लिए आनन्द का विषय है। मैं चाहता हूँ कि आप भलाई में निपुण और बुराई के विषय में अनजान रहें।
भाइयो और बहिनो! सोच-विचार में बच्चे मत बनिए। हाँ, बुराई के संबंध में शिशु बने रहिए; किन्तु सोच-विचार में पूर्ण सयाने बनिए।
अब इस बात को समझिए, और देखिए कि क्या करना चाहिए। दाऊद और उनके सैनिक हमारे स्वामी और हमारे समस्त परिवार का अनिष्ट करने का निश्चय कर चुके हैं। उधर हमारे स्वामी का स्वभाव ऐसा है कि कोई उनसे बात भी नहीं कर सकता।’
स्वामी, मेरे उजड्ड पति नाबाल की बात पर ध्यान मत दीजिए। जैसा उनका नाम है, वैसे ही वह है। उजड्ड उनका नाम है, और उजड्डता उनका स्वभाव है। स्वामी, जिन सैनिकों को आपने भेजा था, उन्हें मैंने, आपकी सेविका ने नहीं देखा।