अबशालोम उससे कहता, ‘देखो, तुम्हारा मुकदमा उचित और न्याय-संगत है। परन्तु राजा की ओर से तुम्हारी बात को सुनने वाला कोई नहीं है।’
नीतिवचन 12:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रभु भले मनुष्य पर कृपा करता है, पर वह बुरी योजनाएं रचनेवाले को दण्ड देता है। पवित्र बाइबल सज्जन मनुष्य यहोवा की कृपा पाता है, किन्तु छल छंदी को यहोवा दण्ड देता है। Hindi Holy Bible भले मनुष्य से तो यहोवा प्रसन्न होता है, परन्तु बुरी युक्ति करने वाले को वह दोषी ठहराता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) भले मनुष्य से तो यहोवा प्रसन्न होता है, परन्तु बुरी युक्ति करनेवाले को वह दोषी ठहराता है। नवीन हिंदी बाइबल भले मनुष्य पर यहोवा कृपा करता है, परंतु बुरी युक्ति रचनेवाले को वह दोषी ठहराता है। सरल हिन्दी बाइबल धर्मी व्यक्ति को याहवेह की कृपादृष्टि प्राप्त हो जाती है, किंतु जो दुष्कर्म की युक्ति करता रहता है, उसके लिए याहवेह का दंड नियत है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 भले मनुष्य से तो यहोवा प्रसन्न होता है, परन्तु बुरी युक्ति करनेवाले को वह दोषी ठहराता है। |
अबशालोम उससे कहता, ‘देखो, तुम्हारा मुकदमा उचित और न्याय-संगत है। परन्तु राजा की ओर से तुम्हारी बात को सुनने वाला कोई नहीं है।’
जो मनुष्य दूसरों पर कृपा करता, और उधार देता है, जो न्यायपूर्वक प्रत्येक कार्य करता है, उसका कल्याण होता है।
राष्ट्र उस गड्ढे में गिर पड़े, जो उन्होंने खोदा था, वे स्वयं उस जाल में फंस गए, जो उन्होंने बिछाया था।
अत: तुम अपनी करनी का फल स्वयं भोगोगे; जो काम तुमने अपनी इच्छा से किए हैं, उनके फल से तुम अघा जाओगे।
जो मनुष्य शिक्षा से प्रेम करता है, वह ज्ञान-प्रिय भी होता है; पर जो डांट-फटकार से घृणा करता है, वह पशु के समान नासमझ है।
जो मनुष्य तुरन्त क्रोध करता है, वह मूर्खता का कार्य करता है; किन्तु जिसमें विवेक है, वह धीरज रखता है।
बुरी-बुरी योजनाएं बनानेवाले क्या पथभ्रष्ट नहीं होते? पर भली बातें सोचनेवालों से करुणा और सच्चाई का व्यवहार किया जाता है।
तब तू परमेश्वर और मनुष्य दोनों की दृष्टि में कृपा का पात्र होगा। तू अति बुद्धिमान बनेगा।
मेरे शिष्यो, जो मनुष्य मुझ को प्राप्त कर लेता है, वह जीवन को पा जाता है; वह प्रभु की कृपा का पात्र बन जाता है।
ऐसा कौन मनुष्य है जिसका वश प्राण पर चले, और वह प्राण के निकलते समय उसको रोक ले? मृत्यु के दिन पर मरनेवाले का अधिकार नहीं होता। युद्ध से छुटकारा नहीं मिलता, और न दुर्जन व्यक्ति अपनी दुर्जनता के कारण मृत्यु से बच सकता है।
क्योंकि वह भले मनुष्य थे और पवित्र आत्मा तथा विश्वास से परिपूर्ण थे। इस प्रकार बहुत-से लोग प्रभु में सम्मिलित हो गये।
धार्मिक मनुष्य के लिए शायद ही कोई अपने प्राण अर्पित करे। फिर भी हो सकता है कि भले मनुष्य के लिए कोई मरने को तैयार हो जाये,