अम्राम के ये पुत्र थे : हारून, मूसा और मिर्याम। हारून के ये पुत्र थे : नादाब, अबीहू, एलआजर और ईतामर।
निर्गमन 38:21 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) निवास-स्थान अर्थात् साक्षी-पत्र रखने के स्थान की सामग्री का यह विवरण है। मूसा की आज्ञा के अनुसार पुरोहित हारून के पुत्र ईतामर के निरीक्षण में लेवियों के सेवाकार्य के लिए सामग्री की गणना की गई थी। पवित्र बाइबल मूसा ने सभी लेवी लोगों को आदेश दिया कि वे तम्बू अर्थात् साक्षीपत्र का तम्बू बनाने में काम आई हुई चीज़ों को लिख लें। हारून का पुत्र ईतामार इस सूची को रखने का अधिकारी था। Hindi Holy Bible साक्षीपत्र के निवास का सामान जो लेवियों की सेवकाई के लिये बना; और जिसकी गिनती हारून याजक के पुत्र ईतामार के द्वारा मूसा के कहने से हुई थी, उसका वर्णन यह है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) साक्षीपत्र के निवास का सामान जो लेवियों के सेवाकार्य के लिये बना, और जिसकी गिनती हारून याजक के पुत्र ईतामार के द्वारा मूसा के कहने से हुई थी, उसका विवरण यह है। नवीन हिंदी बाइबल निवासस्थान अर्थात् साक्षीपत्र के निवासस्थान के सामान का विवरण यह है। मूसा की आज्ञा के अनुसार हारून याजक के पुत्र ईतामार की देखरेख में लेवियों द्वारा उनकी गिनती की गई थी। सरल हिन्दी बाइबल मोशेह के आदेश के अनुसार बनाए गए पवित्र स्थान और वाचा के पवित्र स्थान के निर्माण में जो जो सामग्रियां उपयोग में आई थीं, उन सभी की गिनती, जो पुरोहित अहरोन के पुत्र इथामार के नेतृत्व में लेवियों द्वारा की गई, वह इस प्रकार है: इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 साक्षीपत्र के निवास का सामान जो लेवियों के सेवाकार्य के लिये बना; और जिसकी गिनती हारून याजक के पुत्र ईतामार के द्वारा मूसा के कहने से हुई थी, उसका वर्णन यह है। |
अम्राम के ये पुत्र थे : हारून, मूसा और मिर्याम। हारून के ये पुत्र थे : नादाब, अबीहू, एलआजर और ईतामर।
अत: राजा योआश ने महापुरोहित यहोयादा को बुलाया, और उससे कहा, ‘आप जानते हैं, कि प्रभु के सेवक मूसा ने साक्षी-पत्र के शिविरके लिए इस्राएली धर्म-मण्डली पर कर लगाया था। तब आपने उप-पुरोहितों को यह कर इकट्ठा करने के लिए यहूदा प्रदेश के नगरों और यरूशलेम में क्यों नहीं भेजा, और उन पर दबाव क्यों नहीं डाला कि वे यह चन्दा वसूल करें?’
तुम यह कहते हो : “मेरा धर्म-सिद्धान्त पवित्र है; मैं परमेश्वर की दृष्टि में शुद्ध हूं।”
यदि तुम विनम्र भाव से सर्वशक्तिमान परमेश्वर की ओर लौटोगे, यदि तुम अपने निवास-स्थान से अधर्म को दूर करोगे,
तू अन्त:पट को अंकड़ों द्वारा लटकाना, और साक्षी-मंजूषा को अन्त:पट के पीछे भीतर ले आना। अन्त:पट तुम्हारे लिए पवित्र स्थान को महापवित्र स्थान से अलग करेगा।
जो आज्ञा प्रभु ने मूसा को दी थी, उसके अनुसार यहूदा-कुल के बसलएल ने, जो ऊरी का पुत्र और हूर का पौत्र था, सब तैयार किया।
हारून ने अम्मीनादाब की पुत्री और नहशोन की बहिन एलीशेबा से विवाह किया। उसने उससे नादब, अबीहू, एलआजर और ईतामर नामक पुत्रों को जन्म दिया।
तू साक्षी-शिविर, उसके सब उपकरण, तथा उसमें जो कुछ है, उन सब का प्रबन्ध करने के लिए लेवियों को नियुक्त करना। वे शिविर तथा उसके सब उपकरण ढोया करेंगे। वे ही उसकी देखभाल करेंगे। वे शिविर के चारों ओर अपना पड़ाव डाला करेंगे।
परन्तु लेवीय ही साक्षी-शिविर के चारों ओर पड़ाव डालेंगे, जिससे इस्राएलियों की मंडली पर मेरा प्रकोप न हो। लेवीय साक्षी-शिविर का उत्तरदायित्व संभालेंगे।’
तू अपने साथ अपने पैतृक लेवी-कुल के भाइयों को भी लाना, कि वे तेरे साथ रहें। जब तू और तेरे पुत्र साक्षी के तम्बू के सम्मुख होंगे तब वे तेरी सहायता करेंगे।
जिस दिन प्रभु का निवास-स्थान खड़ा किया गया, उस दिन उसको, साक्षी के तम्बू को, एक मेघ ने आच्छादित कर लिया। वह सन्ध्या के समय निवास-स्थान के ऊपर अग्नि के सदृश दिखाई दिया और वह सबेरे तक दिखाई देता रहा।
तब पतरस ने येशु से कहा, “प्रभु! यह हमारे लिए कितना अच्छा है कि हम यहाँ हैं। आप चाहें, तो मैं यहाँ तीन तम्बू खड़ा करूँ : एक आपके लिए, एक मूसा के लिए और एक एलियाह के लिए।”
“वास्तव में, निर्जन प्रदेश में हमारे पूर्वजों के पास साक्षी का तम्बू था। परमेश्वर ने मूसा को इसके विषय में यह आदेश दिया था, ‘तूने जो नमूना देखा है, उसी के अनुसार उसे बनाना।’
हम जानते हैं कि जब यह तम्बू, पृथ्वी पर हमारा यह घर, गिरा दिया जायेगा तो हमें परमेश्वर द्वारा निर्मित एक निवास मिलेगा। वह एक ऐसा घर है, जो हाथ का बना हुआ नहीं है और अनन्तकाल तक स्वर्ग में बना रहेगा।
उस वास्तविक पवित्र स्थान तथा शिविर के धर्मसेवक हैं जो मनुष्य द्वारा नहीं, बल्कि प्रभु द्वारा संस्थापित है।
किन्तु अब मसीह हमारे भावी कल्याण के महापुरोहित के रूप में आये हैं। उन्होंने एक ऐसे महान् और सिद्धतर शिविर को पार किया, जो मनुष्य के हाथ से नहीं बना और इस पृथ्वी का नहीं है।
मैं जब तक इस शरीर-रूपी शिविर में विद्यमान हूँ, आप लोगों को स्मरण दिला कर सचेत रखना अपना कर्त्तव्य समझता हूँ;
तब स्वर्ग में परमेश्वर का मन्दिर खुल गया और मन्दिर में परमेश्वर के विधान की मंजूषा दिखाई पड़ी। बिजलियाँ, वाणियाँ एवं मेघगर्जन उत्पन्न हुए, भूकम्प हुआ और भारी ओला-वृष्टि हुई।
तब मुझे सिंहासन से एक गम्भीर वाणी यह कहते सुनाई पड़ी, “देखो, यह है मनुष्यों के बीच परमेश्वर का निवास! वह उनके बीच निवास करेगा। वे उसकी प्रजा होंगे और परमेश्वर स्वयं उनके बीच रह कर उनका अपना परमेश्वर होगा।