ध्यान रखना कि ये वस्तुएँ अपने-अपने ढांचे के अनुरूप बनाई जाएँ, जो मैंने तुझे पहाड़ पर दिखाया है।
निर्गमन 25:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अपने निवास-स्थान के नमूने तथा उसके समस्त उपकरणों से सम्बन्धित जो वस्तुएँ मैं तुझे दिखाता हूँ, उन्हीं के अनुरूप तू उसे निर्मित करना। पवित्र बाइबल मैं तुम्हें दिखाऊँगा कि पवित्र तम्बू कैसा दिखाई पड़ना चाहिए। मैं तुम्हें दिखाऊँगा कि इसमें सभी चीज़ें कैसी दिखाई देनी चाहिए। जैसा मैंने दिखाया है हर एक चीज़ ठीक वैसे ही बनाओ। Hindi Holy Bible जो कुछ मैं तुझे दिखाता हूं, अर्थात निवासस्थान और उसके सब सामान का नमूना, उसी के अनुसार तुम लोग उसे बनाना॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो कुछ मैं तुझे दिखाता हूँ, अर्थात् निवास–स्थान और उसके सब सामान का नमूना, उसी के अनुसार तुम लोग उसे बनाना। नवीन हिंदी बाइबल निवासस्थान और उसके सब सामान का नमूना जो मैं तुझे दिखाऊँगा, उसी के अनुसार तुम इसे बनाना। सरल हिन्दी बाइबल पवित्र निवास स्थान के लिये जैसा मैं तुमको बताऊं वैसा ही सामान लेना और उसी तरीके से बनाना. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो कुछ मैं तुझे दिखाता हूँ, अर्थात् निवास-स्थान और उसके सब सामान का नमूना, उसी के अनुसार तुम लोग उसे बनाना। |
ध्यान रखना कि ये वस्तुएँ अपने-अपने ढांचे के अनुरूप बनाई जाएँ, जो मैंने तुझे पहाड़ पर दिखाया है।
इस प्रकार मिलन-शिविर के निवास-स्थान का निर्माण-कार्य समाप्त हुआ। जैसी प्रभु ने मूसा को आज्ञा दी थी, उसी के अनुसार इस्राएली समाज ने सब कार्य किए।
मूसा ने सब काम का निरीक्षण किया, और देखो, लोगों ने सब काम पूर्ण किया था। जैसी प्रभु ने मूसा को आज्ञा दी थी, उसी के अनुसार लोगों ने काम किया था। मूसा ने उन्हें आशीर्वाद दिया।
वे पवित्र-स्थान के सेवा-कार्य में प्रयुक्त होने वाले समस्त पात्रों को लेकर नीले वस्त्र में रख देंगे और उनको सूंस के चमड़े के आच्छादन से ढक देंगे। तत्पश्चात् उसको वाहक-खम्भे पर रखेंगे।
दीपाधार सोना ढालकर बनाया गया था। उसकी कारीगरी इस प्रकार थी : वह अपने आधार से फूलों तक ढाल कर बनाया गया था। जैसा ढांचा प्रभु ने मूसा को दिखाया, उसी के अनुरूप उन्होंने दीपाधार बनाया था।
“वास्तव में, निर्जन प्रदेश में हमारे पूर्वजों के पास साक्षी का तम्बू था। परमेश्वर ने मूसा को इसके विषय में यह आदेश दिया था, ‘तूने जो नमूना देखा है, उसी के अनुसार उसे बनाना।’
उस वास्तविक पवित्र स्थान तथा शिविर के धर्मसेवक हैं जो मनुष्य द्वारा नहीं, बल्कि प्रभु द्वारा संस्थापित है।
यद्यपि वे एक ऐसे आराधना-स्थल में आराधना करते हैं जो स्वर्ग की वास्तविकता की प्रतिकृति और छाया मात्र है। यही कारण है कि जब मूसा शिविर का निर्माण करने वाले थे, तो उन्हें परमेश्वर की ओर से यह आदेश मिला, “देखो, जो नमूना तुम्हें पर्वत पर दिखाया गया, उसी के अनुसार तुम सब कुछ बनाना।”
एक शिविर खड़ा कर दिया गया। उसके अगले कक्ष में दीपाधार था, मेज थी और भेंट की रोटियाँ थीं। यह पवित्र-स्थान कहलाता था।
वह वर्तमान समय का प्रतीक है। वहाँ जो भेंट और बलि चढ़ायी जाती है, वह उपासक के आभ्यन्तर को पूर्णता तक नहीं पहुँचा सकती।