अब्राहम ने उत्तर दिया, ‘मैंने यह कार्य इसलिए किया : मैं सोचता था कि इस स्थान में परमेश्वर का भय किसी को नहीं है। इसलिए वे मुझे मेरी पत्नी के कारण मार डालेंगे।
निर्गमन 1:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परन्तु दाइयां परमेश्वर से डरती थीं। अत: उन्होंने मिस्र देश के राजा के आदेशानुसार नहीं किया। उन्होंने लड़कों को जीवित रहने दिया। पवित्र बाइबल किन्तु धाइयों ने परमेश्वर पर विश्वास? किया। इसलिए उन्होंने मिस्र के राजा के आदेश का पालन नहीं किया। उन्होंने सभी लड़कों को जीवित रहने दिया। Hindi Holy Bible परन्तु वे धाइयां परमेश्वर का भय मानती थीं, इसलिये मिस्र के राजा की आज्ञा न मानकर लड़कों को भी जीवित छोड़ देती थीं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु वे धाइयाँ परमेश्वर का भय मानती थीं, इसलिये मिस्र के राजा की आज्ञा न मानकर लड़कों को भी जीवित छोड़ देती थीं। नवीन हिंदी बाइबल परंतु वे दाइयाँ परमेश्वर का भय मानती थीं, इसलिए वे मिस्र के राजा की आज्ञा न मानकर लड़कों को भी जीवित छोड़ देती थीं। सरल हिन्दी बाइबल किंतु धायें परमेश्वर का भय मानने वालीं थीं. इस कारण उन्होंने राजा की बात नहीं मानी; वे पुत्रों को जीवित छोड़ती चली गईं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु वे दाइयाँ परमेश्वर का भय मानती थीं, इसलिए मिस्र के राजा की आज्ञा न मानकर लड़कों को भी जीवित छोड़ देती थीं। |
अब्राहम ने उत्तर दिया, ‘मैंने यह कार्य इसलिए किया : मैं सोचता था कि इस स्थान में परमेश्वर का भय किसी को नहीं है। इसलिए वे मुझे मेरी पत्नी के कारण मार डालेंगे।
यूसुफ ने तीसरे दिन उनसे कहा, ‘यह कार्य करो तो तुम जीवित रहोगे, क्योंकि मैं परमेश्वर से डरता हूँ।
किन्तु राजा ने योआब और सेना-नायकों को बाध्य किया कि वे उसके आदेश का पालन करें। अत: योआब और सेना-नायक इस्राएली पुरुषों की गणना करने के लिए राजा के दरबार से बाहर निकले।
मुझसे पहले के राज्यपालों ने जनता पर भारी बोझ डाला था। वे जनता से प्रति व्यक्ति कर के रूप में चांदी के चालीस सिक्कों के अतिरिक्त भोजन-वस्तु और अंगूररस भी लेते थे। इतना ही नहीं, उनके सरकारी कर्मचारी भी जनता पर अधिकार जताया करते थे। परन्तु मैं ऐसा नहीं करता था, क्योंकि मैं परमेश्वर से डरता था।
सम्राट क्षयर्ष के सेवकों ने, जो राजमहल के द्वारपाल थे, मोरदकय से कहा, ‘तुम महाराज के आदेश का उल्लंघन क्यों करते हो?’
अहा! तेरी भलाई कितनी अपार है; जिसको तूने उन लोगों के लिए रख छोड़ा है जो तुझ से डरते हैं; और मानव सन्तान के समक्ष उन के लिए रचा है जो तेरी शरण में आते हैं।
मिस्र देश के राजा ने दाइयों को बुलाकर उनसे पूछा, ‘तुमने यह कार्य क्यों किया? क्यों लड़कों को जीवित रहने दिया?’
दुष्कर्म का प्रायश्चित्त करुणा और सच्चाई है; प्रभु की भक्ति करने से मनुष्य बुराई से बचा रहता है।
बुराई से घृणा करना ही प्रभु की भक्ति करना है; मैं घमण्ड, अहंकार और दुराचरण से, छल-कपटपूर्ण बातों से घृणा करती हूं।
जो कुछ तुमने सुना, उसका सार यह है : तुम परमेश्वर पर श्रद्धा रखो, और उसकी आज्ञाओं का पालन करो; क्योंकि मनुष्य का सम्पूर्ण धर्म यही है।
यद्यपि पापी मनुष्य सौ बार दुष्कर्म करता है, और उसे दण्ड नहीं मिलता, वह लम्बी उम्र तक जीवित रहता है, तथापि मैं यह जानता हूं कि परमेश्वर से डरनेवालों का अन्त में भला ही होता है। परमेश्वर उनका भला करता है, क्योंकि वे उससे डरते हैं।
अध्यक्षों और क्षत्रपों ने सम्राट दारा के सम्मुख कहा, “महाराज, वह दानिएल, जो यहूदा प्रदेश के निष्कासितों में से एक हैं, आपकी उपेक्षा करते हैं। जिस निषेधाज्ञा-पत्र पर आपने हस्ताक्षर किया है, वह उस पर ध्यान नहीं देते। महाराज, वह अपने परमेश्वर से दिन में तीन बार विनती करते हैं।’
एफ्रइम अत्याचारी है, वह न्याय का गला घोंट रहा है। वह निस्सारता के पीछे हाथ धोकर पड़ा है।
ओ यहूदा कुल! तूने राजा ओमरी की संविधियों को माना, तूने अहाब के राजवंश के कार्यों के अनुरूप कार्य किया। तूने उनके परामर्श के अनुसार आचरण किया। अत: मैं तुझे उजाड़ दूंगा। तेरे नागरिकों को उपहास का पात्र बना दूंगा। तू अन्य कौमों की निन्दा सहेगा।’
“उन से नहीं डरो, जो शरीर को मार डालते हैं, किन्तु आत्मा को नहीं मार सकते; बल्कि उससे डरो, जो शरीर और आत्मा, दोनों को नरक में नष्ट कर सकता है।
मैं तुम्हें बताता हूँ कि किस से डरना चाहिए। उस से डरो, जिसमें तुम्हें मारने के बाद नरक में डालने की शक्ति है। हाँ, मैं तुम से कहता हूँ, उसी से डरो।
इस पर पतरस और अन्य प्रेरितों ने यह उत्तर दिया, “हमें मनुष्यों की आज्ञा की अपेक्षा परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना चाहिए।
जो अंगरक्षक राजा के आस-पास खड़े थे, उन्हें राजा ने आदेश दिया, ‘आगे बढ़ो, और प्रभु के पुरोहितों का वध करो। इन्होंने भी दाऊद के हाथ मजबूत किए हैं। ये जानते थे कि दाऊद भाग गया है। फिर भी इन्होंने मुझ पर यह भेद प्रकट नहीं किया।’ परन्तु राजा के सेवकों ने प्रभु के पुरोहितों का वध करने के लिए अपना हाथ उठाना अस्वीकार कर दिया।