एलाम वंश के शकन्याह बेन-यहीएल ने एज्रा से कहा, ‘हमने अपने परमेश्वर के विरुद्ध विश्वासघात किया, और इस देश में रहने वाली विदेशी जातियों की कन्याओं से विवाह किया। पर इस अपराध के बावजूद इस्राएली कौम के बचने की अब भी आशा शेष है।
नहेम्याह 13:27 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्या हम तुम्हारी बात सुनें और ऐसा महा दुष्कर्म करें? क्या हम विदेशी कौमों की कन्याओं से विवाह कर अपने परमेश्वर के प्रति ऐसा विश्वसघात करेंगे? कदापि नहीं।’ पवित्र बाइबल और अब क्या, हम तुम्हारी सुनें और वैसा ही भयानक पाप करें और विजाति औरतों के साथ विवाह करके अपने परमेश्वर के प्रति सच्चे नहीं रहें।” Hindi Holy Bible तो क्या हम तुम्हारी सुनकर, ऐसी बड़ी बुराई करें कि अन्यजाति की स्त्रियां ब्याह कर अपने परमेश्वर के विरुद्ध पाप करें? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तो क्या हम तुम्हारी सुनकर, ऐसी बड़ी बुराई करें कि अन्यजाति की स्त्रियों से विवाह कर के अपने परमेश्वर के विरुद्ध पाप करें?” सरल हिन्दी बाइबल तब क्या यह सही होगा कि हम आपसे सहमत होकर यह बड़ी बुराई करें और विदेशी स्त्रियों से विवाह करने के द्वारा अपने परमेश्वर के विरुद्ध विश्वासघात करें?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तो क्या हम तुम्हारी सुनकर, ऐसी बड़ी बुराई करें कि अन्यजाति की स्त्रियों से विवाह करके अपने परमेश्वर के विरुद्ध पाप करें?” |
एलाम वंश के शकन्याह बेन-यहीएल ने एज्रा से कहा, ‘हमने अपने परमेश्वर के विरुद्ध विश्वासघात किया, और इस देश में रहने वाली विदेशी जातियों की कन्याओं से विवाह किया। पर इस अपराध के बावजूद इस्राएली कौम के बचने की अब भी आशा शेष है।
अब हम क्या पुन: तेरी आज्ञाओं का उल्लंघन करें; और घृणित प्रथाओं को मानने वाली जातियों के साथ विवाह-सम्बन्ध स्थापित करें? तब क्या तू हम से क्रुद्ध न होगा, और हमें जड़-मूल से नष्ट नहीं कर देगा, कि हमारी कौम का कोई चिह्न शेष न रहे, एक भी इस्राएली तेरे दण्ड से भाग न सके?
यदि इन कौमों के व्यापारी विश्राम-दिवस पर बेचने के लिए सामान, अथवा अन्न लाएंगे, तो हम विश्राम-दिवस पर, पवित्र दिन पर, उसको नहीं खरीदेंगे। ‘हम हर सातवें वर्ष खेती योग्य भूमि पर फसल नहीं उगाएंगे, और अपने कर्जदारों का ऋण माफ कर देंगे।
उन्हीं दिनों में मैंने ऐसे अनेक यहूदी देखे जिन्होंने गैर-यहूदी कौम, अर्थात् अश्दोदी, अम्मोनी और मोआबी कौमों की कन्याओं से विवाह किया था।
इस विषय में कौन व्यक्ति तुम्हारी बात सुनेगा? जैसा हिस्सा युद्ध-भूमि में जाने वाले का है वैसा ही हिस्सा सामान के पास रहने वाले का है दोनों को बराबर-बराबर हिस्सा मिलेगा।’