अत: वे सामरी नगर के प्रवेश द्वार पर आए। उन्होंने द्वारपालों को पुकारा, ‘हम सीरियाई सेना के पड़ाव पर गए थे। वहां एक भी सैनिक नहीं है। हमने वहां किसी आदमी की आवाज भी नहीं सुनी। वहां केवल बन्धे हुए घोड़े और गधे हैं। तम्बू जैसे के तैसे खड़े हैं।’
नहेम्याह 12:25 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मत्तन्याह, बकबुक्याह, ओबद्याह, मशुल्लाम, तल्मोन और अक्कूब द्वारपाल थे। ये मन्दिर के द्वारों के समीप बने भण्डार-गृहों पर पहरा देते थे। पवित्र बाइबल जो द्वारपाल द्वारों के पास के कोठियारों पर पहरा देते थे, वे ये थे: मत्तन्याह, बकबुकियाह, ओबाद्याह, मशुल्लाम, तलमोन और अक्कूब। Hindi Holy Bible मत्तन्याह, बकबुक्याह, ओबद्याह, मशुल्लाम, तल्मोन और अक्कूब फाटकों के पास के भणडारों का पहरा देने वाले द्वारपाल थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मत्तन्याह, बकबुक्याह, ओबद्याह, मशुल्लाम, तल्मोन और अक्कूब फाटकों के पास के भण्डारों का पहरा देनेवाले द्वारपाल थे। सरल हिन्दी बाइबल मत्तनियाह, बकबुकियाह, ओबदिया, मेशुल्लाम, तालमोन और अक्कूब द्वारपाल थे, जो फाटकों के पास के भंडारों की चौकसी करते रहते थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मत्तन्याह, बकबुक्याह, ओबद्याह, मशुल्लाम, तल्मोन और अक्कूब फाटकों के पास के भण्डारों का पहरा देनेवाले द्वारपाल थे। |
अत: वे सामरी नगर के प्रवेश द्वार पर आए। उन्होंने द्वारपालों को पुकारा, ‘हम सीरियाई सेना के पड़ाव पर गए थे। वहां एक भी सैनिक नहीं है। हमने वहां किसी आदमी की आवाज भी नहीं सुनी। वहां केवल बन्धे हुए घोड़े और गधे हैं। तम्बू जैसे के तैसे खड़े हैं।’
‘इस प्रकार वे मिलन-शिविर तथा पवित्र-स्थान का दायित्व संभालेंगे। वे मन्दिर में प्रभु की आराधना में पुरोहितों की, अपने चचेरे भाई-बन्धुओं, हारून के वंशजों की सहायता करेंगे।’
पितृकुलों के अगुओं से ही द्वारपालों के दल संगठित किए गए थे। ये अपने चचेरे भाई-बन्धुओं के साथ प्रभु के भवन में सेवा-कार्य करते थे।
दक्षिणी द्वार के लिए ओबेद-एदोम के नाम पर चिट्ठी निकली। उसके पुत्रों को भण्डार-गृह सौंपा गया।
पूर्वी द्वार पर छ: लेवीय पहरेदार थे, जो प्रतिदिन पहरा देते थे। उत्तरी द्वार पर चार थे। वे भी प्रतिदिन पहरा देते थे। दक्षिणी द्वार पर चार पहरेदार नियुक्त थे, जो प्रतिदिन पहरा देते थे। दोनों भण्डारगृहों के दो-दो पहरेदार थे।
उसके पिता दाऊद ने पुरोहितों और उप-पुरोहितों के सेवा-कार्य अलग-अलग बांट दिए थे। उसने अपने पिता के प्रबन्ध के अनुसार ऐसा ही किया: उसने पुरोहित-कार्य सम्पन्न करने के लिए पुरोहितों के दल बनाए, और उनकी बारी निश्चित कर दी। उसने उप-पुरोहितों का गायक-दल नियुक्त किया। ये उप-पुरोहित आराधना के समय न केवल वाद्य-यन्त्र बजाते थे, बल्कि वे दैनिक आराधना में पुरोहितों की सहायता भी करते थे। राजा सुलेमान ने मन्दिर के प्रवेश-द्वारों पर पहरा देने के लिए उप-पुरोहितों के अनेक दल बना दिए थे। इस प्रकार उप-पुरोहित द्वारपाल भी थे; क्योंकि परमेश्वर के जन दाऊद ने ऐसा ही आदेश दिया था।
यह भयानक दृश्य देखनेवाले ने पुकारा : “ओ स्वामी, मैं दिन भर मीनार पर खड़ा-खड़ा पहरा देता रहा, मैंने चौकी पर रातें व्यतीत कीं।