ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




दानिय्येल 4:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

“महाराज, जो वृक्ष आपने देखा, और जो बढ़कर मजबूत हो गया, और जो इतना बढ़ा कि उसका शिखर आकाश को छूने लगा, और इतना ऊंचा हो गया कि आकाश के छोर से दिखाई देने लगा;

अध्याय देखें

पवित्र बाइबल

आपने सपने में एक वृक्ष देखा था। वह वृक्ष बड़ा हुआ और मज़बूत बन गया। वृक्ष की चोटी आसमान छू रही थी। धरती में हर कही से वह वृक्ष दिखाई देता था। उसकी पत्तियाँ सुन्दर थीं और उस पर बहुतायत में फल लगे थे। उन फलो से हर किसी को पर्याप्त भोजन मिलता था। जंगली पशुओं का तो वह घर ही था और उसकी शाखाओं पर चिड़ियों ने बसेरा किया हुआ था। तुमने सपने में ऐसा वृक्ष देखा था।

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

जिस वृक्ष हो तू ने देखा, जो बड़ा और दृढ़ हो गया, और जिसकी ऊंचाई स्वर्ग तक पहुंची और जो पृथ्वी के सिरे तक दिखाई देता था;

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जिस वृक्ष को तू ने देखा, जो बड़ा और दृढ़ हो गया, और जिसकी ऊँचाई स्वर्ग तक पहुँची और जो पृथ्वी के सिरे तक दिखाई देता था;

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

वह पेड़ जिसे आपने देखा, जो बड़ा होकर मजबूत हो गया, जिसका सिरा आकाश को छूने लगा था, और जिसे सारी पृथ्वी से देखा जा सकता था,

अध्याय देखें

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जिस वृक्ष को तूने देखा, जो बड़ा और दृढ़ हो गया, और जिसकी ऊँचाई स्वर्ग तक पहुँची और जो पृथ्वी के सिरे तक दिखाई देता था;

अध्याय देखें



दानिय्येल 4:20
4 क्रॉस रेफरेंस  

जब वह जड़ से उखड़ेगा और भूमि पर गिरेगा तब उसके धमाके से सब राष्‍ट्रों के दिल कांप उठेंगे। मैं कबर में जानेवाले मृतक के समान उसको अधोलोक में फेंक दूंगा। तब अदन की वाटिका के वृक्ष तथा लबानोन के सर्वोत्तम वृक्ष, जिनको भरपूर पानी मिलता है, अधोलोक में शान्‍ति की सांस लेंगे।


मैंने तुमको लबानोन के देवदार के विशाल वृक्ष के समान विकसित किया है, जिसकी सुन्‍दर शाखाएं होती हैं, जो सघन वन के समान शीतल छाया देता है; जिसकी ऊंचाई आसमान को छूती है, जिसकी चोटी बादलों में छिप जाती है।


जिसकी पत्तियां दिखने में सुन्‍दर थीं, और जो फलों से लदा था; जिसमें इतने फल लगे थे कि उनको खाकर सब प्राणी तृप्‍त हो सकते थे; जिसकी छांव में सब वन-पशु बसेरा कर रहे थे; और जिसकी शाखाओं पर आकाश के पक्षियों ने घोंसले बनाए थे,