सबेरे उसकी आत्मा व्याकुल थी। उसने दूत भेजकर अपने सब तान्त्रिकों और विद्वानों को बुलाया। फरओ ने उनको अपने स्वप्न सुनाए। पर कोई भी फरओ को उनका अर्थ न बता सका।
दानिय्येल 2:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) राजा नबूकदनेस्सर ने आदेश दिया कि ज्योतिषी, तांत्रिक, शकुन विचारनेवाले तथा कसदी पंडित बुलाए जाएं ताकि वे राजा को उसका स्वप्न बताएं। अत: वे आए और राजा के सम्मुख खड़े हो गए। पवित्र बाइबल सो राजा ने अपने समझदार लोगों को अपने पास बुलाया। वे लोग जादू—टोना किया करते थे, और तारों को देखा करते थे। सपनों का फल बताने के लिये वे ऐसा किया करते थे। वे ऐसा इसलिये करते थे कि जो कुछ भविष्य में घटने वाला है, वे उसे जान जायें। राजा उन लोगों से यह चाहता था कि वे, उसके बारे में उसे बतायें जो सपना उसने देखा है। सो वे भीतर आये और आकर राजा के आगे खड़े हो गये। Hindi Holy Bible तब राजा ने आज्ञा दी, कि ज्योतिषी, तन्त्री, टोनहे और कसदी बुलाए जाएं कि वे राजा को उसका स्वप्न बताएं; सो वे आए और राजा के साम्हने हाजिर हुए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब राजा ने आज्ञा दी, कि ज्योतिषी, तंत्री, टोनहे और कसदी बुलाए जाएँ कि वे राजा को उसका स्वप्न बताएँ; इसलिये वे आए और राजा के सामने हाज़िर हुए। सरल हिन्दी बाइबल इसलिये राजा ने आदेश दिया कि जादूगरों, टोन्हों, तांत्रिकों और ज्योतिषियों को बुलाया जाए कि वे राजा को उसका स्वप्न बताएं. जब वे आकर राजा के सामने खड़े हुए, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब राजा ने आज्ञा दी, कि ज्योतिषी, तांत्रिक, टोन्हे और कसदी बुलाए जाएँ कि वे राजा को उसका स्वप्न बताएँ; इसलिए वे आए और राजा के सामने हाजिर हुए। |
सबेरे उसकी आत्मा व्याकुल थी। उसने दूत भेजकर अपने सब तान्त्रिकों और विद्वानों को बुलाया। फरओ ने उनको अपने स्वप्न सुनाए। पर कोई भी फरओ को उनका अर्थ न बता सका।
सम्राट की यह नीति थी कि वह विधि और न्याय-शास्त्र के आचार्यों से परामर्श ले, जो परंपराओं से परिचित थे।
फरओ ने विद्वानों और तान्त्रिकों को बुलाया। मिस्र देश के जादूगरों ने भी अपने तन्त्र-मन्त्र से वैसा ही किया।
मिस्र-निवासियों का उत्साह ठण्डा पड़ जाएगा : मैं उनकी योजनाओं को निरर्थक कर दूंगा। तब वे मार्गदर्शन के लिए अपनी देव-मूर्तियों, झाड़-फूंक करनेवालों, प्रेतसाधकों और टोनहों के पास जाएंगे।
ओ मेरे शिष्यो! जब लोग तुमसे यह कहेंगे, ‘बुदबुदानेवाले और गुनगुनानेवाले भूत-प्रेत के साधकों और जादू-टोना करनेवालों से मार्गदर्शन प्राप्त करो’ तो तुम यह कहना, ‘क्या हमें परमेश्वर से मार्गदर्शन नहीं प्राप्त करना चाहिए? क्या जीवित जाति के लिए मुर्दों से मार्ग-दर्शन प्राप्त करना उचित है?’
वे चारों राजा की सेवा में उपस्थित होने लगे। जब कभी राजा बुद्धि और समझ के विषय में उनसे कोई प्रश्न पूछता, तब उनका उत्तर सुनकर राजा को यह अनुभव होता कि वे उसके राज्य भर के सब ज्योतिषियों और तांत्रिकों से दस गुना अधिक प्रवीण हैं।
वे जवान होने चाहिए तथा उनमें किसी प्रकार का शारीरिक दोष न हो। वे देखने में सुन्दर हों और सब प्रकार से बुद्धिमान हों। वे ज्ञान से परिपूर्ण और विद्वान हों। वे राजभवन में सेवा करने के योग्य हों। जब वे बेबीलोन में आ जायें तब उन्हें कसदी कौम का साहित्य और भाषा सिखाना।’ मुख्य खोजा अशपनज ने राजा नबूकदनेस्सर के आदेश का पालन किया।
कसदी पंडितों ने राजा को उत्तर दिया, ‘महाराज, संसार में ऐसा कोई मनुष्य नहीं है जो आपकी बात को पूरा कर सके। किसी भी महान और शक्तिशाली सम्राट ने ज्योतिषियों, तांत्रिकों, और कसदी पंडितों से कभी ऐसी बात नहीं पूछी।
दानिएल ने राजा को उत्तर दिया, “महाराज, जो रहस्य की बात आपने पूछी है, उसको न पंडित, न तांत्रिक, न ज्योतिषी और न शकुन विचारनेवाले बता सकते हैं, यह किसी मनुष्य से संभव नहीं है।
पर उसी समय कुछ कसदी पंडित राजा नबूकदनेस्सर के पास गए, और उन्होंने यहूदियों के प्रति द्वेष के कारण राजा से उनकी चुगली खाई।
परमेश्वर के चिह्न कितने भव्य हैं, उसके अद्भुत कार्य कितने सामर्थ्यपूर्ण हैं! उसका राज्य शाश्वत राज्य है, उसका शासन पीढ़ी से पीढ़ी तक बना रहता है।
अत: मैंने एक राजाज्ञा प्रसारित की कि बेबीलोन देश के सब दरबारी विद्वान मेरे सम्मुख प्रस्तुत हों और मुझे मेरे स्वप्न का अर्थ बताएं।
उसने उच्च स्वर में आदेश दिया कि तांत्रिक, कसदी पंडित और शकुन विचारनेवाले उसके सम्मुख प्रस्तुत किए जाएं। तांत्रिक, कसदी पंडित और शकुन विचारने वाले आए। राजा ने बेबीलोन के इन ज्ञानियों से कहा, “जो व्यक्ति दीवार के इस लेख को पढ़ लेगा, और उसका अर्थ मुझे बताएगा, मैं उसको राजसी वस्त्र से विभूषित करूंगा। उसके गले में सोने की माला डालूंगा, और वह मेरे राज्य का तीसरा प्रमुख शासक होगा।’
पलिश्ती लोगों ने अपने पुरोहित और भविष्यवाणी करनेवालों को बुलाया। उन्होंने उनसे पूछा, ‘हमें प्रभु की मंजूषा के साथ क्या करना चाहिए? हमें उसके साथ, उसके स्थान को क्या भेजना चाहिए?’