क्या उसको बेकार की बातों से अपनी सफाई देना चाहिए; या ऐसी बातों से जिनका कोई परिणाम नहीं निकलता?
तीतुस 3:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) निरर्थक विवादों, वंशावलियों, दलबन्दी और व्यवस्था सम्बन्धी झगड़ों से दूर रहो। यह सब अलाभकर और व्यर्थ है। पवित्र बाइबल वंषावली सम्बन्धी विवादों, व्यवस्था सम्बन्धी झगड़ों झमेलों और मूर्खतापूर्ण मतभेदों से बचा रह क्योंकि उनसे कोई लाभ नहीं, वे व्यर्थ हैं। Hindi Holy Bible पर मूर्खता के विवादों, और वंशावलियों, और बैर विरोध, और उन झगड़ों से, जो व्यवस्था के विषय में हों बचा रह; क्योंकि वे निष्फल और व्यर्थ हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पर मूर्खता के विवादों, और वंशावलियों, और विरोध और झगड़ों से जो व्यवस्था के विषय में हों, बचा रह; क्योंकि वे निष्फल और व्यर्थ हैं। नवीन हिंदी बाइबल परंतु मूर्खतापूर्ण विवादों और वंशावलियों, तथा व्यवस्था से संबंधित मतभेदों और झगड़ों से दूर रह; क्योंकि वे अहितकारी और व्यर्थ हैं। सरल हिन्दी बाइबल मूर्खता भरे विवादों, वंशावली संबंधी झगड़े, व्यवस्था संबंधी वाद-विवाद से दूर रहो क्योंकि ये निष्फल और व्यर्थ हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पर मूर्खता के विवादों, और वंशावलियों, और बैर विरोध, और उन झगड़ों से, जो व्यवस्था के विषय में हों बचा रह; क्योंकि वे निष्फल और व्यर्थ हैं। |
क्या उसको बेकार की बातों से अपनी सफाई देना चाहिए; या ऐसी बातों से जिनका कोई परिणाम नहीं निकलता?
मुझे भले ही नबूवत करने का वरदान मिला हो, मैं सभी रहस्य जानता होऊं, मुझे समस्त ज्ञान प्राप्त हो गया हो, मेरा विश्वास इतना परिपूर्ण हो कि मैं पहाड़ों को हटा सकूँ; किन्तु यदि मुझ में प्रेम का अभाव है, तो मैं कुछ भी नहीं हूँ।
अब मूर्तियों को अर्पित मांस के विषय में। इसके संबंध में हम सब को ज्ञान प्राप्त है-यह मानी हुई बात है; किन्तु वह ‘ज्ञान’ मनुष्य को अहंकारी बनाता है, जब कि प्रेम निर्माण करता है।
लोगों को इन बातों का स्मरण दिलाते रहो और परमेश्वर को साक्षी बना कर उन से अनुरोध करो कि निरे शब्दों के विषय में वाद-विवाद न करें। इससे कोई लाभ नहीं होता, बल्कि यह सुननेवालों के विनाश का कारण बन जाता है।
अधार्मिक शब्द-आडम्बर से अलग रहो। जो लोग उसमें लगे रहते हैं, वे धर्म के मार्ग से और दूर भटक जाते हैं,
और यहूदियों की कल्पित कथाओं तथा सत्य का तिरस्कार करने वाले मनुष्यों के आदेशों पर ध्यान न दें।
आप लोगों में द्वेष और लड़ाई-झगड़ा कहां से आता है? क्या इसका कारण यह नहीं है कि आपकी वासनाएँ आप के अन्दर लड़ाई करती हैं?