तीतुस 3:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) विधि-विशेषज्ञ जेनास और अपुल्लोस की यात्रा का अच्छा प्रबन्ध करो, जिससे उन्हें किसी बात की कमी न हो। पवित्र बाइबल वकील जेनास और अप्पुलोस को उनकी यात्रा के लिए जो कुछ आवश्यक हो, उसके लिए तुम भरपूर सहायता जुटा देना ताकि उन्हें किसी बात की कोई कमी न रहे। Hindi Holy Bible जेनास व्यवस्थापक और अपुल्लोस को यत्न करके आगे पहुंचा दे, और देख, कि उन्हें किसी वस्तु की घटी न होने पाए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जेनास व्यवस्थापक और अपुल्लोस को यत्न करके आगे पहुँचा दे, और देख कि उन्हें किसी वस्तु की घटी न होने पाए। नवीन हिंदी बाइबल वकील जेनास और अपुल्लोस की यात्रा में हर संभव सहायता करना, ताकि उन्हें किसी बात की घटी न हो। सरल हिन्दी बाइबल अपोल्लॉस और विधि-विशेषज्ञ ज़ेनॉस की यात्रा में हर प्रकार से सहायता करना कि उन्हें किसी प्रकार की कमी न हो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जेनास व्यवस्थापक और अपुल्लोस को यत्न करके आगे पहुँचा दे, और देख, कि उन्हें किसी वस्तु की घटी न होने पाए। |
तब व्यवस्था का एक आचार्य उठा और येशु की परीक्षा करने के लिए उसने यह पूछा, “गुरुवर! शाश्वत जीवन का उत्तराधिकारी बनने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?”
इस पर व्यवस्था के एक आचार्य ने येशु से कहा, “गुरुवर! आप ऐसी बातें कह कर हमारा भी अपमान करते हैं।”
“व्यवस्था के आचार्यो, धिक्कार है तुम लोगों को! क्योंकि तुम ने ज्ञान की कुंजी ली तो है। पर तुम ने स्वयं प्रवेश नहीं किया, और जो प्रवेश कर रहे थे, उन्हें रोक दिया।”
येशु ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए व्यवस्था के आचार्यों तथा फरीसियों से पूछा, “विश्राम के दिन स्वस्थ करना उचित है या नहीं?”
परन्तु फरीसियों और व्यवस्था के आचार्यों ने उनका बपतिस्मा ग्रहण नहीं कर अपने विषय में परमेश्वर की योजना व्यर्थ कर दी।
अन्ताकिया की कलीसिया ने उन्हें विदा किया। उन्होंने फीनीके तथा सामरी प्रदेशों से हो कर यात्रा की और वहाँ के भाई-बहिनों को बताया कि गैर-यहूदी किस प्रकार परमेश्वर की ओर अभिमुख हुए। यह विवरण देकर उन्होंने सब को बहुत आनन्दित किया।
उस समय अपुल्लोस नामक यहूदी इफिसुस नगर पहुँचा। उसका जन्म सिकन्दरिया में हुआ था। वह शक्तिशाली वक्ता और धर्मग्रन्थ का पण्डित था।
जिस समय अपुल्लोस कुरिन्थुस नगर में था, पौलुस भीतरी प्रदेशों का दौरा समाप्त कर इफिसुस पहुँचे। वहां उन्हें कुछ शिष्य मिले।
जब ये दिन पूरे हुए और हम विदा लेकर जाने वाले थे, तो सब लोग, स्त्रियों तथा बच्चों सहित, नगर के बाहर तक हमें पहुंचाने आये। हमने समुद्र-तट पर घुटने टेक कर प्रार्थना की
इसलिए लोगों ने बहुत उपहार देकर हमारा आदर-सम्मान किया और जब हम वहाँ से चलने लगे, तो जो कुछ हमें जरूरी था, उन्होंने वह सब जुटा दिया।
स्पेन देश जाते समय आप लोगों के यहाँ आऊं। मुझे आशा है कि मैं उस यात्रा में आप लोगों के दर्शन करूँगा और कुछ समय तक आपकी संगति का लाभ उठाने के बाद आप लोगों की सहायता से स्पेन की यात्रा कर सकूँगा।
उनकी उपेक्षा कोई नहीं करे। आप लोग मेरे पास उनके सकुशल वापस आने का प्रबन्ध करें, क्योंकि मैं भाइयों के साथ उनकी प्रतीक्षा कर रहा हूँ।
भाई अपुल्लोस के विषय में मुझे यह कहना है कि मैंने उनसे बहुत अनुरोध किया कि वह भाइयों के साथ आप के यहाँ जायें, किन्तु वह अभी एकदम जाना नहीं चाहते। अवकाश मिलने पर वह आयेंगे।