स्वामी ने उससे कहा, ‘दुष्ट सेवक! मैं तेरे ही शब्दों से तेरा न्याय करूँगा। तू जानता था कि मैं निर्दय व्यक्ति हूँ। मैंने जो जमा नहीं किया, उसे निकालता हूँ और जो नहीं बोया, उसे काटता हूँ।
तीतुस 3:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) कि ऐसा व्यक्ति पथभ्रष्ट और पापी है। वह स्वयं अपने को दोषी ठहराता है। पवित्र बाइबल क्योंकि तुम जानते हो कि ऐसा व्यक्ति मार्ग से भटक गया है और पाप कर रहा है। उसने तो स्वयं अपने को दोषी ठहराया है। Hindi Holy Bible यह जानकर कि ऐसा मनुष्य भटक गया है, और अपने आप को दोषी ठहराकर पाप करता रहता है॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यह जानकर कि ऐसा मनुष्य भटक गया है, और अपने आप को दोषी ठहराकर पाप करता रहता है। नवीन हिंदी बाइबल यह जान ले कि ऐसा मनुष्य पथभ्रष्ट हो गया है और पाप करता रहता है; और वह स्वयं को दोषी ठहराता है। सरल हिन्दी बाइबल यह जानते हुए कि ऐसा व्यक्ति भटक गया और पाप में लीन हो गया है. वह अपने ऊपर स्वयं दंड-आज्ञा ठहरा रहा है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यह जानकर कि ऐसा मनुष्य भटक गया है, और अपने आपको दोषी ठहराकर पाप करता रहता है। |
स्वामी ने उससे कहा, ‘दुष्ट सेवक! मैं तेरे ही शब्दों से तेरा न्याय करूँगा। तू जानता था कि मैं निर्दय व्यक्ति हूँ। मैंने जो जमा नहीं किया, उसे निकालता हूँ और जो नहीं बोया, उसे काटता हूँ।
परन्तु फरीसियों और व्यवस्था के आचार्यों ने उनका बपतिस्मा ग्रहण नहीं कर अपने विषय में परमेश्वर की योजना व्यर्थ कर दी।
“जो पुत्र में विश्वास करता है, वह दोषी नहीं ठहराया जाता है। जो विश्वास नहीं करता, वह दोषी ठहराया जा चुका है; क्योंकि वह परमेश्वर के एकलौते पुत्र के नाम पर विश्वास नहीं करता।
पौलुस और बरनबास ने निडर हो कर कहा, “यह आवश्यक था कि पहले आप लोगों को परमेश्वर का वचन सुनाया जाता, परन्तु आप लोग इसे अस्वीकार करते हैं और अपने को शाश्वत जीवन के योग्य नहीं समझते। इसलिए हम अब गैर-यहूदियों के पास जाते हैं।
हमने सुना है कि हमारे यहाँ के कुछ लोगों ने, जिन्हें हमने कोई अधिकार नहीं दिया था, अपनी बातों से आप लोगों में घबराहट उत्पन्न की और आपके मन को उलझन में डाल दिया है।
हम जानते हैं कि व्यवस्था जो कुछ कहती है, वह उन लोगों से कहती है, जो व्यवस्था के अधीन हैं, जिससे प्रत्येक व्यक्ति का मुँह बन्द हो जाए और परमेश्वर के सामने समस्त संसार दण्ड के योग्य माना जाए।
लोगों को इन बातों का स्मरण दिलाते रहो और परमेश्वर को साक्षी बना कर उन से अनुरोध करो कि निरे शब्दों के विषय में वाद-विवाद न करें। इससे कोई लाभ नहीं होता, बल्कि यह सुननेवालों के विनाश का कारण बन जाता है।
ऐसे लोगों का मुँह बन्द कर देना चाहिए, क्योंकि वे घिनावने लाभ के लिए अनुचित बातें सिखाते हैं और इस प्रकार परिवार के परिवार चौपट कर देते हैं।
और यहूदियों की कल्पित कथाओं तथा सत्य का तिरस्कार करने वाले मनुष्यों के आदेशों पर ध्यान न दें।
क्योंकि सत्य का ज्ञान प्राप्त करने के बाद भी यदि हम जान-बूझ कर पाप करते रहते हैं, तो पापों के लिए कोई बलि शेष नहीं रह जाती,