जब अय्यूब अपने मित्रों की क्षमा के लिए प्रार्थना कर चुका तब प्रभु ने उसकी स्थिति पहले जैसी ही कर दी। उसने उसका दु:ख दूर कर दिया। जितनी धन-सम्पत्ति अय्यूब के पास पहले थी, उसका दुगुना प्रभु ने अय्यूब को लौटा दिया।
जकर्याह 9:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ओ आशा रखनेवाले बन्दियो, अपने गढ़ में लौट आओ। आज मैं यह घोषित करता हूं : मैं तुम्हें दुहरी समृद्धि लौटाऊंगा। पवित्र बाइबल बन्दियों, अपने घर जाओ! अब तुम्हारे लिये कुछ आशा का अवसर है। अब मैं तुमसे कह रहा हूँ, मैं तुम्हारे पास लौट रहा हूँ! Hindi Holy Bible हे आशा धरे हुए बन्दियों! गढ़ की ओर फिरो; मैं आज ही बताता हूं कि मैं तुम को बदले में दूना सुख दूंगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हे आशा धरे हुए बन्दियो! गढ़ की ओर फिरो; मैं आज ही बताता हूँ कि मैं तुम को बदले में दूना सुख दूँगा। सरल हिन्दी बाइबल हे आशा लिये हुए कैदियों, अपने गढ़ में लौट आओ; आज मैं घोषणा करता हूं कि मैं तुम्हें उसका दो गुणा लौटा दूंगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हे आशा धरे हुए बन्दियों! गढ़ की ओर फिरो; मैं आज ही बताता हूँ कि मैं तुम को बदले में दुगना सुख दूँगा। |
जब अय्यूब अपने मित्रों की क्षमा के लिए प्रार्थना कर चुका तब प्रभु ने उसकी स्थिति पहले जैसी ही कर दी। उसने उसका दु:ख दूर कर दिया। जितनी धन-सम्पत्ति अय्यूब के पास पहले थी, उसका दुगुना प्रभु ने अय्यूब को लौटा दिया।
वे अधोलोक के गड्ढे में बन्दी के रूप में एकत्र होंगे। वे बन्दीगृह में अनेक दिन तक बन्द रहेंगे। तत्पश्चात् उनको दण्ड दिया जाएगा।
निस्सन्देह अधोलोक तेरा गुणगान नहीं कर सकता; मृत्यु तेरी स्तुति नहीं कर सकती। अधोलोक को जानेवाले व्यक्ति तेरी सच्चाई की आशा नहीं कर सकते।
यरूशलेम के हृदय से बात करो, उसको बताओ कि उसके निष्कासन के दिन पूरे हो गए; उसके अधर्म का मूल्य चुका दिया गया; उसे मुझ-प्रभु के हाथ से अपने पापों का दुगना दण्ड प्राप्त हो चुका है।”
तू बन्दियों को यह सन्देश सुनाए, “बाहर निकलो” ; जो अन्धकार में बैठे हैं उनसे यह कहे, “अन्धकार से प्रकाश में आओ।” वे भेड़ों के समान स्वदेश लौटते समय मार्ग के किनारे चरेंगे; मुण्डे पठारों पर भी उन्हें चारा मिलेगा।
ओ बन्दी यरूशलेम, उठ, और अपने शरीर से धूल झाड़! ओ सियोन के बन्दी नगर-निवासियो, अपनी गरदन का जूआ उतारकर फेंक दो।
पतन के अपमान के बदले, अब तुम्हें दुगुना यश प्राप्त होगा, अनादर के स्थान पर अब तुम वैभव प्राप्त कर आनन्दित होगे। अपने देश में तुम दुगुने भाग पर अधिकार करोगे। तुम्हें शाश्वत आनन्द प्राप्त होगा।
प्रभु, तू इस्राएल की आशा है। संकट-काल में तू ही बचानेवाला है। तब तू क्यों हम से परदेशियों की तरह व्यवहार कर रहा है? तू ऐसा व्यवहार कर रहा है मानो तू राह से गुजरता हुआ पथिक है जो एक रात का मेहमान होता है।
हे प्रभु, तू ही मेरा बल और मेरा गढ़ है; संकट के समय मैं तेरी ही शरण में आता हूं। प्रभु, विश्व के कोने-कोने से, सब राष्ट्रों के लोग तेरे सम्मुख आएंगे, और यह कहेंगे : ‘निस्सन्देह, हमारे पूर्वजों को पैतृक अधिकार में असत्य के अतिरिक्त कुछ नहीं मिला; उन्हें निस्सार वस्तुएं प्राप्त हुई जो मनुष्य को लाभ नहीं पहुंचातीं।
हे प्रभु, तू ही इस्राएल की आशा है! जो तुझको त्याग देते हैं, वे अंत में अपने शत्रु से पराजित होते हैं। जो तुझ से मुंह मोड़ लेते हैं, उनका नाम और निशान पृथ्वी की सतह से मिट जाता है; क्योंकि उन्होंने तुझ-प्रभु को, जीवन-जल के झरने को, त्याग दिया है।
सुन, तेरा भविष्य आशापूर्ण है। तेरे बच्चे, निस्सन्देह, स्वदेश वापस आएंगे।’ प्रभु की यह वाणी है।
ओ इस्राएल! एक दिन ऐसा भी आएगा जब पहरेदार एफ्रइम के पहाड़ी क्षेत्र में पुकार-पुकार कर कहेगा, “ओ सोनेवालो, उठो! और सियोन पर्वत पर अपने प्रभु परमेश्वर के पास चलो।” ’
‘सुनो, वे बेबीलोन देश से भाग कर जा रहे हैं। वे सियोन जा रहे हैं कि वहां हमारे प्रभु परमेश्वर के प्रतिशोध की घोषणा करें, और यह घोषित करें कि प्रभु परमेश्वर ने अपने मन्दिर का प्रतिशोध ले लिया।
परन्तु प्रभु ने हमें निर्दोष ठहराया है; अत: आओ, हम सियोन में अपने प्रभु परमेश्वर का यह कार्य घोषित करें।
तब प्रभु ने मुझसे कहा, ‘ओ मानव, ये हड्डियां मानो इस्राएल के सब वंशज हैं। देख, वे कहते हैं, “हमारी हड्डियां सूख गईं। हमारी आशा टूट गई। हम पूर्णत: नष्ट हो चुके हैं।”
वहाँ उसके अंगूर-उद्यान उसे लौटा दूंगा; मैं कष्ट की घाटी को आशा के द्वार में बदल दूंगा। वहाँ वह मेरे प्रेम का प्रत्युत्तर देगी; जैसे वह किशोरावस्था में मुझे प्रत्युत्तर देती थी, जब वह मिस्र देश से बाहर निकली थी।
प्रभु सियोन पर्वत से हुंकार रहा है, वह यरूशलेम नगर से गरज रहा है। आकाश और पृथ्वी कांप उठे। प्रभु अपने निज लोगों का शरण-स्थल है। इस्राएली कौम का वह गढ़ है।
ओ रेवड़ के बुर्ज! ओ सियोन के गढ़! तुझे पहले-जैसा शासन प्राप्त होगा, तुझे यरूशलेम का राज्य प्राप्त होगा।
वह इन दो अपरिवर्तनीय कार्यों, अर्थात् प्रतिज्ञा और शपथ में, झूठा प्रमाणित नहीं हो सकता। इस से हमें, जिन्होंने परमेश्वर की शरण ली है, यह प्रबल प्रेरणा मिलती है कि हमें जो आशा दिलायी गयी है, हम उसे धारण किये रहें।
वह आशा हमारी आत्मा के लिए एक सुस्थिर एवं सुदृढ़ लंगर के सदृश है, जो परदे के उस पार स्वर्गिक मन्दिरगर्भ में पहुँचता है,