तब दाऊद को ज्ञात हुआ कि प्रभु ने उसे इस्राएल देश पर राजा के रूप में सुदृढ़ कर दिया है, और अपने निज लोग इस्राएलियों के हितार्थ उसके राज्य को उन्नत किया है।
गिनती 24:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) याकूब की बालटियों से जल बहेगा, और उसका बीज जलाशय में अंकुरित होगा। उसका राजा, अगग से अधिक महान होगा, उसका राज्य उन्नत होगा। पवित्र बाइबल तुम्हें पीने के लिए सदा पर्याप्त पानी मिलेगा। तुम्हें फसलें उगाने के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा। तुम लोगों का राजा अगाग से महान होगा। तुम्हारा राज्य बहुत महान हो जाएगा। Hindi Holy Bible और उसके डोलों से जल उमण्डा करेगा, और उसका बीच बहुतेरे जलभरे खेतों में पड़ेगा, और उसका राजा अगाग से भी महान होगा, और उसका राज्य बढ़ता ही जाएगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और उसके घड़ों से जल उमण्डा करेगा और उसका बीज बहुत से जलभरे खेतों में पड़ेगा, और उसका राजा अगाग से भी महान् होगा, और उसका राज्य बढ़ता ही जाएगा। सरल हिन्दी बाइबल जल उसके जल पात्रों से हमेशा बहता रहेगा, उसका बीज जल भरे खेतों के निकट होगा. “उसका राजा, अगाग से भी अधिक महान होगा, उसका राज्य बढ़ता जाएगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और उसके घड़ों से जल उमड़ा करेगा, और उसका बीज बहुत से जलभरे खेतों में पडे़गा, और उसका राजा अगाग से भी महान होगा, और उसका राज्य बढ़ता ही जाएगा। |
तब दाऊद को ज्ञात हुआ कि प्रभु ने उसे इस्राएल देश पर राजा के रूप में सुदृढ़ कर दिया है, और अपने निज लोग इस्राएलियों के हितार्थ उसके राज्य को उन्नत किया है।
सुलेमान फरात नदी से पलिश्ती देश तक तथा मिस्र देश की सीमा तक आने वाले समस्त राज्यों पर शासन करता था। ये राज्य उसको कर देते थे। ये उसके जीवन-भर उसके अधीन बने रहे।
जब सोर देश के राजा हीराम ने यह सुना कि लोगों ने सुलेमान को उसके पिता के स्थान पर राजा अभिषिक्त किया है, तब उसने उसके पास राजदूत भेजे; क्योंकि वह दाऊद के जीवन भर उसका मित्र था।
तब दाऊद को ज्ञात हुआ कि प्रभु ने उसे इस्राएल देश पर राजा के रूप में सुदृढ़ कर दिया है, और अपने निज लोग इस्राएलियों के हितार्थ उसके राज्य को उन्नत किया है।
यरूशलेम में शक्तिशाली राजा भी हुए हैं, जिन्होंने फरात नदी के समस्त पश्चिमी प्रदेश पर राज्य भी किया है। उनको उपहार, कर और चुंगी दी जाती थी।
कुछ दिनों के पश्चात् सम्राट क्षयर्ष ने अगाग वंश के हामान बेन-हम्मदाता की पदोन्नति की; उसे उच्च पद दिया, और उसके सहयोगी सामंतों में उसे उच्चासन प्रदान किया।
तूने मुझे उपद्रवी जातियों के संघर्ष से छुड़ाया, और मुझे राष्ट्रों का अध्यक्ष बनाया। उन जातियों ने मेरी सेवा की जिन्हें मैं जानता भी न था।
आनेवाले दिनों में यह होगा : जिस पर्वत पर प्रभु का भवन निर्मित है, वह विश्व के पर्वतों में उच्चतम स्थान पर, गौरवमय स्थान पर प्रतिष्ठित होगा। वह पहाड़ियों के मध्य उच्चतम स्थान ग्रहण करेगा; विश्व के राष्ट्र जलधारा के समान उसकी ओर बहेंगे।
उस महासंहार के दिन जब बुर्ज गिर जाएंगे, तब प्रत्येक ऊंचे पहाड़ पर, हर एक ऊंची पहाड़ी पर बहते हुए झरने फूटेंगे।
ओ याकूब के वंशजो, मेरी यह बात सुनो। तुम इस्राएल के नाम से पुकारे जाते हो, तुम यहूदा के वंश में उत्पन्न हुए हो। तुम प्रभु के नाम की शपथ खाते हो, तुम इस्राएल के परमेश्वर के नाम को स्मरण करते हो, पर सच्चाई से नहीं, धार्मिकता से नहीं।
उसकी राज्य-सत्ता बढ़ती जाएगी, उसके कल्याणकारी कार्यों का अन्त न होगा। वह दाऊद के सिंहासन पर बैठेगा, और उसके राज्य को संभालेगा। वह अब से लेकर सदा के लिए न्याय के कार्यों से उसको सुदृढ़ करेगा, अपने धार्मिक आचरण से उसे सम्भालेगा। स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का धर्मोत्साह यह कार्य पूर्ण करेगा!
ओ अनेक नदियों से घिरी नगरी, ओ धन-सम्पत्ति से भरी-पूरी नगरी! तेरा अन्त आ गया। तेरी जीवन-लीला समाप्त हो गई।
उन राजाओं के राज्य-काल में स्वर्ग में विराजमान परमेश्वर एक ऐसा राज्य उदय करेगा जो अनंतकाल तक न नष्ट होगा और न उसकी राज्य-सत्ता किसी दूसरी कौम के हाथ में सौंपी जाएगी। यह राज्य सब राज्यों का अंत कर देगा, उनको मिटा डालेगा; पर वह स्वयं सदा-सर्वदा सुदृढ़ बना रहेगा।
तब बिल्आम ने अमालेकी राष्ट्र को देखा। उसने अपनी गाथा गाना आरम्भ किया। उसने यह गाया, ‘राष्ट्रों में अमालेक प्रथम था, पर अन्त में वह नष्ट हो जाएगा!’
सातवें स्वर्गदूत ने तुरही बजायी। इस पर स्वर्ग में वाणियाँ सुनाई पड़ीं, जो ऊंचे स्वर से कह रही थीं : “इस संसार का राज्य हमारे प्रभु और उसके मसीह का राज्य बन गया है। वह युग-युगों तक राज्य करेंगे।”
जो सात स्वर्गदूत सात प्याले लिये थे, उन में से एक ने मेरे पास आ कर कहा, “आइए, मैं आप को उस महावेश्या का दण्ड दिखाऊंगा, जो महासमुद्र के किनारे विराजमान है।
स्वर्गदूत ने मुझ से यह कहा, “आपने जिस समुद्र को देखा, जहाँ महावेश्या बैठी हुई है, उस समुद्र का अर्थ है: प्रजातियाँ, जनसमूह, राष्ट्र और भाषाएँ।