गलातियों 4:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इसी तरह, जब तक हम नाबालिग थे, तब तक संसार के तत्वों के अधीन दास बने हुए थे; पवित्र बाइबल हमारी भी ऐसी ही स्थिति है। हम भी जब बच्चे थे तो सांसारिक नियमों के दास थे। Hindi Holy Bible वैसे ही हम भी, जब बालक थे, तो संसार की आदि शिक्षा के वश में होकर दास बने हुए थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वैसे ही हम भी, जब बालक थे, तो संसार की आदि शिक्षा के वश में होकर दास बने हुए थे। नवीन हिंदी बाइबल इसी प्रकार हम भी जब तक बच्चे थे, संसार के मूल सिद्धांतों के अधीन दासत्व में थे। सरल हिन्दी बाइबल इसी प्रकार हम भी, जब बालक थे, संसार की आदि शिक्षा के अधीन दासत्व में थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वैसे ही हम भी, जब बालक थे, तो संसार की आदि शिक्षा के वश में होकर दास बने हुए थे। |
जिन यहूदियों ने उन में विश्वास किया, उन से येशु ने कहा, “यदि तुम मेरे वचन पर दृढ़ रहोगे, तो सचमुच मेरे शिष्य सिद्ध होगे।
जो जूआ न तो हमारे पूर्वज ढोने में समर्थ थे और न हम, उसे शिष्यों के कन्धों पर लाद कर आप लोग अब परमेश्वर की परीक्षा क्यों ले रहे हैं?
हम जानते हैं कि व्यवस्था आध्यात्मिक है, किन्तु मैं शारीरिक और पाप के हाथ बिका हुआ दास हूँ,
आप लोगों को दासत्व का आत्मा नहीं मिला है, जिस से प्रेरित हो कर आप फिर डरने लगें। आप लोगों को दत्तक संतान बनने का आत्मा ही मिला है, जिस से प्रेरित हो कर हम पुकार कर कहते हैं, “अब्बा, हे पिता!”
जब कोई आपकी स्वतन्त्रता छीनता, आपकी धन-संपत्ति खा जाता, आपका शोषण करता, आपके प्रति तिरस्कारपूर्ण व्यवहार करता अथवा आप को थप्पड़ मारता है, तो आप यह सब सह लेते हैं।
यह प्रश्न उन झूठे भाइयों के कारण उठा था, जिन्हें कलीसिया में गुप्त रूप से लाया गया था, जो चुपचाप घुस आए थे कि येशु मसीह से प्राप्त हमारी स्वतन्त्रता का भेद लें और हमें गुलाम बना लें।
तब व्यवस्था का प्रयोजन क्या है? जिस वंशज को प्रतिज्ञा दी गयी थी, उसके आने के समय तक व्यवस्था अपराधों के कारण जोड़ दी गयी थी। वह स्वर्गदूतों द्वारा मध्यस्थ के माध्यम से घोषित की गयी है।
इन बातों का एक लाक्षणिक अर्थ है। वे दो स्त्रियाँ दो विधानों की प्रतीक हैं। एक विधान, अर्थात् सीनय पर्वत का विधान, दासता के लिए सन्तति उत्पन्न करता है। यह हागार है।
हागार का सीनय पर्वत अरब में है, पर यह वर्तमान यरूशलेम के सदृश्य है; क्योंकि यरूशलेम अपनी सन्तति के साथ दासता के अधीन है।
आप लोग पहले, जब आप को परमेश्वर का ज्ञान प्राप्त नहीं हुआ था, ऐसे देवताओं की दासता स्वीकार करते थे, जिनका वस्तुत: अस्तित्व नहीं है।
किन्तु अब आप परमेश्वर को पहचान चुके हैं या यों कहें कि परमेश्वर ने आप को अपना लिया है, तो आप कैसे फिर उन अशक्त एवं असार तत्वों की शरण ले सकते हैं? क्या आप एक बार फिर उनकी दासता स्वीकार करना चाहते हैं?
यदि आप मसीह के साथ मर कर संसार के तत्वों से मुक्त हो गये हैं, तो आप उसके आदेशों का पालन क्यों करें, मानो आपका जीवन अब तक संसार के अधीन हो?
सावधान रहें। कहीं ऐसा न हो कि कोई आप लोगों को ऐसे खोखले और भ्रामक दर्शनशास्त्र द्वारा बहकाये, जो मनुष्यों की परम्परागत शिक्षा के अनुसार है और मसीह पर नहीं बल्कि संसार के तत्वों पर आधारित है।
इस समय तक आप लोगों को शिक्षक हो जाना चाहिए था, किन्तु यह आवश्यक हो गया है कि कोई आप को दुबारा परमेश्वर के वचनों का प्रारम्भिक ज्ञान दे। आप लोगों को ठोस भोजन की नहीं, बल्कि दूध की आवश्यकता है।
जो वंश-परम्परा पर आधारित किसी व्यवस्था के आदेशानुसार नहीं, बल्कि अविनाशी जीवन के सामर्थ्य से पुरोहित बन गये हैं।