स्वामी ने यह कहा, “ये लोग केवल मुंह से मेरी आराधना करते हैं, केवल ओंठों से मेरा सम्मान करते हैं; किन्तु इनका हृदय मुझसे दूर है। ये दूसरों के आदेश से मेरी भक्ति करते हैं; इनकी भक्ति रटी-रटाई, सीखी हुई है।
कुलुस्सियों 2:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ये सब मनुष्यों के आदेश हैं, मानवीय सिद्धांतों पर आधारित हैं और ऐसी वस्तुओं से सम्बन्ध रखते हैं, जो उपयोग में आने पर नष्ट हो जाती हैं। पवित्र बाइबल ये सब वस्तुएँ तो काम में आते-आते नष्ट हो जाने के लिये हैं। ऐसे आचार व्यवहारों की अधीनता स्वीकार करके तो तुम मनुष्य के बनाये आचार व्यवहारों और शिक्षाओं का ही अनुसरण कर रहे हो। Hindi Holy Bible (क्योंकि ये सब वस्तु काम में लाते लाते नाश हो जाएंगी)। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (ये सब वस्तुएँ काम में लाते–लाते नष्ट हो जाएँगी) क्योंकि ये मनुष्यों की आज्ञाओं और शिक्षाओं के अनुसार हैं। नवीन हिंदी बाइबल ये सब मनुष्यों की आज्ञाओं और शिक्षाओं के अनुसार हैं और उन वस्तुओं के संबंध में हैं जो उपयोग में आते-आते नष्ट हो जाती हैं। सरल हिन्दी बाइबल लगातार उपयोग के कारण इन वस्तुओं का नाश होना इनका स्वभाव है क्योंकि इनका आधार सिर्फ मनुष्य की आज्ञाएं तथा शिक्षाएं हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि ये सब वस्तु काम में लाते-लाते नाश हो जाएँगी क्योंकि ये मनुष्यों की आज्ञाओं और शिक्षाओं के अनुसार है। |
स्वामी ने यह कहा, “ये लोग केवल मुंह से मेरी आराधना करते हैं, केवल ओंठों से मेरा सम्मान करते हैं; किन्तु इनका हृदय मुझसे दूर है। ये दूसरों के आदेश से मेरी भक्ति करते हैं; इनकी भक्ति रटी-रटाई, सीखी हुई है।
उस दिन बहरा व्यक्ति पुस्तक के शब्द सुनेगा, और अन्धे व्यक्ति की आंखें गहन अन्धकार में देखेंगी!
वह अपने पूर्वजों के देवताओं की परवाह भी नहीं करेगा और न स्त्रियों के प्रिय इष्ट देव की भी। वस्तुत: वह किसी भी देवता की परवाह नहीं करेगा, क्योंकि वह सब देवताओं से ऊपर स्वयं को प्रतिष्ठित करेगा।
नश्वर भोजन के लिए नहीं, बल्कि उस भोजन के लिए परिश्रम करो, जो शाश्वत जीवन तक बना रहता है और जिसे मानव-पुत्र तुम्हें देगा; क्योंकि पिता परमेश्वर ने मानव-पुत्र पर अपनी स्वीकृति की मोहर लगाई है।”
कोई यह भी कहेगा, “किन्तु भोजन पेट के लिए है और पेट भोजन के लिए।” हां, किन्तु परमेश्वर दोनों का अन्त कर देगा। शरीर व्यभिचार के लिए नहीं, बल्कि प्रभु के लिए है और प्रभु शरीर के लिए।
और यहूदियों की कल्पित कथाओं तथा सत्य का तिरस्कार करने वाले मनुष्यों के आदेशों पर ध्यान न दें।
किन्तु वे विवेकहीन पशुओं के समान हैं, जो स्वभावत: शिकार बनने और मारे जाने के लिए पैदा होते हैं। वे ऐसी बातों की निन्दा करते हैं, जिन्हें नहीं समझते। वे पशुओं की तरह नष्ट हो जायेंगे