अहा! तेरी भलाई कितनी अपार है; जिसको तूने उन लोगों के लिए रख छोड़ा है जो तुझ से डरते हैं; और मानव सन्तान के समक्ष उन के लिए रचा है जो तेरी शरण में आते हैं।
कुलुस्सियों 1:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) आप का विश्वास और प्रेम उस आशा पर आधारित है, जो स्वर्ग में आपके लिए सुरक्षित है और जिसके विषय में आपने तब सुना, जब शुभसमाचार का सत्य संदेश पवित्र बाइबल यह उस आशा के कारण हुआ है जो तुम्हारे लिये स्वर्ग में सुरक्षित है और जिस के विषय में तुम पहले ही सच्चे संदेश अर्थात् सुसमाचार के द्वारा सुन चुके हो। Hindi Holy Bible उस आशा की हुई वस्तु के कारण जो तुम्हारे लिये स्वर्ग में रखी हुई है, जिस का वर्णन तुम उस सुसमाचार के सत्य वचन में सुन चुके हो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उस आशा की हुई वस्तु के कारण जो तुम्हारे लिये स्वर्ग में रखी हुई है, जिसका वर्णन तुम उस सुसमाचार के सत्य वचन में सुन चुके हो, नवीन हिंदी बाइबल यह उस आशा के कारण है जो तुम्हारे लिए स्वर्ग में रखी है जिसके विषय में तुमने सत्य के वचन अर्थात् उस सुसमाचार में पहले ही सुना है सरल हिन्दी बाइबल इनका आधार है वह विश्वास और प्रेम जो उपजा है उस आशा से जो आपके लिए स्वर्ग में रखी हुई है तथा जिसके विषय में तुम पहले ही सच्चाई का वर्णन—उद्धार के सुसमाचार में सुन चुके हो इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उस आशा की हुई वस्तु के कारण जो तुम्हारे लिये स्वर्ग में रखी हुई है, जिसका वर्णन तुम उस सुसमाचार के सत्य वचन में सुन चुके हो। |
अहा! तेरी भलाई कितनी अपार है; जिसको तूने उन लोगों के लिए रख छोड़ा है जो तुझ से डरते हैं; और मानव सन्तान के समक्ष उन के लिए रचा है जो तेरी शरण में आते हैं।
“अपनी सम्पत्ति बेच दो और दान कर दो। अपने लिए ऐसे बटुए तैयार करो, जो कभी छीजते नहीं। स्वर्ग में अक्षय धन जमा करो। वहाँ न तो चोर पहुँचता है और न कीड़े खाते हैं;
“परमेश्वर ने इस्राएलियों को अपना सन्देश भेजा और येशु मसीह द्वारा, जो सब के प्रभु हैं, शान्ति का शुभसमाचार सुनाया।
“भाइयो! अब्राहम के वंशजो और यहाँ उपस्थित परमेश्वर के भक्तो! मुक्ति का यह सन्देश हम सब के पास भेजा गया है।
पौलुस यह जानते थे कि धर्म-महासभा में दो दल हैं : एक सदूकियों का और दूसरा फ़रीसियों का। इसलिए उन्होंने पुकार कर कहा, “भाइयो! मैं हूँ फ़रीसी और फरीसियों की सन्तान! मृतकों के पुनरुत्थान की आशा के कारण मुझ पर मुकदमा चल रहा है।”
मुझे परमेश्वर से आशा है, जैसे इनको भी है कि धर्मियों तथा अधर्मियों दोनों का पुनरुत्थान होगा।
किन्तु उस धार्मिकता का कथन क्या है?, “वचन तुम्हारे पास है, वह तुम्हारे मुख में और तुम्हारे हृदय में है।” यह विश्वास का वह वचन है, जिसका हम प्रचार करते हैं।
अभी तो विश्वास, आशा और प्रेम-ये तीनों बने हुए हैं। किन्तु इन में से प्रेम ही सब से महान है।
यदि मसीह पर हमारी आशा इस जीवन तक ही सीमित है, तो हम सब मनुष्यों में सब से अधिक दयनीय हैं।
इसका अर्थ यह है कि परमेश्वर ने मनुष्यों के अपराध उनके खर्चे में न लिख कर मसीह के द्वारा अपने से संसार का मेल कराया और इस मेल-मिलाप के सन्देश का प्रचार हमें सौंप दिया।
सत्य के प्रचार तथा परमेश्वर के सामर्थ्य से स्वयं को परमेश्वर के योग्य सेवक प्रमाणित किया है। धार्मिकता के शस्त्र से हमने न केवल अपना बचाव किया, वरन् आक्रमण भी किया।
जब मैंने देखा कि उनका आचरण शुभ समाचार के सत्य के अनुकूल नहीं है, तो मैंने सब के सामने कैफा से यह कहा, “यदि आप, जो जन्म से यहूदी हैं, यहूदी के सदृश नहीं बल्कि गैर-यहूदी के सदृश आचरण करते हैं, तो आप अन्यजातियों को यहूदियों के सदृश आचरण करने को क्यों विवश करते हैं?”
हम उन लोगों के सामने एक क्षण के लिए भी नहीं झुके। हम शुभ समाचार का सत्य आप के लिए पूर्ण रूप से बनाये रखना चाहते थे।
हम तो उस धार्मिकता की तीव्र अभिलाषा करते हैं, जो विश्वास पर आधारित है और आत्मा द्वारा प्राप्त होती है।
आप लोगों ने भी सत्य का वचन, अपनी मुक्ति का शुभ समाचार, सुनने के बाद मसीह में विश्वास किया है और आप पर उस पवित्र आत्मा की मुहर लग गयी, जिसकी प्रतिज्ञा की गयी थी।
यदि आप लोगों ने उनके विषय में सुना और उस सत्य के अनुसार शिक्षा ग्रहण की है जो येशु में प्रकट हुआ,
किन्तु आप को विश्वास के आधार पर दृढ़ और अटल बना रहना चाहिए और उस आशा से विचलित नहीं होनी चाहिए, जो आप को शुभसमाचार द्वारा दिलायी गयी है। वह शुभसमाचार आकाश के नीचे की समस्त सृष्टि को सुनाया गया है और मैं, पौलुस, उसका सेवक बना हूँ।
परमेश्वर ने उन्हें दिखलाना चाहा कि गैर-यहूदियों में इस रहस्य की कितनी महिमामय समृद्धि है। वह रहस्य यह है कि मसीह आप लोगों के बीच हैं और उन में आप लोगों की महिमा की आशा है।
मसीह का वचन अपनी परिपूर्णता में आप लोगों में निवास करे। आप बड़ी समझदारी से एक-दूसरे को शिक्षा और उपदेश दिया करें। आप कृतज्ञ हृदय से परमेश्वर के आदर में भजन, स्तोत्र और आध्यात्मिक गीत गाया करें।
हम इसलिए निरन्तर परमेश्वर को धन्यवाद देते हैं कि जब आपने हम से परमेश्वर का सन्देश सुना और ग्रहण किया, तो आपने उसे मनुष्यों का वचन नहीं, बल्कि- जैसा कि वह वास्तव में है- परमेश्वर का वचन समझ कर स्वीकार किया और यह वचन अब आप विश्वासियों में क्रियाशील है।
स्वयं हमारे प्रभु येशु मसीह तथा हमारा पिता परमेश्वर, जिसने हमसे इतना प्रेम किया और हमें चिरस्थायी सान्त्वना तथा उज्ज्वल आशा का वरदान दिया है,
यह कथन विश्वसनीय और सर्वथा मानने योग्य है कि येशु मसीह पापियों को बचाने के लिए संसार में आये, और उन में से सबसे बड़ा पापी मैं हूँ।
अब मेरे लिए धार्मिकता का वह मुकुट तैयार है, जिसे धर्मनिष्ठ न्यायी प्रभु मुझे “उस दिन” प्रदान करेंगे, मुझ को ही नहीं, बल्कि उन सब को जिन्होंने प्रेम के साथ उनके प्रकट होने के दिन की प्रतीक्षा की है।
और शाश्वत जीवन की आशा का आधार है। सत्यवादी परमेश्वर ने अनादि काल से इस जीवन की प्रतिज्ञा की थी।
क्योंकि व्यवस्था कुछ भी पूर्णता तक नहीं पहुँचा सकी। हमें इस से श्रेष्ठ आशा प्रदान की गयी है और इसके माध्यम से हम परमेश्वर के निकट पहुँचते हैं।
आप लोगों ने अनुभव किया है कि प्रभु कितना भला है; इसलिए नवजात शिशुओं की तरह शुद्ध वचन-रूपी दूध के लिए तरसते रहें, जो मुक्ति प्राप्त करने के लिए आपका पोषण करेगा।
मसीह को प्रभु मानकर उनपर हार्दिक श्रद्धा रखें। जो लोग आपकी आशा के आधार के विषय में आप से प्रश्न करते हैं, उन्हें विनम्रता तथा आदर के साथ उत्तर देने के लिए सदा तैयार रहें। अपना अन्त: करण शुद्ध रखें। इस प्रकार जो लोग आप को बदनाम करते हैं और आपके भले मसीही आचरण की निन्दा करते हैं, उन्हें लज्जित होना पड़ेगा।
यद्यपि आप लोग ये बातें जानते हैं और प्राप्त सत्य में दृढ़ बने हुए हैं, फिर भी मैं इनका स्मरण दिलाता रहूँगा।