तू महान्, शक्तिशाली, महिमामय और प्रतापी है। तू ही विजय का स्रोत है स्वर्ग और पृथ्वी की प्रत्येक वस्तु तेरी ही है। हे प्रभु, राज्य तेरा ही है। तू सबके ऊपर उन्नत और सर्वोच्च है।
कुलुस्सियों 1:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्योंकि उन्हीं में सब कुछ की सृष्टि हुई है। सब कुछ- चाहे वह स्वर्ग में हो या पृथ्वी पर, चाहे दृश्य हो या अदृश्य, सिंहासन हो या प्रभुत्व, आधिपत्य हो या अधिकार- सब कुछ उनके द्वारा और उनके लिए सृष्ट किया गया है। पवित्र बाइबल क्योंकि जो कुछ स्वर्ग में है और धरती पर है, उसी की शक्ति से उत्पन्न हुआ है। कुछ भी चाहे दृश्यमान हो और चाहे अदृश्य, चाहे सिंहासन हो चाहे राज्य, चाहे कोई शासक हो और चाहे अधिकारी, सब कुछ उसी के द्वारा रचा गया है और उसी के लिए रचा गया है। Hindi Holy Bible क्योंकि उसी में सारी वस्तुओं की सृष्टि हुई, स्वर्ग की हो अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्या सिंहासन, क्या प्रभुतांए, क्या प्रधानताएं, क्या अधिकार, सारी वस्तुएं उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि उसी में सारी वस्तुओं की सृष्टि हुई, स्वर्ग की हों अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्या सिंहासन, क्या प्रभुताएँ, क्या प्रधानताएँ, क्या अधिकार, सारी वस्तुएँ उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं। नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि जो कुछ स्वर्ग में और पृथ्वी पर है, दृश्य और अदृश्य, सब उसी में सृजा गया, चाहे वे सिंहासन हों या प्रभुताएँ, प्रधानताएँ हों या अधिकार, सब उसके द्वारा और उसी के लिए सृजे गए हैं। सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि उन्हीं में सब कुछ रचाया गया है—स्वर्गीय स्थानों में तथा पृथ्वी पर, देखी तथा अनदेखी, सिंहासन तथा प्रभुताएं, राजा तथा अधिकारी—सभी कुछ उन्हीं के द्वारा तथा उन्हीं के लिए बनाया गया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि उसी में सारी वस्तुओं की सृष्टि हुई, स्वर्ग की हो अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्या सिंहासन, क्या प्रभुताएँ, क्या प्रधानताएँ, क्या अधिकार, सारी वस्तुएँ उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं। |
तू महान्, शक्तिशाली, महिमामय और प्रतापी है। तू ही विजय का स्रोत है स्वर्ग और पृथ्वी की प्रत्येक वस्तु तेरी ही है। हे प्रभु, राज्य तेरा ही है। तू सबके ऊपर उन्नत और सर्वोच्च है।
एज्रा ने कहा, ‘प्रभु, केवल तू ही प्रभु है! तूने ही आकाश को, सर्वोच्च आकाश को, नक्षत्रों और तारों को बनाया है। तूने पृथ्वी और सागर को, तथा उनमें जो कुछ है, उन-सब को रचा है। तू उनका पालन-पोषण भी करता है। प्रभु, स्वर्ग की सेना तेरी वन्दना करती है।
प्रभु ने हर एक वस्तु को विशेष उद्देश्य के लिए रचा है; अत: दुर्जन निस्सन्देह दु:ख भोगेगा!
तेरा मुक्तिदाता, तुझे गर्भ में गढ़नेवाला प्रभु यों कहता है: “मैं ही प्रभु हूं, मैं ही सबका बनानेवाला हूं। मैंने ही आकाश को वितान के समान ताना है, मैंने ही पृथ्वी को आकार दिया है। उस समय मेरे साथ कौन था?
शब्द संसार में था, और संसार उसके द्वारा उत्पन्न हुआ; किन्तु संसार ने उसे नहीं पहचाना।
उसके द्वारा सब कुछ उत्पन्न हुआ और जो कुछ भी उत्पन्न हुआ, वह उसके बिना उत्पन्न नहीं हुआ।
सब कुछ परमेश्वर से, परमेश्वर के द्वारा तथा परमेश्वर के लिए है। उसी की युगयुगों तक महिमा हो! आमेन!
मुझे दृढ़ विश्वास है कि न तो मृत्यु न जीवन, न स्वर्गदूत न नरकदूत, न वर्तमान न भविष्य, न सामर्थ्यगण,
महान पूर्वज उन्हीं के हैं और शरीर के नाते मसीह उन्हीं में से हैं। परम प्रधान परमेश्वर की युगानुयुग स्तुति हो! आमेन!
फिर भी हमारे लिए तो एक ही परमेश्वर है-वह पिता, जिससे सब कुछ उत्पन्न होता है और जिसके पास हमें जाना है-और एक ही प्रभु हैं, अर्थात् येशु मसीह, जिनके द्वारा सब कुछ बना है और हम भी उन्हीं के द्वारा अस्तित्व में है।
क्योंकि हमें निरे मनुष्यों से नहीं, बल्कि वर्तमान अन्धकार के अधिपतियों, अधिकारियों तथा महाशासकों से, स्वर्गिक क्षेत्र के दुष्ट आत्माओं से ही संघर्ष करना पड़ता है।
अत: आज तू यह बात जान ले, और उसको अपने हृदय में बिठा ले कि ऊपर आकाश में और नीचे पृथ्वी पर प्रभु ही परमेश्वर है; उसके अतिरिक्त दूसरा ईश्वर नहीं है।
मसीह ने क्रूस पर जो रक्त बहाया, उसके द्वारा परमेश्वर ने शान्ति की स्थापना की। यही परमेश्वर का शुभ संकल्प था कि वह मसीह के द्वारा सब कुछ का, चाहे वह पृथ्वी पर हो या स्वर्ग में, अपने से मेल कराये।
उसने प्रत्येक आधिपत्य और अधिकार को अपदस्थ किया, संसार की दृष्टि में उन को नीचा दिखाया और क्रूस की विजय-यात्रा में उन्हें बन्दियों के समान घुमाया।
परन्तु वर्तमान अन्तिम युग में वह हम से पुत्र द्वारा बोला है। उसने उस पुत्र के द्वारा समस्त विश्व की सृष्टि की और उसी को सब कुछ का उत्तराधिकारी नियुक्त किया है।
परमेश्वर, जिसके कारण और जिसके द्वारा सब कुछ होता है, बहुत-से पुत्र-पुत्रियों को महिमा तक ले जाना चाहता था। इसलिए यह उचित था कि वह उन सब की मुक्ति के प्रवर्तक को, अर्थात् येशु को दु:खभोग द्वारा पूर्ण सिद्ध बनाए।
मसीह ने दूतों, अधिकारियों और शक्तियों को अपने अधीन कर स्वर्ग में प्रवेश किया और अब वह परमेश्वर की दाहिनी ओर विराजमान हैं।