तुम इस बात को समझ लो : प्रभु के मुख से निकला हुआ शब्द, जो उसने अहाब के राज-परिवार के विषय में कहा था, वह अक्षरश: पूर्ण हुआ है। जो कुछ प्रभु ने अपने सेवक एलियाह से कहा था, वही उसने किया है।’
एस्तेर 6:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सम्राट क्षयर्ष ने हामान से कहा, ‘जैसा तुमने कहा है तुम शीघ्रता से राजसी पोशाक और घोड़ा लो, और राजभवन के प्रवेश-द्वार पर बैठने वाले यहूदी मोरदकय के साथ ऐसा ही करो। जैसा-जैसा तुमने कहा है, पूर्णत: वैसा ही करना, कुछ भी मत छोड़ना।’ पवित्र बाइबल राजा ने हामान को आदेश दिया, “तुम तत्काल चले जाओ तथा वस्त्र और घोड़ा लेकर यहूदी मोर्दकै के लिए वैसा ही करो, जैसा तुमने सुझाव दिया है। मोर्दकै राजद्वार के पास बैठा है। जो कुछ तुमने सुझाया है, सब कुछ वैसा ही करना।” Hindi Holy Bible राजा ने हामान से कहा, फुतीं कर के अपने कहने के अनुसार उस वस्त्र और उस घोड़े को ले कर, उस यहूदी मोर्दकै से जो राजभवन के फाटक में बैठा करता है, वैसा ही कर। जैसा तू ने कहा है उस में कुछ भी कमी होने न पाए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) राजा ने हामान से कहा, “फुर्ती करके अपने कहने के अनुसार उस वस्त्र और उस घोड़े को लेकर, उस यहूदी मोर्दकै से जो राजभवन के फाटक में बैठा करता है, वैसा ही कर। जैसा तू ने कहा है उसमें कुछ भी कमी होने न पाए।” सरल हिन्दी बाइबल राजा ने हामान को आदेश दिया, “तुरंत वे राजसी वस्त्र तथा घोड़ा लो, जैसा सुझाव अभी तुमने रखा है और यहूदी मोरदकय के साथ वह सब करो, जो इस समय राजमहल के परिसर के द्वार पर बैठा हुआ है. तुमने जैसा जैसा सुझाव रखा है, उसमें कोई कमी न आने पाए.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 राजा ने हामान से कहा, “फुर्ती करके अपने कहने के अनुसार उस वस्त्र और उस घोड़े को लेकर, उस यहूदी मोर्दकै से जो राजभवन के फाटक में बैठा करता है, वैसा ही कर। जैसा तूने कहा है उसमें कुछ भी कमी होने न पाए।” |
तुम इस बात को समझ लो : प्रभु के मुख से निकला हुआ शब्द, जो उसने अहाब के राज-परिवार के विषय में कहा था, वह अक्षरश: पूर्ण हुआ है। जो कुछ प्रभु ने अपने सेवक एलियाह से कहा था, वही उसने किया है।’
अत: हामान ने राजसी पोशाक और घोड़ा लिया। उसने मोरदकय को राजसी पोशाक पहनाई, और उसको घोड़े पर बैठाकर नगर के चौक में घुमाया। वह उसके आगे-आगे यह घोषणा करता रहा, ‘जिस व्यक्ति से महाराज प्रसन्न होते हैं और जिसको सम्मान देना चाहते हैं, उसके साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है।’
यह पोशाक और घोड़ा महाराज के सर्वश्रेष्ठ उच्चाधिकारी को दिया जाए, ताकि वह उस मनुष्य को राजसी पोशाक पहिनाए और घोड़े पर बैठाए, जिससे महाराज प्रसन्न हैं और जिसको सम्मानित करना चाहते हैं। तब वह उसको नगर-चौक में घुमाए, और उसके आगे-आगे यह घोषित करे : “जिस व्यक्ति से महाराज प्रसन्न होते हैं, और जिसको सम्मान देना चाहते हैं, उसके साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है।” ’
तुम सब, जो प्रभु की प्रतीक्षा करते हो, शक्तिशाली बनो, और तुम्हारा हृदय साहस से भरा रहे।
“अब मैं, नबूकदनेस्सर, स्वर्ग के राजा की स्तुति और महिमा करता हूं, उसके गुणों का गान करता हूं; क्योंकि उसके सब कार्य सच्चे, और प्रत्येक व्यवहार न्यायपूर्ण है। ‘जो मनुष्य घमण्ड से सिर ऊंचा करके चलता है, उसको वह नीचा कर सकता है।’
क्योंकि जो अपने आप को बड़ा मानता है, वह छोटा किया जाएगा और जो अपने आप को छोटा मानता है, वह बड़ा किया जाएगा।”
उसने जितनी डींग मारी और जितना भोगविलास किया है, उसे उतनी यन्त्रणा और उतना शोक दो। वह अपने मन में यह कहती है, ‘मैं रानी की तरह सिंहासन पर विराजमान हूँ। मैं विधवा नहीं हूँ और कभी शोक नहीं मनाऊंगी।’