वह प्रभु की दृष्टि में महान शिकारी था। इसलिए उसके विषय में यह कहावत प्रचलित है : ‘प्रभु की दृष्टि में निमरोद के समान महान शिकारी।’
उत्पत्ति 6:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परमेश्वर की दृष्टि में पृथ्वी भ्रष्ट हो गई थी। वह हिंसा से भर गई थी। पवित्र बाइबल परमेश्वर ने पृथ्वी पर दृष्टि की और उसने देखा कि पृथ्वी को लोगों ने बर्बाद कर दिया हैं। हर जगह हिंसा पैली हुई है। लोग पापी और भ्रष्ट हो गए है, और उन्होंने पृथ्वी पर अपना जीवन बर्बाद कर दिया है। Hindi Holy Bible उस समय पृथ्वी परमेश्वर की दृष्टि में बिगड़ गई थी, और उपद्रव से भर गई थी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उस समय पृथ्वी परमेश्वर की दृष्टि में बिगड़ गई थी, और उपद्रव से भर गई थी। नवीन हिंदी बाइबल परमेश्वर की दृष्टि में पृथ्वी भ्रष्ट हो गई थी, और उसमें उपद्रव ही उपद्रव भरा था। सरल हिन्दी बाइबल परमेश्वर ने देखा कि पृथ्वी पर बहुत बुराई और उपद्रव बढ़ गया है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उस समय पृथ्वी परमेश्वर की दृष्टि में बिगड़ गई थी, और उपद्रव से भर गई थी। |
वह प्रभु की दृष्टि में महान शिकारी था। इसलिए उसके विषय में यह कहावत प्रचलित है : ‘प्रभु की दृष्टि में निमरोद के समान महान शिकारी।’
प्रभु ने नूह से कहा ‘तू अपने परिवार सहित जलयान में जा। मैंने इस समय के लोगों में केवल तुझे ही अपनी दृष्टि में धार्मिक पाया है।
तूने हृदय से पश्चात्ताप किया। तूने मेरे सम्मुख, अपने परमेश्वर के सम्मुख, स्वयं को विनम्र बनाया। तूने इस स्थान के विरुद्ध, इसके निवासियों के विरुद्ध मेरी वाणी सुनी और मेरे सम्मुख स्वयं को दीन बनाया। तूने पश्चात्ताप प्रकट करने के लिए अपने वस्त्र फाड़े, और मेरे सम्मुख रोया। सुन, मैं-प्रभु यह कहता हूँ : मैंने तेरी प्रार्थना सुनी।
स्वामी, उनके प्रयत्नों को विफल कर; उनकी जीभ को काट दे; मैंने नगर में हिंसा और कलह देखे हैं।
प्रभु मूसा से बोला, ‘जा, नीचे उतर जा! तेरे लोग, जिन्हें तू मिस्र देश से निकाल लाया है, भ्रष्ट हो गए हैं।
तेरे देश में हिंसा की घटना फिर कभी नहीं सुनी जाएगी; और न तेरी सीमाओं के भीतर विध्वन्स और विनाश होगा। तू अपने शहरपनाह का नाम “उद्धार” और प्रवेश-द्वार का नाम “स्तुति” रखेगी।
जैसे कुंए में ताजा पानी भरता रहता है, वैसे ही यह नगर नित्य नए दुष्कर्म करता है। हिंसा और विनाश की चीख-पुकार इस नगर में सदा सुनाई पड़ती है। बीमारी और घावों के दृश्य सदा मेरे सम्मुख उपस्थित रहते हैं।
जब तेरा व्यापार बढ़ा, तब तुझ में हिंसावृत्ति भर गई, और तू पाप करने लगा। मैंने तुझको अपवित्र प्राणी के सदृश परमेश्वर के पर्वत से हटा दिया। तेरे अंगरक्षक करूब ने भी अग्नि सदृश चमकनेवाली मणियों के मध्य से तुझ को निकाल दिया।
उसने मुझसे कहा, ‘ओ मानव, तू यह देख रहा है न? मैं तुझसे पूछता हूँ, क्या यहूदा कुल के लिए यह हल्की बात है, कि यहां वे ये घृणित कार्य कर रहे हैं? उन्होंने सारे देश को हिंसात्मक कार्यों से भर दिया है तथा वे अपने इन्हीं घृणित कार्यों से मुझे क्रोध दिलाते हैं। वे मानो मुंह बना कर मुझे चिढ़ाते हैं।
नबी हबक्कूक ने कहा, ‘प्रभु, मैं कब तक सहायता के लिए तुझे पुकारता रहूंगा, और तू मेरी पुकार को अनसुनी करता रहेगा? मैं “त्राहि-त्राहि” करता हूं, पर तू मुझे नहीं बचाता।
तूने लबानोन पर हिंसात्मक कारवाई की थी, वह हिंसा तुझ पर टूट पड़ेगी; लबानोन के पशुओं पर किया गया विनाश तुझे डराएगा; क्योंकि तूने पृथ्वी के लोगों का रक्त बहाया है, तूने पृथ्वी पर देशों की राजधानियों में, उनके निवासियों में हिंसात्मक कार्य किए हैं।
तूने अनेक राष्ट्रों को लूटा था; बचे हुए लोग तुझे लूटेंगे, क्योंकि तूने पृथ्वी के लोगों का रक्त बहाया है। तूने पृथ्वी पर, देशों की राजधानियों में, उनके निवासियों में हिंसात्मक कार्य किए हैं।
वे दोनों परमेश्वर की दृष्टि में धार्मिक थे। वे प्रभु की सब आज्ञाओं और नियमों का निर्दोष अनुसरण करते थे।
क्योंकि व्यवस्था के सुनने वाले लोग परमेश्वर की दृष्टि में धार्मिक नहीं हैं, वरन् व्यवस्था का पालन करने वाले धार्मिक ठहराए जायेंगे।
हम जानते हैं कि व्यवस्था जो कुछ कहती है, वह उन लोगों से कहती है, जो व्यवस्था के अधीन हैं, जिससे प्रत्येक व्यक्ति का मुँह बन्द हो जाए और परमेश्वर के सामने समस्त संसार दण्ड के योग्य माना जाए।
मैं जानता हूँ, तुम मेरी मृत्यु के पश्चात् निश्चय ही भ्रष्ट हो जाओगे। जिस मार्ग पर चलने का मैंने तुम्हें आदेश दिया है, उससे भटक जाओगे। आगामी दिनों में तुम पर बुराई का आक्रमण होगा। तुम वही कार्य करोगे, जो प्रभु की दृष्टि में बुरा है। इस प्रकार तुम अपने व्यवहार से उसको चिढ़ाओगे।’
किन्तु उस शासक की मृत्यु के बाद इस्राएली प्रभु से विमुख हो जाते थे। वे अपने पूर्वजों की अपेक्षा अधिक बुरा व्यवहार करते थे। वे अन्य जातियों के देवताओं का अनुसरण करते थे। उनकी पूजा-आराधना करते थे। वे झुककर उनकी वंदना करते थे। उन्होंने अपनी बुरी प्रथाओं का, पूर्वजों के हठधर्म के मार्ग का, त्याग नहीं किया।