पिता ने अंगरखे को पहचान लिया। वह बोले, ‘यह तो मेरे पुत्र का अंगरखा है। जंगली पशु ने उसे खा लिया। निस्सन्देह यूसुफ टुकड़े-टुकड़े कर दिया गया।’
उत्पत्ति 48:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उन्होंने यूसुफ से कहा, ‘मैंने सोचा न था कि फिर कभी तेरा मुख देखूँगा। पर देख, परमेश्वर ने मुझे तेरे बच्चों को भी दिखाया।’ पवित्र बाइबल तब इस्राएल ने यूसुफ से कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा कि मैं तुम्हारा मुँह फिर देखूँगा, किन्तु देखो। परमेश्वर ने तुम्हें और तुम्हारे बच्चों को भी मुझे देखने दिया।” Hindi Holy Bible तब इस्राएल ने यूसुफ से कहा, मुझे आशा न थी, कि मैं तेरा मुख फिर देखने पाऊंगा: परन्तु देख, परमेश्वर ने मुझे तेरा वंश भी दिखाया है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब इस्राएल ने यूसुफ से कहा, “मुझे आशा न थी कि मैं तेरा मुख फिर देखने पाऊँगा : परन्तु देख, परमेश्वर ने मुझे तेरा वंश भी दिखाया है।” नवीन हिंदी बाइबल इस्राएल ने यूसुफ से कहा, “मुझे आशा नहीं थी कि मैं तुझे फिर देख पाऊँगा। परंतु देख, परमेश्वर ने मुझे तेरे बच्चे भी दिखा दिए हैं।” सरल हिन्दी बाइबल योसेफ़ को देखते हुए इस्राएल ने कहा, “मैंने यह न सोचा था कि तुम्हें फिर से देख पाऊंगा, किंतु परमेश्वर ने मुझे तुम्हारी संतान तक देखने का सौभाग्य दिया.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब इस्राएल ने यूसुफ से कहा, “मुझे आशा न थी, कि मैं तेरा मुख फिर देखने पाऊँगा: परन्तु देख, परमेश्वर ने मुझे तेरा वंश भी दिखाया है।” |
पिता ने अंगरखे को पहचान लिया। वह बोले, ‘यह तो मेरे पुत्र का अंगरखा है। जंगली पशु ने उसे खा लिया। निस्सन्देह यूसुफ टुकड़े-टुकड़े कर दिया गया।’
उसके पुत्र-पुत्रियों ने उन्हें सान्त्वना देने का प्रयत्न किया। किन्तु उन्होंने सान्त्वना स्वीकार नहीं की। वह कहते रहे, ‘नहीं, मैं अपने पुत्र के पास शोक करता हुआ अधोलोक जाऊंगा।’ इस प्रकार यूसुफ के पिता ने उसके लिए विलाप किया।
उनके पिता याकूब ने उनसे कहा, ‘तुम लोगों ने मुझे सन्तानहीन कर दिया। यूसुफ नहीं रहा। शिमोन भी नहीं रहा। अब तुम बिन्यामिन को ले जाओगे। ये सब विपत्तियाँ मुझ पर ही आ पड़ी हैं।’
उन्होंने अपने पिता को बताया, ‘यूसुफ अभी तक जीवित है। वह समस्त मिस्र देश का शासक है।’ याकूब का हृदय सुन्न पड़ गया, क्योंकि उन्होंने उनकी बातों पर विश्वास नहीं किया।
इस्राएल की आँखें वृद्धावस्था के कारण धुंधली हो गई थीं। अत: वह नहीं देख सकते थे। यूसुफ अपने पुत्रों को उनके निकट लाया। इस्राएल ने उनका चुम्बन लिया और उन्हें गले लगाया।
यूसुफ ने उन्हें अपने पिता के घुटनों के बीच में से हटाया और भूमि की ओर सिर झुकाकर अभिवादन किया।
जिसका सामर्थ्य हम में क्रियाशील है और जो वे सब कार्य सम्पन्न कर सकता है, जो हमारी प्रार्थना और कल्पना से अत्यधिक परे हैं,