उस देश में अकाल पड़ा था। अब्राम मिस्र देश में प्रवास करने के लिए चले गए, क्योंकि देश में भयंकर अकाल था।
उत्पत्ति 41:57 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अन्य देशों के लोग भी अन्न खरीदने के लिए यूसुफ के पास आने लगे; क्योंकि समस्त पृथ्वी पर भीषण अकाल था। पवित्र बाइबल मिस्र के चारों ओर के देशों के लोग अनाज खरीदने मिस्र आए। वे यूसुफ के पास आए क्योंकि वहाँ संसार के उस भाग में सर्वत्र भूखमरी थी। Hindi Holy Bible सो सारी पृथ्वी के लोग मिस्र में अन्न मोल लेने के लिये यूसुफ के पास आने लगे, क्योंकि सारी पृथ्वी पर भयंकर अकाल था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये सारी पृथ्वी के लोग मिस्र में अन्न मोल लेने के लिये यूसुफ के पास आने लगे, क्योंकि सारी पृथ्वी पर भयंकर अकाल था। नवीन हिंदी बाइबल अत: सारी पृथ्वी के लोग अनाज खरीदने के लिए यूसुफ के पास मिस्र को आने लगे, क्योंकि सारी पृथ्वी पर भयंकर अकाल था। सरल हिन्दी बाइबल पृथ्वी के अलग-अलग देश से लोग योसेफ़ से अन्न खरीदने आने लगे, क्योंकि सारी पृथ्वी पर अकाल भयंकर हो चुका था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए सारी पृथ्वी के लोग मिस्र में अन्न मोल लेने के लिये यूसुफ के पास आने लगे, क्योंकि सारी पृथ्वी पर भयंकर अकाल था। |
उस देश में अकाल पड़ा था। अब्राम मिस्र देश में प्रवास करने के लिए चले गए, क्योंकि देश में भयंकर अकाल था।
अकाल के सात वर्षों का आगमन होने लगा, जैसा यूसुफ ने कहा था। सब देशों में अकाल था किन्तु मिस्र देश में अन्न था।
जब अकाल समस्त देश में फैल गया तब यूसुफ ने अन्न के भण्डार-गृह खोल दिए। वह मिस्र-निवासियों को अन्न बेचने लगा। मिस्र देश में अकाल का रूप भयंकर था।
जब याकूब ने देखा कि मिस्र देश में अन्न है तब उन्होंने अपने पुत्रों से कहा, ‘तुम एक-दूसरे का मुँह क्यों ताक रहे हो?
आनेवालों में याकूब के पुत्र भी थे जो अनाज खरीदने आए थे, क्योंकि कनान देश में भी अकाल था।
यूसुफ मिस्र देश का प्रधान मन्त्री था। वह देश के सब लोगों का अन्न-विक्रेता था। यूसुफ के भाई आए। उन्होंने भूमि की ओर सिर झुका कर यूसुफ का अभिवादन किया।
जो मुद्रा मिस्र और कनान देश में लेन-देन में उपलब्ध थी, और जिससे लोग अनाज खरीदते थे, उसे यूसुफ ने संग्रह करके फरओ के कोष में जमा कर दिया।
तुमने मेरे साथ बुराई की योजना बनायी, किन्तु परमेश्वर ने भलाई के लिए उसका उपयोग किया कि अनेक लोग जीवित बचें, जैसे वे आज भी जीवित हैं।
ऐसा न हो कि मिस्र देश के निवासी, जहाँ से तूनें इन्हें निकाला है, यह कहें : ‘प्रभु इन्हें उस देश में नहीं पहुंचा सका, जिसके विषय में वह इनसे बोला था। निस्सन्देह प्रभु इनसे घृणा करता है। सच पूछो तो निर्जन प्रदेश में इनका वध करने के लिए उसने इन्हें मिस्र देश से निकाला था।’