उत्पत्ति 4:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब तू भूमि पर खेती करेगा तब वह अपनी क्षमता के अनुसार तुझे उपज न देगी। तू पृथ्वी पर भगोड़ा होगा और यहां-वहां भटकता फिरेगा।’ पवित्र बाइबल बीते समय में तुमने फ़सलें लगाईं और वे अच्छी उगीं। लेकिन अब तुम फसल बोओगे और जमीन तुम्हारी फसल अच्छी होने में मदद नहीं करेगी। तुम्हें पृथ्वी पर घर नहीं मिलेगा। तुम जगह जगह भटकोगे।” Hindi Holy Bible चाहे तू भूमि पर खेती करे, तौभी उसकी पूरी उपज फिर तुझे न मिलेगी, और तू पृथ्वी पर बहेतू और भगोड़ा होगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) चाहे तू भूमि पर खेती करे, तौभी उसकी पूरी उपज फिर तुझे न मिलेगी; और तू पृथ्वी पर भटकनेवाला और भगोड़ा होगा।” नवीन हिंदी बाइबल जब तू भूमि पर खेती करेगा तो वह तुझे अपनी भरपूर उपज न देगी; और तू पृथ्वी पर भटकनेवाला और भगोड़ा होगा।” सरल हिन्दी बाइबल जब तू खेती करेगा, तुझे इसकी पूरी उपज नहीं मिलेगी; तू अब पृथ्वी पर अकेला और बेसहारा होगा.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 चाहे तू भूमि पर खेती करे, तो भी उसकी पूरी उपज फिर तुझे न मिलेगी, और तू पृथ्वी पर भटकने वाला और भगोड़ा होगा।” |
देख, तूने आज मुझे खेती-किसानी से हटा दिया। मैं तेरे सम्मुख छिपा रहूंगा। मैं पृथ्वी पर भगोड़े की तरह यहां-वहां भटकता रहूंगा। और कोई भी व्यक्ति जो मुझ को मिलेगा, वह मेरी हत्या कर देगा।’
यदि किसी मनुष्य ने दूसरे की हत्या की है, तो वह मृत्यु पर्यन्त यहां वहां मारा-मारा फिरे; कोई भी व्यक्ति उसकी सहायता न करे।
एफ्रइम ने मेरे परमेश्वर की बात नहीं सुनी : अत: वह उसको अपने देश से निकाल देगा; वह एक राष्ट्र से दूसरे राष्ट्र में भटकता रहेगा।
खेत उजड़ गए, भूमि रो रही है। अन्न नष्ट हो गया, अंगूर की नई फसल बर्बाद हो गई। अंजीर का तेल सूख गया।
मैं तुमसे विमुख होऊंगा, जिससे तुम अपने शत्रुओं के सम्मुख हार जाओगे। जिनसे घृणा करते हो, वे ही तुम पर शासन करेंगे। तुम्हारा पीछा करने वाला कोई न होगा, फिर भी तुम भागते जाओगे।
तब भूमि पर तुम्हारा सम्पूर्ण परिश्रम व्यर्थ हो जाएगा; क्योंकि भूमि अपनी उपज न उपजाएगी और न मैदान के वृक्षों के फल लगेंगे।
तुममें से बचे हुए व्यक्तियों के हृदय में जो तुम्हारे शत्रुओं के देश में होंगे, कायरता उत्पन्न करूंगा। सूखे पत्तों के खड़कने का स्वर ही उनको भगा देगा। वे ऐसे भागेंगे, जैसे कोई व्यक्ति तलवार से बचने के लिए भागता है। उनका पीछा करने वाला न होने पर भी वे गिर-गिर पड़ेंगे।
यह सृष्टि तो इस संसार की असारता के अधीन हो गयी है—अपनी इच्छा से नहीं, बल्कि उसकी इच्छा से, जिसने उसे अधीन बनाया है—किन्तु यह आशा भी बनी रही
‘परन्तु यदि तू अपने प्रभु परमेश्वर की वाणी नहीं सुनेगा, उसकी उन समस्त आज्ञाओं और संविधियों के अनुसार, जिनका आदेश आज मैं तुझे दे रहा हूँ, कार्य करने को तत्पर नहीं होगा, तो ये अभिशाप तेरे पास आकर तुझ को पकड़ लेंगे।