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व्यवस्थाविवरण 28:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

15 ‘परन्‍तु यदि तू अपने प्रभु परमेश्‍वर की वाणी नहीं सुनेगा, उसकी उन समस्‍त आज्ञाओं और संविधियों के अनुसार, जिनका आदेश आज मैं तुझे दे रहा हूँ, कार्य करने को तत्‍पर नहीं होगा, तो ये अभिशाप तेरे पास आकर तुझ को पकड़ लेंगे।

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पवित्र बाइबल

15 “किन्तु यदि तुम यहोवा अपने परमेश्वर द्वारा कही गई बातों पर ध्यान नहीं देते और आज मैं जिन आदेशों और नियमों को बता रहा हूँ, पालन नहीं करते तो ये सभी अभिशाप तुम पर आयेंगेः

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Hindi Holy Bible

15 परन्तु यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा की बात न सुने, और उसकी सारी आज्ञाओं और विधियों के पालने में जो मैं आज सुनाता हूं चौकसी नहीं करेगा, तो ये सब शाप तुझ पर आ पड़ेंगे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

15 “परन्तु यदि तू अपने परमेश्‍वर यहोवा की बात न सुने, और उसकी सारी आज्ञाओं और विधियों के पालने में जो मैं आज सुनाता हूँ चौकसी नहीं करेगा, तो ये सब शाप तुझ पर आ पड़ेंगे।

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सरल हिन्दी बाइबल

15 मगर यदि स्थिति यह हो जाए, कि आज तुम मेरे द्वारा दिए जा रहे, याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के आदेशों और नियमों का पालन न करो, तो ये सारे शाप तुम्हें आ घेरेंगे, और तुम पर प्रभावी हो जाएंगे:

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

15 “परन्तु यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा की बात न सुने, और उसकी सारी आज्ञाओं और विधियों के पालन करने में जो मैं आज सुनाता हूँ चौकसी नहीं करेगा, तो ये सब श्राप तुझ पर आ पड़ेंगे।

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व्यवस्थाविवरण 28:15
31 क्रॉस रेफरेंस  

प्रभु परमेश्‍वर ने सांप से कहा, ‘तूने यह कार्य किया, इसलिए तू समस्‍त पालतू पशुओं तथा सब वन-पशुओं में शापित है! तू पेट के बल चलेगा। तू आजीवन धूल चाटता रहेगा।


अब तू उस भूमि की ओर से शापित है, जिसने तेरे भाई का रक्‍त तेरे हाथ से स्‍वीकार करने के लिए अपना मुंह खोला है।


जब तू भूमि पर खेती करेगा तब वह अपनी क्षमता के अनुसार तुझे उपज न देगी। तू पृथ्‍वी पर भगोड़ा होगा और यहां-वहां भटकता फिरेगा।’


शीशक के आक्रमण के कारण यहूदा प्रदेश के सब उच्‍चाधिकारी यरूशलेम में एकत्र हुए। तब नबी शमायाह राजा रहबआम और उच्‍चाधिकारियों के पास आया। उसने उनसे कहा, ‘प्रभु यों कहता है: तुमने मुझे त्‍याग दिया था, इसलिए मैंने भी तुम्‍हें त्‍याग दिया, और शीशक के हाथ में छोड़ दिया।’


प्रभु यों कहता है, “देख, मैं इस स्‍थान पर, इसके सब निवासियों पर विपत्ति ढाहूंगा। इस पुस्‍तक के जो अभिशाप-वचन यहूदा प्रदेश के राजा के सम्‍मुख पढ़े गए हैं, उनको मैं पूर्ण करूंगा।


‘परन्‍तु ओ इस्राएलियो, यदि तुम मेरा अनुसरण करना छोड़ दोगे, जो आज्ञाएं और संविधियां मैंने तुम्‍हारे सम्‍मुख रखी हैं, उनका पालन नहीं करोगे, और अन्‍य देशों के देवताओं का अनुसरण करोगे, उनकी सेवा करोगे, उनकी आराधना करोगे,


दुर्जन को धिक्‍कार है; क्‍योंकि उसका बुरा होगा। जैसा उसने किया है, वैसा ही उसके साथ किया जायेगा।


फिर भी उन्‍होंने मेरी आज्ञाओं का उल्‍लंघन किया, उनको अनसुना कर दिया। वे सब के सब हठपूर्वक अपने हृदय के अनुसार दुराचरण करते रहे। अत: विधान-उल्‍लंघन के सब परिणाम उन्‍हें भुगतने पड़े। मैंने उनसे कहा था कि वे मेरे विधान के अनुसार आचरण करें, परन्‍तु उन्‍होंने मेरी बात नहीं मानी।’


‘यिर्मयाह, तू उनसे यह कहना : “प्रभु यों कहता है : यदि तुम मेरी बात नहीं सुनोगे, जो व्‍यवस्‍था मैंने तुम्‍हारे सामने रखी है, उस पर नहीं चलोगे,


वे मिस्र देश से इस देश में आए। उन्‍होंने इस देश में प्रवेश किया, और इस पर अधिकार कर लिया। ‘किन्‍तु उन्‍होंने तेरी वाणी नहीं सुनी, और तेरी व्‍यवस्‍था के अनुसार आचरण नहीं किया। उन्‍होंने वे कार्य नहीं किये जिनको करने का आदेश तूने उनको दिया था। अत: तूने यह विपत्ति उन पर ढाही।


मैं उसको, उसकी सन्‍तान को, और उसके कर्मचारियों को उनके अधर्म के लिए दण्‍ड दूंगा। मैं उन पर, यहूदा प्रदेश की समस्‍त जनता पर, यरूशलेम के निवासियों पर सब विपत्तियां ढाहूंगा, जिनकी घोषणा मैंने की थी, और जिनको उन्‍होंने नहीं सुना था।” ’


हो सकता है कि वे प्रभु के ये वचन सुनकर अपना दुराचरण छोड़ दें, वे पश्‍चात्ताप करें और प्रभु से विनती करें। संभव है कि प्रभु उनकी विनती सुने। प्रभु ने चेतावनी दी है कि वह उन लोगों से बहुत क्रुद्ध है। उनके विरुद्ध उसकी क्रोधाग्‍नि भड़क उठी है।’


नबूजरदान ने यिर्मयाह को बुला कर उन से कहा, ‘आपके प्रभु परमेश्‍वर ने इस नगर के विरुद्ध अनिष्‍ट की घोषणा की थी,


जो प्रभु ने निश्‍चय किया था, उसने उसको पूरा किया, उसने अपनी धमकी पूरी की। जैसा उसने बहुत पहले आदेश दिया था, उस वचन के अनुसार उसने कार्य किया। उसने निर्दयतापूर्वक नगर का विध्‍वन्‍स कर दिया। ओ यरूशलेम! उसने तेरे शत्रुओं को तुझ पर हंसने और आनन्‍द मनाने का अवसर प्रदान किया; तेरे बैरियों की शक्‍ति को बढ़ाया।


जब वे आएंगे तब मैं उन पर अपना जाल फेंकूंगा। आकाश के पक्षियों के समान मैं उनको फंसाकर नीचे लाऊंगा। मैं उनके कुकर्मों के लिए उन्‍हें दण्‍ड दूंगा।


यदि तुम मेरी यह बात नहीं सुनोगे, मेरे नाम की महिमा करने पर ध्‍यान नहीं दोगे, तो मैं, स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु, यह कहता हूं: मैं तुम पर शाप प्रेषित करूंगा। मैं तुम्‍हारे वरदानों को शापों में बदल दूंगा। निस्‍सन्‍देह मैंने उन्‍हें शाप में बदल दिया है, क्‍योंकि तुमने मेरे नाम की महिमा करने पर ध्‍यान नहीं दिया।


परन्‍तु जो व्‍यवस्‍था के कर्मकाण्‍ड पर निर्भर रहते हैं, वे शाप के अधीन हैं; क्‍योंकि लिखा है: “जो व्यक्‍ति व्‍यवस्‍था-ग्रन्‍थ में लिखी हुई सभी बातों का पालन नहीं करता रहता है, वह शापित है।”


किन्‍तु यदि तुम अपने प्रभु परमेश्‍वर की आज्ञाओं को नहीं सुनोगे, और उस मार्ग से भटक जाओगे, जिस पर चलने का आदेश आज मैं तुम्‍हें दे रहा हूँ, और उन देवताओं का अनुसरण करोगे, जिन्‍हें तुम नहीं जानते हो, तो तुम्‍हें परमेश्‍वर श्राप देगा!


यदि तू अपने प्रभु परमेश्‍वर की वाणी सुनेगा तो ये आशिषें तेरे पास आकर तुझको पकड़ लेंगी।


जब तक तू नष्‍ट नहीं हो जाएगा, तब तक ये अभिशाप तुझ पर आकर तेरा पीछा करेंगे, तुझे पकड़े रहेंगे, क्‍योंकि तूने अपने प्रभु परमेश्‍वर की वाणी नहीं सुनी, उसकी आज्ञाओं और संविधियों का पालन नहीं किया, जिनका उसने तुझे आदेश दिया था।


यदि कोई व्यक्‍ति इस शपथपूर्ण व्‍यवस्‍था के वचन सुनने के पश्‍चात् मन ही मन अपने को सौभाग्‍यशाली मानता है, और यह कहता है, “यद्यपि मैं अपने हृदय के हठ के अनुसार चलूंगा, तो भी मेरा कुशल-मंगल होगा” , तो ऐसा विचार गेहूं के साथ घुन को भी पीस डालता है।


प्रभु उसको क्षमा करने को तैयार भी नहीं होगा, वरन् प्रभु का क्रोध और उसकी ईष्‍र्या-भावना उस व्यक्‍ति के प्रति भड़क उठेगी। इस पुस्‍तक में लिखित समस्‍त अभिशाप उस पर पड़ेंगे और प्रभु आकाश के नीचे से उसका नाम मिटा डालेगा।


मूसा ने समस्‍त इस्राएली समाज को बुलाया, और उनसे यह कहा, ‘ओ इस्राएल! जो संविधियाँ और न्‍याय-सिद्धान्‍त आज मैं तुम्‍हारे कान में डाल रहा हूँ, उनको सुनो। तुम उन्‍हें सीखना, और उनको व्‍यवहार में लाने के लिए सदा तत्‍पर रहना।


परन्‍तु जैसा प्रभु परमेश्‍वर के वचन के अनुसार तुम्‍हारे हितार्थ सब भले कार्य सम्‍पन्न हुए, वैसा ही तुम्‍हारे अनिष्‍ट के लिए भी बुरे कार्य पूर्ण होंगे। जो देश प्रभु परमेश्‍वर ने तुम्‍हें दिया है, जब तक तुम उस पर नष्‍ट नहीं हो जाओगे तब तक वह तुम पर विपत्तियां ढाहता रहेगा।


यदि तुम अपने प्रभु परमेश्‍वर के विधान को भंग करोगे, जिसका पालन करने की आज्ञा उसने तुम्‍हें दी थी, और दूसरे देवताओं का अनुसरण कर उनकी पूजा करोगे, झुक कर उनकी वन्‍दना करोगे, तो तुम्‍हारे प्रति प्रभु का क्रोध भड़क उठेगा, और तुम इस उत्तम देश में, जिसको उसने तुम्‍हें प्रदान किया है, अविलम्‍ब नष्‍ट हो जाओगे।’


जब-जब वे युद्ध के लिए बाहर निकलते थे तब-तब प्रभु का हाथ उनका अनिष्‍ट करने के लिए उठ जाता था। ऐसा ही प्रभु ने कहा था। उसने उनसे यही शपथ खाई थी। वे बड़े संकट में पड़ गए।


अत: पलिश्‍ती सेना ने पुन: युद्ध किया, और इस्राएली पराजित हो गए। हर एक इस्राएली सैनिक अपने-अपने तम्‍बू को भाग गया। उस दिन इस्राएलियों का महा संहार किया गया। उनके तीस हजार पैदल-सैनिक मारे गए।


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