जब वे मिस्र देश के निकट पहुँचे तब अब्राम ने उसमें प्रवेश करने से पूर्व अपनी पत्नी सारय से कहा, ‘सुनो, मैं जानता हूं कि तुम देखने में सुन्दर हो।
उत्पत्ति 24:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह कन्या देखने में बहुत सुन्दर थी। वह कुंवारी थी। अभी उसका विवाह नहीं हुआ था। वह झरने पर गई। उसने घड़ा भरा और ऊपर आई। पवित्र बाइबल लड़की बहुत सुन्दर थी। वह कुँवारी थी। वह किसी पुरुष के साथ कभी नहीं सोई थी। वह अपना घड़ा भरने के लिए कुएँ पर आई। Hindi Holy Bible वह अति सुन्दर, और कुमारी थी, और किसी पुरूष का मुंह न देखा था: वह कुएं में सोते के पास उतर गई, और अपना घड़ा भर के फिर ऊपर आई। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह अति सुन्दर और कुमारी थी, और किसी पुरुष का मुँह न देखा था। वह कुएँ में सोते के पास उतर गई, और अपना घड़ा भर के फिर ऊपर आई। नवीन हिंदी बाइबल वह कन्या देखने में बहुत सुंदर और कुँवारी थी, और उसने किसी पुरुष का मुँह न देखा था। वह सोते की ओर नीचे उतरी, और अपना घड़ा भरकर ऊपर आई। सरल हिन्दी बाइबल रेबेकाह बहुत सुंदर थी, कुंवारी थी; अब तक किसी पुरुष से उसका संसर्ग नहीं हुआ था. वह नीचे सोते पर गई, अपना घड़ा पानी से भरा और फिर ऊपर आ गई. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वह अति सुन्दर, और कुमारी थी, और किसी पुरुष का मुँह न देखा था। वह कुएँ में सोते के पास उतर गई, और अपना घड़ा भरकर फिर ऊपर आई। |
जब वे मिस्र देश के निकट पहुँचे तब अब्राम ने उसमें प्रवेश करने से पूर्व अपनी पत्नी सारय से कहा, ‘सुनो, मैं जानता हूं कि तुम देखने में सुन्दर हो।
जब उस स्थान के पुरुषों ने उनकी पत्नी रिबका के विषय में उनसे पूछा तब वह बोले, ‘यह मेरी बहिन है।’ इसहाक ‘मेरी पत्नी’ कहने से डरते थे। वह सोचते थे: ‘ऐसा न हो कि रिबका के कारण इस स्थान के पुरुष मुझको मार डालें;’ क्योंकि रिबका देखने में बहुत सुन्दर थी।
पोटीफर ने अपना सब कुछ यूसुफ के हाथ में छोड़ दिया। उसके रहते वह भोजन करने के अतिरिक्त घर के सम्बन्ध में और कुछ नहीं जानता था। यूसुफ शरीर से सुडौल और देखने में सुन्दर था।
आदम ने अपनी पत्नी हव्वा के साथ सहवास किया। वह गर्भवती हुई और उसने काइन को जन्म दिया। हव्वा ने कहा, ‘प्रभु की कृपा से मुझे बालक प्राप्त हुआ।’
‘मैं सोई हुई थी, पर मेरा मन जाग रहा था। सुनो, मेरा प्रियतम द्वार खटखटा रहा है : “ओ मेरी संगिनी, मेरी प्रियतमा, मेरी कपोती, मेरी निष्कलंक सुन्दरी! मेरे लिए द्वार खोल! मेरा सिर ओस से भीग गया है। मेरी लटें रात में टपकती बूंदों से तर हैं।”