इसलिए तुम यह कहना, कि तुम मेरी बहिन हो जिससे तुम्हारे कारण मेरा कल्याण हो, और मेरे प्राण बचें।’
उत्पत्ति 19:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) देखिए, ऊपर एक नगर है। वह मेरे लिए निकट है। वह कस्बा है। मुझे वहाँ भाग जाने दीजिए। तब मेरे प्राण बच जाएँगे। क्या वह छोटा नगर नहीं है?’ पवित्र बाइबल लेकिन देखें यहाँ पास में एक बहुत छोटा नगर है। हमें उस नगर तक दौड़ने दें। तब हमारा जीवन बच जाएगा।” Hindi Holy Bible देख, वह नगर ऐसा निकट है कि मैं वहां भाग सकता हूं, और वह छोटा भी है: मुझे वहीं भाग जाने दे, क्या वह छोटा नहीं है? और मेरा प्राण बच जाएगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) देख, वह नगर ऐसा निकट है कि मैं वहाँ भाग सकता हूँ, और वह छोटा भी है। मुझे वहीं भाग जाने दे, क्या वह नगर छोटा नहीं है? और मेरा प्राण बच जाएगा।” नवीन हिंदी बाइबल देख, वह नगर बच निकलने के लिए पास ही में है, और वह छोटा भी है। मुझे वहीं भाग जाने दे, क्या वह नगर छोटा नहीं है? और मेरा प्राण बच जाएगा।” सरल हिन्दी बाइबल तब देखिए, यहां पास में एक नगर है, जहां दौड़कर जाया जा सकता है और यह छोटा है. कृपया मुझे वहीं जाने की अनुमति दे दीजिए. यह बहुत छोटा नगर भी है. तब मेरा जीवन सुरक्षित रहेगा.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 देख, वह नगर ऐसा निकट है कि मैं वहाँ भाग सकता हूँ, और वह छोटा भी है। मुझे वहीं भाग जाने दे, क्या वह नगर छोटा नहीं है? और मेरा प्राण बच जाएगा।” |
इसलिए तुम यह कहना, कि तुम मेरी बहिन हो जिससे तुम्हारे कारण मेरा कल्याण हो, और मेरे प्राण बचें।’
आपके सेवक पर आपकी कृपा-दृष्टि हुई है। आपने मेरे प्राण बचाकर मुझ पर अपार करुणा की है। पर मैं पहाड़ की ओर नहीं भाग सकता। ऐसा न हो कि वहाँ मेरे साथ कोई दुर्घटना हो जाए और मैं मर जाऊं।
दूत ने लोट से कहा, ‘मैंने इस नगर के विषय में तुम्हारी विनती स्वीकार की। जिस नगर के विषय में तुमने कहा है, उसे मैं नष्ट नहीं करूँगा।
लोट सोअर नगर को छोड़कर अपनी दो पुत्रियों के साथ पहाड़ पर रहने लगा। वह सोअर नगर में रहने से डरता था। अत: वह अपनी दो पुत्रियों के साथ गुफा में रहने लगा।
प्रभु, मैं जीवित रहूं जिससे मैं तेरी स्तुति कर सकूं। तेरे न्याय-सिद्धान्त मेरी सहायता करें।
मेरी ओर कान दो, और मेरे पास आओ। मेरी बात सुनो, ताकि तुम्हारा प्राण जीवित रहे। तब मैं दाऊद के प्रति अपनी अटूट करुणा के कारण तुम्हारे साथ शाश्वत विधान स्थापित करूंगा।
यिर्मयाह ने उत्तर दिया, ‘महाराज, कसदी उच्चाधिकारी आपको उनके हाथ में नहीं सौंपेंगे। कृपया, प्रभु की वाणी पर ध्यान दीजिए। जो प्रभु का वचन मैंने आप से कहा है, उस पर विश्वास कीजिए। आप का भला होगा, और आपका प्राण जीवित रहेगा।
क्या यह संभव है? नगर में नरसिंगा फूंका जाए और नागरिक भयभीत न हों? जब तक प्रभु किसी नगर पर विपत्ति नहीं ढाहता क्या उस नगर पर विपत्ति आ सकती है?