उत्पत्ति 10:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह प्रभु की दृष्टि में महान शिकारी था। इसलिए उसके विषय में यह कहावत प्रचलित है : ‘प्रभु की दृष्टि में निमरोद के समान महान शिकारी।’ पवित्र बाइबल यहोवा के सामने निम्रोद एक बड़ा शिकारी था। इसलिए लोग दूसरे व्यक्तियों की तुलना निम्रोद से करते हैं और कहते है, “यह व्यक्ति यहोवा के सामने बड़ा शिकारी निम्रोद के समान है।” Hindi Holy Bible वही यहोवा की दृष्टि में पराक्रमी शिकार खेलने वाला ठहरा, इस से यह कहावत चली है; कि निम्रोद के समान यहोवा की दृष्टि में पराक्रमी शिकार खेलने वाला। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह यहोवा की दृष्टि में पराक्रमी शिकार खेलनेवाला ठहरा, इस से यह कहावत चली है; “निम्रोद के समान यहोवा की दृष्टि में पराक्रमी शिकार खेलनेवाला।” नवीन हिंदी बाइबल वह यहोवा की दृष्टि में पराक्रमी शिकारी था; इसलिए यह कहा जाने लगा, “यहोवा की दृष्टि में निम्रोद के समान पराक्रमी शिकारी।” सरल हिन्दी बाइबल वह याहवेह की दृष्टि में पराक्रमी, शिकारी था, और ऐसा कहा जाने लगा, “निमरोद के समान याहवेह की दृष्टि में पराक्रमी शिकारी!” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वही यहोवा की दृष्टि में पराक्रमी शिकार खेलनेवाला ठहरा, इससे यह कहावत चली है; “निम्रोद के समान यहोवा की दृष्टि में पराक्रमी शिकार खेलनेवाला।” |
कूश ने निमरोद नामक पुत्र को भी उत्पन्न किया था, जो पृथ्वी का पहला महा शक्तिशाली विजेता था।
जब दोनों बालक युवा हुए तब एसाव जंगल में रहनेवाला एक कुशल शिकारी बना। किन्तु याकूब तम्बुओं का निवासी एक सीधा-सादा मनुष्य था।
इसहाक ने याकूब को आशीर्वाद देना समाप्त किया और जैसे ही याकूब अपने पिता इसहाक के पास से बाहर निकला कि उसका भाई एसाव शिकार से लौटा।
उन दिनों पृथ्वी पर दानव थे। वे तब भी थे, जब ईश-पुत्रों ने मनुष्य की पुत्रियों से सहवास किया था। उनसे जो पुत्र उत्पन्न हुए, वे प्राचीनकाल के शक्तिशाली और सुप्रसिद्ध वीर थे।
“देखो, उस शक्तिमान को, जिसने परमेश्वर को अपना गढ़ नहीं बनाया, वरन् जिसने अपने धन-वैभव की प्रचुरता पर भरोसा किया, और अपनी धन-सम्पत्ति को अपना गढ़ माना।”
तू नरकट की नावों पर नील नदी के जलमार्ग से राजदूतों को भेजता है : “द्रुतगामी दूतो, उस राष्ट्र के पास जाओ, जिसके निवासी ऊंचे-ऊंचे, और चिकनी चमड़ी वाले हैं; उस कौम के पास जाओ, जिससे दूर और पास के सब देश डरते हैं, जो शक्तिशाली और विजयी राष्ट्र है, जिसका देश नदियों द्वारा कटा हुआ है।
‘ओ यिर्मयाह, देख’, प्रभु की यह वाणी है: ‘मैं अनेक मछुओं को भेज रहा हूँ, और वे उनको अपने जाल में पकड़ेंगे। मछुओं के बाद मैं अनेक शिकारियों को भेजूँगा, जो इस्राएलियों को हर एक पहाड़ पर, प्रत्येक घाटी में और सब चट्टानों की दरारों में ढूंढ़-ढूंढ़कर उनका शिकार करेंगे।
उनसे कह, स्वामी-प्रभु यों कहता है : धिक्कार है तुम्हें! तुम प्राणियों का शिकार करने के लिए ताबीज बनाती हो और बुरकों की सिलाई करती हो। तुम उनको सब लोगों की कलाइयों पर बान्धती, और हर एक कद के लोगों के सिरों पर ओढ़ाती हो। तुम मेरे निज लोगों के प्राणों का शिकार करती हो और अपनी जीविका के लिए दूसरे प्राणों को छोड़ देती हो। क्या यह उचित है?
पृथ्वी से भक्त उठ गए, मनुष्यों में सत्यनिष्ठ व्यक्ति नहीं रहे। सब लोग हत्या के उद्देश्य से घात लगाते हैं। हर आदमी अपने भाई के लिए जाल बिछाता है।