इसलिए आओ, हम उतरकर वहाँ उनकी भाषा में ऐसा सम्भ्रम उत्पन्न करें कि वे एक दूसरे की भाषा समझ न सकें।’
उत्पत्ति 1:26 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परमेश्वर ने कहा, ‘हम मनुष्य को अपने स्वरूप में, अपने सदृश बनाएँ, और समुद्र के जलचरों, आकाश के पक्षियों, पालतू पशुओं, धरती पर रेंगने वाले जन्तुओं और समस्त पृथ्वी पर मनुष्य का अधिकार हो।’ पवित्र बाइबल तब परमेश्वर ने कहा, “अब हम मनुष्य बनाएं। हम मनुष्य को अपने स्वरूप जैसा बनाएगे। मनुष्य हमारी तरह होगा। वह समुद्र की सारी मछलियों पर और आकाश के पक्षियों पर राज करेगा। वह पृथ्वी के सभी बड़े जानवरों और छोटे रेंगनेवाले जीवों पर राज करेगा।” Hindi Holy Bible फिर परमेश्वर ने कहा, हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएं; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगने वाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर परमेश्वर ने कहा, “हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएँ; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगनेवाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें।” नवीन हिंदी बाइबल फिर परमेश्वर ने कहा, “आओ हम मनुष्य को अपने स्वरूप और अपनी समानता में बनाएँ; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगनेवाले जंतुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें।” सरल हिन्दी बाइबल फिर परमेश्वर ने कहा, “हम अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में मनुष्य की रचना करें कि वे सागर की मछलियों, आकाश के पक्षियों, पालतू पशुओं, भूमि पर रेंगनेवाले हर एक जीव तथा सारी पृथ्वी पर राज करें.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर परमेश्वर ने कहा, “हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएँ; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगनेवाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें।” (याकू. 3:9) |
इसलिए आओ, हम उतरकर वहाँ उनकी भाषा में ऐसा सम्भ्रम उत्पन्न करें कि वे एक दूसरे की भाषा समझ न सकें।’
अत: प्रभु परमेश्वर ने भूमि की मिट्टी से वन के समस्त पशु और आकाश के सब पक्षी गढ़े। वह उन्हें मनुष्य के पास लाया कि देखें, मनुष्य उनका क्या नाम रखता है। प्रत्येक जीव-जन्तु का वही नाम होगा, जो मनुष्य उसे देगा।
प्रभु परमेश्वर ने कहा, ‘देखो, मनुष्य भले और बुरे को जानकर हममें से एक के समान बन गया है। अब कहीं ऐसा न हो कि वह हाथ बढ़ाकर जीवन के वृक्ष का फल तोड़ ले, और उसे खाकर अमर हो जाए।’
आदम की वंशावली का विवरण इस प्रकार है: जब परमेश्वर ने मनुष्य को रचा, तब उसने उसे अपने सदृश बनाया।
जो कोई मनुष्य का रक्त बहाएगा, उसका भी रक्त मनुष्य द्वारा बहाया जाएगा; क्योंकि परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप में बनाया है।
पर वे यह नहीं कहते, “मेरा सृजन करनेवाला परमेश्वर कहाँ है? वह हमें रात में भी गीत गाने की प्रेरणा देता है।
जान लो कि प्रभु ही परमेश्वर है; प्रभु ने ही हमें बनाया है, और हम उसी के हैं; हम उसके निज लोग, उसके चरागाह की भेड़ें हैं।
देखो, मैंने केवल यह सच पाया है: परमेश्वर ने मनुष्य को सीधा-सादा बनाया है, किन्तु मनुष्य ने स्वयं जीवन की अनेक जटिलताएँ ढूँढ़ निकाली हैं।
आकाश का स्रष्टा (वह परमेश्वर है!), पृथ्वी को आकार देनेवाला और बनानेवाला प्रभु यों कहता है: (उसने ही पृथ्वी को स्थिर किया है, उसने उसको इसलिए नहीं रचा कि वह निर्जन रहे, उसने उसे आबाद करने के लिए बनाया है।) ‘मैं ही प्रभु हूं, मुझे छोड़ दूसरा कोई प्रभु नहीं है।
तत्पश्चात् मैंने स्वामी की यह वाणी सुनी, ‘मैं किस को भेजूं? हमारी ओर से कौन जाएगा?’ मैंने कहा, ‘मैं प्रस्तुत हूं, मुझे भेज।’
तो भी, प्रभु, तू हमारा पिता है, हम मिट्टी मात्र हैं, और तू हमारा कुम्हार है। हम-सब तेरे हाथ की रचना हैं।
सुनो, मैंने पृथ्वी के ये सब देश बेबीलोन के राजा अपने सेवक नबूकदनेस्सर के हाथ में सौंप दिए हैं। मैंने धरती के पशुओं को भी उस के अधीन कर दिया है, कि वे उस की सेवा करें।
येशु ने उसे उत्तर दिया, “जो मुझ से प्रेम करेंगे, वे मेरे वचन का पालन करेंगे और मेरा पिता उन से प्रेम करेगा और हम उनके पास आएँगे और उनके साथ निवास करेंगे।
येशु ने उन्हें यह उत्तर दिया, “मेरा पिता अब तक कार्य कर रहा है और मैं भी कार्य कर रहा हूँ।”
आप कुछ ऐसी बातें कहते हैं जो हमारे कानों को अनोखी लगती हैं। हम जानना चाहते हैं कि उनका अर्थ क्या है।”
उसने एक ही मूल से समस्त मनुष्यजाति को उत्पन्न किया है कि वह सारी पृथ्वी पर बस जाए। उसने मनुष्यों के नियत समयों और निवास के सीमा-क्षेत्रों को निर्धारित किया है
पुरुष को अपना सिर नहीं ढकना चाहिए; क्योंकि वह परमेश्वर का प्रतिरूप और उसकी महिमा का प्रतिबिन्ब है, जब कि स्त्री पुरुष की महिमा का प्रतिबिम्ब है।
जहां तक हम-सब का प्रश्न है, हमारे मुख पर परदा नहीं है और हम-सब दर्पण की तरह प्रभु का तेज प्रतिबिम्बित करते हैं। इस प्रकार हम धीरे-धीरे प्रभु के तेजोमय प्रतिरूप में रूपान्तरित हो जाते हैं और वह रूपान्तरण प्रभु अर्थात् आत्मा का कार्य है।
इस युग-संसार के देवता ने अविश्वासियों का मन इतना अन्धा कर दिया है कि वे परमेश्वर के प्रतिरूप, अर्थात् मसीह के तेजोमय शुभ समाचार की ज्योति को देखने में असमर्थ हैं।
और एक नवीन स्वभाव धारण करें, जिसकी सृष्टि परमेश्वर के अनुसार हुई है और जो धार्मिकता तथा सच्ची पवित्रता में व्यक्त होता है।
एक नया स्वभाव धारण किया है। यह स्वभाव अपने सृष्टिकर्ता का प्रतिरूप बन कर नवीन होता रहता और पूर्ण ज्ञान की ओर आगे बढ़ता है।
हर प्रकार के पशु और पक्षी, रेंगने वाले और जलचर जीवजन्तु, सब-के-सब मानव-जाति द्वारा वश में किये जा सकते हैं अथवा वश में किये जा चुके हैं,
हम उस से अपने प्रभु एवं पिता की स्तुति करते हैं और उसी से मनुष्यों को अभिशाप देते हैं, जो परमेश्वर के स्वरूप में बनाए गए हैं।