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प्रेरितों के काम 17:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

20 आप कुछ ऐसी बातें कहते हैं जो हमारे कानों को अनोखी लगती हैं। हम जानना चाहते हैं कि उनका अर्थ क्‍या है।”

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पवित्र बाइबल

20 तू कुछ विचित्र बातें हमारे कानों में डाल रहा है, सो हम जानना चाहते हैं कि इन बातों का अर्थ क्या है?”

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Hindi Holy Bible

20 क्योंकि तू अनोखी बातें हमें सुनाता है, इसलिये हम जानना चाहते हैं कि इन का अर्थ क्या है?

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

20 क्योंकि तू अनोखी बातें हमें सुनाता है, इसलिये हम जानना चाहते हैं कि इनका अर्थ क्या है।”

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नवीन हिंदी बाइबल

20 क्योंकि तू कुछ अनोखी बातें हमें सुनाता है; इसलिए हम जानना चाहते हैं कि इन बातों का अर्थ क्या है?”

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सरल हिन्दी बाइबल

20 क्योंकि आपके द्वारा बतायी गई बातें हमारे लिए अनोखी हैं. हम जानना चाहते हैं कि इनका मतलब क्या है.”

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प्रेरितों के काम 17:20
15 क्रॉस रेफरेंस  

यदि मैं अपनी व्‍यवस्‍था को लाखों रूप में लिखता तो भी वह उसके लिए अज्ञात रहती!


उन्‍होंने येशु की यह बात मान ली, परन्‍तु वे आपस में विचार-विमर्श करने लगे कि ‘मृतकों में से जी उठने’ का अर्थ क्‍या हो सकता है।


यह सुनकर उनके बहुत-से शिष्‍यों ने कहा, “यह तो कठोर शिक्षा है। इसे कौन मान सकता है?”


पतरस अभी यह नहीं समझ पा रहे थे कि उन्‍होंने जो दृश्‍य देखा है, उसका क्‍या तात्‍पर्य हो सकता है। इतने में करनेलियुस द्वारा भेजे गये मनुष्‍य शिमोन के घर का पता लगा कर द्वार पर आ पहुँचे।


इसलिए वे पौलुस को अपने साथ अरियोपिगुस परिषद में ले गये और उनसे कहा, “क्‍या हम जान सकते हैं कि आप यह कौन-सी नयी शिक्षा दे रहे हैं?


क्‍योंकि अथेने नगर के सब निवासी और वहाँ के रहने वाले विदेशी नयी-नयी बातें सुनाने अथवा सुनने के अतिरिक्‍त और किसी काम में समय नहीं बिताते थे।


वे सब चकित रह गये और दुविधा में पड़कर एक-दूसरे से कहने लगे, “यह क्‍या बात है?”


जो विनाश के मार्ग पर चलते हैं, वे क्रूस की शिक्षा को ‘मूर्खता’ समझते हैं। किन्‍तु हम लोगों के लिए, जो मुक्‍ति के मार्ग पर चलते हैं, वह परमेश्‍वर का सामर्थ्य है;


किन्‍तु हम क्रूसित मसीह का ही प्रचार करते हैं। यह यहूदियों के विश्‍वास में बाधा है और गैर-यहूदियों के लिए ‘मूर्खता’।


प्राकृत मनुष्‍य परमेश्‍वर के आत्‍मा की शिक्षा स्‍वीकार नहीं करता। वह उसे मूर्खता मानता और उसे समझने में असमर्थ है, क्‍योंकि आत्‍मा की सहायता से ही उस शिक्षा की परख हो सकती है।


इसके सम्‍बन्‍ध में हमें बहुत कुछ कहना है। पर इन बातों को समझाना कठिन है, क्‍योंकि आप लोग ढीले पड़ गये हैं और ऊंचा सुनने लगे हैं!


अब आप उन लोगों के साथ विलासिता के दलदल में गोता नहीं लगाते, इसलिए उन्‍हें आश्‍चर्य होता और वे आपकी निन्‍दा करते हैं।


हमारे पर का पालन करें:

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