उसने मुझसे कहा, ‘ओ मानव, स्वामी-प्रभु यों कहता है: वेदी के सम्बन्ध में मेरे ये आदेश हैं: वेदी पर अग्नि-बलि अर्पित की जाएगी, और उस पर बलि-पशु का रक्त छिड़का जाएगा। जिस दिन वह इस कार्य के लिए बन कर तैयार होगी, उस दिन
इब्रानियों 9:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) व्यवस्था के अनुसार प्राय: सब कुछ रक्त द्वारा शुद्ध किया जाता है और रक्त के बिना क्षमा नहीं मिलती। पवित्र बाइबल वास्तव में व्यवस्था चाहती है कि प्रायः हर वस्तु को लहू से शुद्ध किया जाए। और बिना लहू बहाये क्षमा है ही नहीं। Hindi Holy Bible और व्यवस्था के अनुसार प्राय: सब वस्तुएं लोहू के द्वारा शुद्ध की जाती हैं; और बिना लोहू बहाए क्षमा नहीं होती॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) सच तो यह है कि व्यवस्था के अनुसार प्राय: सब वस्तुएँ लहू के द्वारा शुद्ध की जाती हैं, और बिना लहू बहाए पापों की क्षमा नहीं। नवीन हिंदी बाइबल व्यवस्था के अनुसार प्रायः सब वस्तुएँ लहू के द्वारा शुद्ध की जाती हैं, और बिना लहू बहाए पापों की क्षमा है ही नहीं। सरल हिन्दी बाइबल वस्तुतः व्यवस्था के अंतर्गत प्रायः हर एक वस्तु लहू के छिड़काव द्वारा पवित्र की गई. बलि-लहू के बिना पाप क्षमा संभव नहीं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और व्यवस्था के अनुसार प्रायः सब वस्तुएँ लहू के द्वारा शुद्ध की जाती हैं; और बिना लहू बहाए क्षमा नहीं होती। (लैव्य. 17:11) |
उसने मुझसे कहा, ‘ओ मानव, स्वामी-प्रभु यों कहता है: वेदी के सम्बन्ध में मेरे ये आदेश हैं: वेदी पर अग्नि-बलि अर्पित की जाएगी, और उस पर बलि-पशु का रक्त छिड़का जाएगा। जिस दिन वह इस कार्य के लिए बन कर तैयार होगी, उस दिन
पुरोहित दोष-बलि का कुछ रक्त लेकर शुद्ध होने वाले व्यक्ति के दाहिने कान की लौ पर, उसके दाहिने हाथ और दाहिने पैर के अंगूठों पर लगाएगा।
पुरोहित दोष-बलि का पशु बलि करेगा। तत्पश्चात् वह दोष-बलि का कुछ रक्त लेकर शुद्ध होने वाले व्यक्ति के दाहिने कान की लौ पर, उसके दाहिने हाथ और दाहिने पैर के अंगूठों पर लगाएगा।
तत्पश्चात् वह जीवित पक्षी के साथ देवदार की लकड़ी, लोहित रंग का वस्त्र एवं जूफा लेगा। वह उनको तथा जीवित पक्षी को उस पक्षी के रक्त में डुबाएगा जिसकी बहते हुए जल के ऊपर बलि की गई है।
क्योंकि प्राणी का प्राण रक्त में रहता है। मैंने तुम्हें रक्त इसलिए दिया है कि तुम उसको अपने प्राणों के प्रायश्चित्त के लिए वेदी पर चढ़ाओ। रक्त में प्राण होने के कारण ही उससे प्रायश्चित्त होता है।
वह बछड़े के साथ वैसा ही करेगा जैसा उसने पाप-बलि के बछड़े के साथ किया था। पुरोहित लोगों के लिए प्रायश्चित करेगा और वे क्षमा प्राप्त करेंगे।
वह सहभागिता-बलि की चर्बी के सदृश सब चर्बी को वेदी पर जलाएगा। इस प्रकार पुरोहित मुखिया के हेतु, उसके पाप के निमित्त प्रायश्चित करेगा और उसे क्षमा प्राप्त होगी।
जैसे सहभागिता-बलि के मेमने की चर्बी निकाली जाती है वैसे ही वह उसकी सब चर्बी निकालेगा। पुरोहित प्रभु को अग्नि में अर्पित अन्य बलि के अनुसार उसको भी वेदी पर जलाएगा। पुरोहित उस व्यक्ति के हेतु उसके पाप के निमित्त, जो उसने किया है, प्रायश्चित्त करेगा और उसे क्षमा प्राप्त होगी।
तत्पश्चात् वह दूसरे पक्षी को विधि के अनुसार अग्नि-बलि में चढ़ाएगा। पुरोहित उस व्यक्ति के हेतु, उसके पाप के निमित्त, जो उसने किया है, प्रायश्चित्त करेगा और उसे क्षमा प्राप्त होगी।
‘यदि वह दो पण्डुक या कबूतर के दो बच्चे चढ़ाने में असमर्थ है तो, जो पाप उसने किया है, उसके कारण वह प्रभु के सम्मुख अपनी पाप-बलि के रूप में एक किलो मैदा लाएगा। वह उस पर तेल नहीं डालेगा। वह उस पर लोबान भी नहीं रखेगा; क्योंकि यह पाप-बलि है।
वह उसको पुरोहित के पास लाएगा। पुरोहित उसमें से मुट्ठी भर मैदा स्मरण दिलाने वाले भाग के रूप में, प्रभु को अग्नि में अर्पित बलियों के ऊपर, वेदी पर जलाएगा। यह पाप-बलि है।
वह रेवड़ में से एक निष्कलंक मेढ़ा पुरोहित के पास लाएगा। मेढ़ा उतने ही मूल्य का होगा, जितना पुरोहित दोष-बलि का निश्चित करेगा। जो भूल उसने अनजाने में की है, उसके कारण पुरोहित उसके निमित्त प्रायश्चित करेगा, और उसे क्षमा प्राप्त होगी।
पुरोहित उस व्यक्ति के हेतु प्रभु के सम्मुख प्रायश्चित करेगा; इन समस्त कार्यों में से उस एक कार्य के लिए जिसके द्वारा वह दोषी हो गया था, उसे क्षमा प्राप्त होगी।’