इब्रानियों 9:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वे बाह्य नियम हैं जो खान-पान एवं नाना प्रकार की शुद्धीकरण-विधियों से सम्बन्ध रखते हैं और पुनर्निर्माण के युग के आगमन तक ही लागू हैं। पवित्र बाइबल ये तो बस खाने-पीने और अनेक पर्व विशेष-स्थानों के बाहरी नियम हैं और नयी व्यवस्था के समय तक के लिए ही ये लागू होते हैं। Hindi Holy Bible इसलिये कि वे केवल खाने पीने की वस्तुओं, और भांति भांति के स्नान विधि के आधार पर शारीरिक नियम हैं, जो सुधार के समय तक के लिये नियुक्त किए गए हैं॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि वे केवल खाने पीने की वस्तुओं और भाँति–भाँति की स्नान–विधि के आधार पर शारीरिक नियम हैं, जो सुधार के समय तक के लिये नियुक्त किए गए हैं। नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि ये केवल खाने-पीने और भाँति-भाँति की स्नान-विधियों से संबंधित शारीरिक नियम हैं, जो सुधार के समय तक के लिए ही निर्धारित हैं। सरल हिन्दी बाइबल ये सुधार के समय तक ही असरदार रहेंगी क्योंकि इनका संबंध सिर्फ खान-पान तथा भिन्न-भिन्न शुद्ध करने की विधियों से है—उन विधियों से, जो शरीर से संबंधित हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए कि वे केवल खाने-पीने की वस्तुओं, और भाँति-भाँति के स्नान विधि के आधार पर शारीरिक नियम हैं, जो सुधार के समय तक के लिये नियुक्त किए गए हैं। |
तू हारून और उसके पुत्रों को मिलन-शिविर के द्वार पर लाना। उन्हें जल से स्नान कराना। हारून को पवित्र पोशाक पहनाना।
तब मैंने कहा, ‘यह क्या, स्वामी-प्रभु! देख, मैंने निषिद्ध भोजन खाकर कभी स्वयं को अशुद्ध नहीं किया। बचपन से अब तक मैंने किसी मरे हुए पशु अथवा जंगली जानवरों द्वारा मारे गए पशु का मांस नहीं खाया। मैंने व्यवस्था द्वारा निषिद्ध मांस अपने मुंह में कभी नहीं डाला।’
वस्त्र, ताना-बाना अथवा चमड़े की कोई वस्तु जिसे धोने के पश्चात् दाग निकल गया है, पुन: धोई जाएगी। तब वह शुद्ध होगी।’
वह शुद्ध स्थान में जल में स्नान करेगा और अपने वस्त्र पहनकर बाहर आएगा। तब वह अपनी तथा लोगों की अग्नि-बलि अर्पित करेगा और अपने तथा लोगों के लिए प्रायश्चित्त करेगा।
वह सूती वस्त्र का पवित्र अंगरखा पहने हुए, अपने शरीर पर सूती वस्त्र का जांघिया धारण किए हुए, सूती वस्त्र का कटिबन्द कसे हुए और सूती वस्त्र की पगड़ी बांधे हुए प्रवेश करेगा। ये पवित्र वस्त्र हैं। वह जल में स्नान करेगा, और तब उनको पहनेगा।
तो जो व्यक्ति इनमें से किसी का भी स्पर्श करेगा, वह सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा। जब तक वह जल में स्नान नहीं करेगा तब तक पवित्र वस्तुओं को नहीं खाएगा।
तब वह मदिरा तथा अंगूर के रस से अपने को अलग रखेगा। वह अंगूर अथवा मदिरा का सिरका नहीं पीएगा। वह अंगूर का रस भी नहीं पीएगा और न ताजा अथवा सूखा अंगूर ही खाएगा।
बाजार से लौट कर वे बिना स्नान किये भोजन नहीं करते और अन्य बहुत-सी परम्परागत प्रथाओं का पालन करते हैं−जैसे प्यालों, सुराहियों, काँसे के बरतनों और खाट-खटियाओं का शुद्धीकरण।
किन्तु अब आप परमेश्वर को पहचान चुके हैं या यों कहें कि परमेश्वर ने आप को अपना लिया है, तो आप कैसे फिर उन अशक्त एवं असार तत्वों की शरण ले सकते हैं? क्या आप एक बार फिर उनकी दासता स्वीकार करना चाहते हैं?
विधि-निषेधों की व्यवस्था को रद्द कर दिया। इस प्रकार, उन्होंने यहूदियों तथा गैर-यहूदियों को अपने से मिला कर एक नयी मानवता की सृष्टि की और शान्ति स्थापित की है।
जो नगर लाश के निकटतम होगा, उसके समस्त धर्मवृद्ध लाल कलोर के ऊपर, जिसकी गर्दन घाटी में तोड़ी गई है, अपने-अपने हाथ धोएंगे।
वह सन्ध्या के समय स्नान करेगा। तत्पश्चात् सूर्यास्त होने पर वह पड़ाव के भीतर प्रवेश कर सकेगा।
इसलिए किसी को यह अधिकार नहीं कि वह खान-पान, पर्व, अमावस्या या विश्राम-दिवस के विषय में आप लोगों पर दोष लगाये।
इसलिए हम अपने दोषी अंत:करण से शुद्ध होने के लिए हृदय पर छिड़काव कर और अपने शरीर को स्वच्छ जल से धो कर निष्कपट हृदय से तथा पूर्ण विश्वास के साथ परमेश्वर के पास आएं।
नाना प्रकार के अनोखे सिद्धान्तों के फेर में नहीं पड़ें। उत्तम यह है कि हमारा मन भोजन से नहीं, बल्कि परमेश्वर की कृपा से बल प्राप्त करे। भोजन-सम्बन्धी निषेध-विधियों का पालन करने वालों को इन से लाभ नहीं हुआ।
परमेश्वर ने उस भावी संसार को, जिसकी चर्चा हम कर रहे हैं, स्वर्गदूतों के अधीन नहीं किया है।
शुद्धिकरण-विधियों सम्बन्धी शिक्षा, हस्तारोपण, मृतकों के पुनरुत्थान और अनंत दंड जैसी शिक्षाओं की नींव फिर न डालें, बल्कि उन से ऊपर उठें।
जो वंश-परम्परा पर आधारित किसी व्यवस्था के आदेशानुसार नहीं, बल्कि अविनाशी जीवन के सामर्थ्य से पुरोहित बन गये हैं।