इब्रानियों 9:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रथम विधान के भी अपने आराधना सम्बन्धी नियम थे और उसका अपना पार्थिव आराधना-स्थल था। पवित्र बाइबल अब देखो पहले वाचा में भी उपासना के नियम थे। तथा एक मनुष्य के हाथों का बना उपासना गृह भी था। Hindi Holy Bible निदान, उस पहिली वाचा में भी सेवा के नियम थे; और ऐसा पवित्रस्थान जो इस जगत का था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उस पहली वाचा में भी सेवा के नियम थे, और ऐसा पवित्रस्थान था जो इस जगत का था। नवीन हिंदी बाइबल अब पहली वाचा में भी सेवा के नियम थे, और पृथ्वी का पवित्र स्थान था। सरल हिन्दी बाइबल पहली वाचा में भी परमेश्वर की आराधना तथा सांसारिक मंदिर के विषय में नियम थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उस पहली वाचा में भी सेवा के नियम थे; और ऐसा पवित्रस्थान था जो इस जगत का था। |
यदि वे अपने कार्यों के लिए लज्जित होंगे, तब तू उनके सामने मेरे मन्दिर का सम्पूर्ण चित्र अंकित करना: मन्दिर की योजना, बाहर-भीतर आने-जाने के मार्ग, उसका सम्पूर्ण आकार। उन्हें मन्दिर के रीति-रिवाज, और नियम-विधियां भी बताना। तू इन सब बातों को उनके सामने ही लिख लेना जिससे वे मन्दिर के समस्त नियम-कानूनों तथा धर्म-विधियों को स्मरण रखें, और आराधना में उनका पालन करें।
इसलिए मेरे आदेश का पालन करो : तुम उन घृणास्पद प्रथाओं को नहीं मानना, जिनको तुमसे पूर्व माना जाता था। उनके द्वारा स्वयं को अशुद्ध मत करना। मैं प्रभु तुम्हारा परमेश्वर हूँ।’
इसलिए वे मेरे आदेश का पालन करेंगे। ऐसा न हो कि वे उसको अपवित्र करके पाप का भार स्वयं वहन करें और मर जाएं। उनको पवित्र करने वाला मैं, प्रभु हूँ।
वे उसमें से कुछ भी सबेरे तक नहीं छोड़ेंगे, और न बलि-पशु की कोई हड्डी तोड़ेंगे। वे पास्का की समस्त संविधि के अनुसार उसको मनाएँगे।
वे दोनों परमेश्वर की दृष्टि में धार्मिक थे। वे प्रभु की सब आज्ञाओं और नियमों का निर्दोष अनुसरण करते थे।
वे इस्राएली हैं। परमेश्वर ने उन्हें गोद लिया था। उन्हें परमेश्वर के सान्निध्य की महिमा प्राप्त हुई। परमेश्वर ने उनके साथ विधानों की स्थापना की तथा उन्हें मूसा की व्यवस्था प्रदान की है। उन्हें उपासना-विधि तथा प्रतिज्ञाएँ मिली हैं।
सावधान रहें। कहीं ऐसा न हो कि कोई आप लोगों को ऐसे खोखले और भ्रामक दर्शनशास्त्र द्वारा बहकाये, जो मनुष्यों की परम्परागत शिक्षा के अनुसार है और मसीह पर नहीं बल्कि संसार के तत्वों पर आधारित है।
परमेश्वर इस विधान को “नया” कह कर पुकारता है, इसलिए उसने प्रथम विधान रद्द कर दिया है। जो पुराना और जराग्रस्त हो गया है, वह लुप्त होने को है।
उस वास्तविक पवित्र स्थान तथा शिविर के धर्मसेवक हैं जो मनुष्य द्वारा नहीं, बल्कि प्रभु द्वारा संस्थापित है।
मसीह ने हाथ के बने हुए उस पवित्र-स्थान में प्रवेश नहीं किया, जो वास्तविक “पवित्र-स्थान” का प्रतिरूप मात्र हैं। उन्होंने स्वर्ग में ही प्रवेश किया है, जिससे वह अब हमारी ओर से परमेश्वर के सामने उपस्थित हो सकें।