धार्मिक व्यक्ति का पथ मानो ऊषाकाल का प्रकाश है, जो सबेरे से दोपहर तक अधिकाधिक बढ़ता जाता है।
इब्रानियों 6:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इसलिए हम मसीह-सम्बन्धी प्रारम्भिक शिक्षा से आगे बढ़कर सिद्धता की ओर प्रगति करें। अब हम मृत्यु की ओर ले जाने वाले कर्मों से हृदय-परिवर्तन, परमेश्वर में विश्वास, पवित्र बाइबल अतः आओ, मसीह सम्बन्धी आरम्भिक शिक्षा को छोड़ कर हम परिपक्वता की ओर बढ़ें। हमें उन बातों की ओर नहीं बढ़ना चाहिए जिनसे हमने शुरूआत की जैसे मृत्यु की ओर ले जाने वाले कर्मों के लिए मनफिराव, परमेश्वर में विश्वास, Hindi Holy Bible इसलिये आओ मसीह की शिक्षा की आरम्भ की बातों को छोड़ कर, हम सिद्धता की ओर आगे बढ़ते जाएं, और मरे हुए कामों से मन फिराने, और परमेश्वर पर विश्वास करने। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये आओ मसीह की शिक्षा की आरम्भ की बातों को छोड़कर हम सिद्धता की ओर आगे बढ़ते जाएँ, और मरे हुए कामों से मन फिराने, और परमेश्वर पर विश्वास करने, नवीन हिंदी बाइबल इसलिए आओ हम मसीह संबंधी आरंभिक शिक्षा से परिपक्वता की ओर आगे बढ़ जाएँ, और मरे हुए कार्यों से पश्चात्ताप करने, और परमेश्वर पर विश्वास करने, सरल हिन्दी बाइबल इसलिये हम सिद्धता को अपना लक्ष्य बना लें, मसीह संबंधित प्रारंभिक शिक्षाओं से ऊपर उठकर परिपक्वता की ओर बढ़ें. नींव दोबारा न रखें, जो व्यर्थ की प्रथाओं से मन फिराना और परमेश्वर के प्रति विश्वास, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए आओ मसीह की शिक्षा की आरम्भ की बातों को छोड़कर, हम सिद्धता की ओर बढ़ते जाएँ, और मरे हुए कामों से मन फिराने, और परमेश्वर पर विश्वास करने, |
धार्मिक व्यक्ति का पथ मानो ऊषाकाल का प्रकाश है, जो सबेरे से दोपहर तक अधिकाधिक बढ़ता जाता है।
मैं दाऊद के परिवार और यरूशलेम के निवासियों पर कृपा और प्रार्थना की आत्मा उण्डेलूंगा। अत: वे मुझ पर दृष्टि डालेंगे। जिस व्यक्ति को उन्होंने बेधा है उसके लिए वे विलाप करेंगे, जैसे कोई अपने मृत इकलौते पुत्र के लिए विलाप करता है। वे रोएंगे, जैसे कोई अपने ज्येष्ठ पुत्र की मृत्यु पर रोता है।
योहन धर्म का मार्ग दिखाते हुए तुम्हारे पास आए और तुम लोगों ने उन पर विश्वास नहीं किया, परन्तु चुंगी-अधिकारियों और वेश्याओं ने उन पर विश्वास किया। तुम ने यह देखा; फिर भी तुम ने बाद में पश्चात्ताप नहीं किया और न उन पर विश्वास किया।
उस समय से येशु प्रचार करने और यह संदेश सुनाने लगे, “हृदय-परिवर्तन करो, क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है।”
पानी बरसा, नदियों में बाढ़ आयी, आँधियाँ चलीं और वेगपूर्वक उस घर से टकरायीं। तब भी वह घर नहीं ढहा; क्योंकि उसकी नींव चट्टान पर डाली गयी थी।
वह उस मनुष्य के सदृश है, जिसने घर बनाते समय भूमि को गहरा खोदा और उसकी नींव चट्टान पर डाली है। बाढ़ आई और नदी का जल उस मकान से टकराया, किन्तु वह उसे ढा नहीं सका; क्योंकि वह घर बहुत मजबूत बना था।
येशु ने पुकार कर कहा, “जो मुझ में विश्वास करता है, वह मुझ में नहीं, बल्कि जिसने मुझे भेजा है उसमें विश्वास करता है
“मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : जो मेरा वचन सुनता और जिसने मुझे भेजा, उस में विश्वास करता है, उसे शाश्वत जीवन प्राप्त है। वह दोषी नहीं ठहराया जाएगा। वह तो मृत्यु को पार कर जीवन में प्रवेश कर चुका है।
ये बातें सुन कर यहूदी विश्वासी शान्त हो गये और उन्होंने यह कहते हुए परमेश्वर की स्तुति की, “परमेश्वर ने गैर-यहूदियों को भी यह वरदान दिया कि वे हृदय-परिवर्तन कर जीवन प्राप्त करें।”
“परमेश्वर ने अज्ञानता के युगों को अनदेखा कर दिया; परन्तु अब उसकी आज्ञा यह है कि सर्वत्र सभी मनुष्य पश्चात्ताप करें,
पतरस ने उन्हें यह उत्तर दिया, “आप लोग पश्चात्ताप करें। आप लोगों में से प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने पापों की क्षमा के लिए येशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले। इस प्रकार आप पवित्र आत्मा का वरदान प्राप्त करेंगे;
मैं यहूदियों तथा यूनानियों, दोनों के सम्मुख स्पष्ट साक्षी देता रहा कि वे पश्चात्ताप कर परमेश्वर की ओर अभिमुख हो जाएं और हमारे प्रभु येशु में विश्वास करें।
मैंने पहले दमिश्क तथा यरूशलेम के लोगों में, और उसके बाद समस्त यहूदा प्रदेश तथा ग़ैर-यहूदियों में भी यह प्रचार किया कि वे पश्चात्ताप करें, परमेश्वर की ओर अभिमुख हो जायें और पश्चात्ताप के अनुरूप आचरण करें।
उन लोगों के बीच, जो परिपक्व हो गये हैं, हम भी प्रज्ञ की बातें करते हैं। यह प्रज्ञ न तो इस युग-संसार की है और न इस युग-संसार के अधिपतियों की । ये तो समाप्त हो जाने वाले हैं।
प्रिय भाइयो और बहिनो! हमें इस प्रकार की प्रतिज्ञाएं मिली हैं। इसलिए हम शरीर और मन के हर प्रकार के दूषण से अपने को शुद्ध करें और परमेश्वर पर श्रद्धा-भक्ति रखते हुए पवित्रता की परिपूर्णता तक पहुँचने का प्रयत्न करते रहें।
क्योंकि जो दु:ख परमेश्वर की इच्छानुसार स्वीकार किया जाता, उसका परिणाम होता है हृदय-परिवर्तन तथा उद्धार। इसमें पछताना नहीं पड़ता। परन्तु सांसारिक दु:ख का परिणाम है मृत्यु।
इस प्रकार उन्होंने सेवा-कार्य के लिए सन्तों को योग्य बनाया, जिससे मसीह की देह का निर्माण उस समय तक होता रहे,
हम उन्हीं मसीह का प्रचार करते हैं, प्रत्येक मनुष्य को उपदेश देते और प्रत्येक मनुष्य को पूर्ण ज्ञान की शिक्षा देते हैं, जिससे प्रत्येक मनुष्य को मसीह में सिद्ध बनाकर उनके सम्मुख प्रस्तुत करें।
परन्तु सब से बड़ी बात यह है कि आपस में प्रेम-भाव बनाये रखें। वह सब कुछ एकता में बाँध कर पूर्णता तक पहुँचा देता है।
आपके देशवासी इपफ्रास आप लोगों को नमस्कार कहते हैं। येशु मसीह के यह सेवक निरन्तर आप लोगों के लिए संघर्षमय प्रार्थना करते हैं, जिससे आप लोग सब बातों में परमेश्वर की इच्छा पूर्ण रूप से पूरी करने में सुदृढ़ बने रहें।
धर्म का यह रहस्य निस्सन्देह महान् है : मसीह मनुष्य के रूप में प्रकट हुए, पवित्र आत्मा के द्वारा सत्य प्रमाणित हुए, और स्वर्गदूतों को दिखाई दिये। अन्यजातियों में उनका प्रचार हुआ, संसार भर में उन पर विश्वास किया गया और वह महिमा में ऊपर उठा लिये गये।
इस प्रकार वे अपने लिए एक ऐसी पूँजी एकत्र करेंगे, जो भविष्य का उत्तम आधार होगी और जिसके द्वारा वे वास्तविक जीवन प्राप्त कर सकेंगे।
किन्तु परमेश्वर ने जो पक्की नींव डाली है, वह सुदृढ़ है और उस में ये शब्द अंकित हैं, “प्रभु उन लोगों को जानता है, जो उसके अपने हैं” और “जो प्रभु का नाम लेता है, वह अधर्म से दूर रहे।”
और विश्वास के बिना परमेश्वर को प्रसन्न करना, असंभव है। अत: जो परमेश्वर के निकट पहुँचना चाहता है, उसे विश्वास करना आवश्यक है कि परमेश्वर है और वह उन लोगों को प्रतिफल देता है, जो उसकी खोज में लगे रहते हैं।
इस्राएली प्रजा को लेवियों के पुरोहितत्व के आधार पर व्यवस्था मिली थी। यदि इस पुरोहितत्व के माध्यम से पूर्णता प्राप्त हो सकती थी, तो यह क्यों आवश्यक था कि एक अन्य पुरोहित की चर्चा की जाये जो हारून की नहीं, बल्कि मलकीसेदेक की श्रेणी में आ जायेगा?
तो फिर मसीह का रक्त, जिन्होंने अपने आपको शाश्वत आत्मा के द्वारा निर्दोष बलि के रूप में परमेश्वर को अर्पित किया, हमारे अन्त:करण को मृत कर्मों से क्यों नहीं शुद्ध करेगा और हमें जीवन्त परमेश्वर की सेवा के योग्य क्यों नहीं बनायेगा?
धैर्य को कार्यान्वयन की पूर्णता तक पहुँचने दीजिए, जिससे आप लोग स्वयं पूर्ण तथा सिद्ध बन जायें और आप में किसी बात की कमी नहीं रहे।
उन्हीं के द्वारा आप लोग अब परमेश्वर के प्रति विश्वासी हैं। परमेश्वर ने उन्हें मृतकों में से जिलाया और महिमान्वित किया; इसलिए आपका विश्वास और आपकी आशा परमेश्वर पर आधारित है।
परमेश्वर ने, जो सम्पूर्ण अनुग्रह का स्रोत है, आप लोगों को येशु मसीह में अपनी शाश्वत महिमा का भागीदार बनने के लिए बुलाया है। वह, आपके थोड़े ही समय तक दु:ख भोगने के बाद, आप को परिपूर्ण, सुस्थिर, समर्थ तथा सुदृढ़ बनायेगा।
परमेश्वर को किसी ने कभी नहीं देखा। यदि हम एक दूसरे से प्रेम करते हैं, तो परमेश्वर हम में निवास करता है और हम में उसका प्रेम परिपूर्णता तक पहुंच जाता है।