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इब्रानियों 5:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

जब कि सिद्ध व्यक्‍ति ठोस भोजन करते हैं। वे अनुभवी हैं और अभ्‍यास के कारण उनकी ज्ञानेन्‍द्रियां भला-बुरा पहचानने में समर्थ हैं।

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पवित्र बाइबल

किन्तु ठोस आहार तो उन बड़ों के लिए ही होता है जिन्होंने अपने अनुभव से भले-बुरे में पहचान करना सीख लिया है।

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Hindi Holy Bible

पर अन्न सयानों के लिये है, जिन के ज्ञानेन्द्रिय अभ्यास करते करते, भले बुरे में भेद करने के लिये पक्के हो गए हैं॥

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

पर अन्न सयानों के लिये है, जिनकी ज्ञानेन्द्रियाँ अभ्यास करते–करते भले–बुरे में भेद करने में निपुण हो गई हैं।

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नवीन हिंदी बाइबल

परंतु ठोस भोजन बड़ों के लिए होता है, जिनकी ज्ञानेंद्रियाँ अभ्यास के द्वारा भले और बुरे की पहचान करने में निपुण हो गई हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

ठोस आहार सयानों के लिए होता है, जिन्होंने लगातार अभ्यास के द्वारा अपनी ज्ञानेन्द्रियों को इसके प्रति निपुण बना लिया है कि क्या सही है और क्या गलत.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

पर अन्न सयानों के लिये है, जिनकी ज्ञानेन्द्रियाँ अभ्यास करते-करते, भले बुरे में भेद करने में निपुण हो गई हैं।

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इब्रानियों 5:14
24 क्रॉस रेफरेंस  

परमेश्‍वर जानता है कि जब तुम उसे खाओगे तब तुम्‍हारी आंखें खुल जाएंगी। तुम भले और बुरे को जानकर परमेश्‍वर के समान बन जाओगे।’


मैंने यह भी सोचा था कि महाराज के, मेरे स्‍वामी के वचन से मुझे शान्‍ति मिलेगी, क्‍योंकि महाराज भले और बुरे में भेद करने वाले परमेश्‍वर के दूत के सदृश हैं। प्रभु परमेश्‍वर आपके साथ हो!’


परमेश्‍वर ने उससे कहा, ‘तूने अपने लिए दीर्घायु नहीं मांगी। तूने धन-सम्‍पत्ति नहीं मांगी। तूने अपने शत्रुओं के प्राण नहीं मांगे। वरन् तूने यह मांगा : न्‍याय करने के लिए विवेक!


अत: तू अपने सेवक को ऐसा हृदय प्रदान कर कि वह प्रजा की बात सुने, उनका न्‍याय करे; वह भले और बुरे को परख सके। प्रभु, तेरी इस महाप्रजा पर कौन शासन कर सकता है?’


‘जैसे जीभ भोजन को उसके स्‍वाद से जाँचती है, वैसे ही कान शब्‍दों को परखते हैं!


जैसे जीभ भोजन को उसके स्‍वाद से जांचती है, वैसे ही कान शब्‍दों को परखते हैं।


क्‍या मेरी जीभ छल-कपट की बातें करती है? क्‍या मेरा विवेक भले और बुरे की पहचान नहीं कर सकता?


तेरे वचन मेरी जीभ को कितने स्‍वादिष्‍ट लगते हैं! वे मेरे मुंह में मधु से अधिक मीठे हैं।


तुम भिन्न-भिन्न इत्र लगाए हो, उनकी महक कितनी तेज है। तुम्‍हारा नाम मानो उण्‍डेला हुआ इत्र है, इसलिए कन्‍याएँ तुमसे प्रेम करती हैं।


‘जैसे वन-वृक्षों में सेब, वैसे ही मेरा प्रिय युवकों में है। मैं उसकी छाया में हर्षित होकर बैठ गई, उसके प्रेम-फल का स्‍वाद कितना मीठा है।


जब वह बड़ा हो जाएगा और उसे भले-बुरे का ज्ञान होने लगेगा तब वह दही और शहद खाएगा।


इसलिए तुम पूर्ण बनो, जैसे तुम्‍हारा स्‍वर्गिक पिता पूर्ण है।


यदि कोई विश्‍वास में दुर्बल है, तो आप उसकी पापशंकाओं पर विवाद किये बिना उसका स्‍वागत करें।


उन लोगों के बीच, जो परिपक्‍व हो गये हैं, हम भी प्रज्ञ की बातें करते हैं। यह प्रज्ञ न तो इस युग-संसार की है और न इस युग-संसार के अधिपतियों की । ये तो समाप्‍त हो जाने वाले हैं।


वह आप लोगों के मन की आंखों को ज्‍योति प्रदान करे, जिससे आप यह देख सकें कि उसके द्वारा बुलाये जाने के कारण आप लोगों की आशा कितनी महान है और सन्‍तों के साथ आप लोगों को जो विरासत मिली है, वह कितनी वैभवपूर्ण तथा महिमामय है,


जब तक हम सब विश्‍वास तथा परमेश्‍वर के पुत्र के ज्ञान में एक नहीं हो जायें और मसीह की परिपूर्णता के अनुसार परिपक्‍वता की मात्रा में पूर्ण मनुष्‍यत्‍व प्राप्‍त न कर लें।


हम में जितने लोग परिपक्‍व हैं, उनका यही मनोभाव होना चाहिए और यदि किसी विषय पर आपका दृष्‍टिकोण भिन्न हो, तो परमेश्‍वर आपको इसके सम्‍बन्‍ध में ज्‍योति प्रदान करेगा।


बल्‍कि सब कुछ परखें और जो अच्‍छा हो, उसे स्‍वीकार करें।


अधार्मिक एवं निस्‍सार कल्‍पित कथाओं से दूर रहो और भक्‍ति की साधना में लगे रहो।


इसलिए हम मसीह-सम्‍बन्‍धी प्रारम्‍भिक शिक्षा से आगे बढ़कर सिद्धता की ओर प्रगति करें। अब हम मृत्‍यु की ओर ले जाने वाले कर्मों से हृदय-परिवर्तन, परमेश्‍वर में विश्‍वास,


हम सब बारम्‍बार गलत काम करते हैं। जो कभी गलत बात नहीं कहता, वह पहुँचा हुआ मनुष्‍य है और वह अपने पूर्ण शरीर को नियंत्रण में रख सकता है।