अब्राहम के परमेश्वर की प्रजा बनने के लिए जाति-जाति के सामन्त एकत्र हुए हैं। क्योंकि पृथ्वी की ढालें परमेश्वर की हैं; वह अत्यन्त उन्नत हुआ है।
इब्रानियों 4:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इसलिए अब भी परमेश्वर की प्रजा के लिए एक विश्राम-दिवस बना हुआ है। पवित्र बाइबल तो खैर जो भी हो। परमेश्वर के भक्तों के लिए एक वैसी विश्राम रहती ही है जैसी विश्राम सातवें दिन परमेश्वर की थी। Hindi Holy Bible सो जान लो कि परमेश्वर के लोगों के लिये सब्त का विश्राम बाकी है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अत: जान लो कि परमेश्वर के लोगों के लिये सब्त का विश्राम बाकी है; नवीन हिंदी बाइबल अतः परमेश्वर के लोगों के लिए सब्त का विश्राम बाकी है। सरल हिन्दी बाइबल इसलिये परमेश्वर की प्रजा के लिए अब भी एक शब्बाथ का विश्राम तय है; इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए जान लो कि परमेश्वर के लोगों के लिये सब्त का विश्राम बाकी है। |
अब्राहम के परमेश्वर की प्रजा बनने के लिए जाति-जाति के सामन्त एकत्र हुए हैं। क्योंकि पृथ्वी की ढालें परमेश्वर की हैं; वह अत्यन्त उन्नत हुआ है।
उस दिन यिशय का वंश-मूल देश-देश के लोगों के लिए एक पताका बनेगा। राष्ट्र उसको ढूंढ़ेंगे। उसका निवास-स्थान तेजोमय होगा।
भक्त मनुष्य को शान्ति प्राप्त होती है; जो सन्मार्ग पर चलते हैं, वे कबर में भी शान्ति से सोते हैं।
वह पुत्र को जन्म देंगी और आप उसका नाम येशु रखेंगे, क्योंकि वह अपने लोगों को उनके पापों से मुक्त करेगा।”
येशु ने हमारे लिए अपने को बलि चढ़ाया, जिससे वह हमें हर प्रकार की बुराई से मुक्त करें और हमें एक ऐसी प्रजा बनायें, जो शुद्ध हो, जो उनकी अपनी हो और जो भलाई करने के लिए उत्सुक हो।
उन्होंने पाप का अल्पस्थायी सुख भोगने की अपेक्षा परमेश्वर की प्रजा के साथ अत्याचार सहना अधिक उचित समझा।
परमेश्वर के विश्रामस्थान में प्रवेश करने की वह प्रतिज्ञा अब तक कायम है; इसलिए हम सतर्क रहें कि आप लोगों में से कोई भी अयोग्य न ठहरे, और उसमें प्रवेश करने से वंचित न रह जाये।
जिस व्यक्ति ने परमेश्वर के विश्रामस्थान में प्रवेश किया है, उसने, अर्थात् “येशु”† ने अपना कार्य समाप्त कर उसी प्रकार विश्राम किया है, जिस प्रकार परमेश्वर ने अपना कार्य समाप्त कर विश्राम किया।
इसलिए यदि हम विश्वासी बन गये हैं तो हम परमेश्वर के उस विश्राम-स्थान में प्रवेश करते हैं, जिसके विषय में उसने कहा, “मैंने क्रुद्ध हो कर यह शपथ खायी; ये मेरे विश्रामस्थान में प्रवेश नहीं करेंगे।” परमेश्वर का कार्य तो संसार की सृष्टि के समय ही समाप्त हो गया है,
यदि “यहोशुअ” इस्राएलियों को विश्रामस्थान में ले गया होता, तो परमेश्वर बाद में किसी दूसरे दिन की चर्चा नहीं करता।
पहले आप प्रजा नहीं थे, अब आप परमेश्वर की प्रजा हैं। पहले आप कृपा से वंचित थे, अब आप उसके कृपापात्र हैं।
मैंने स्वर्ग में किसी को मुझ से यह कहते सुना, “लिखो : धन्य हैं वे मृतक, जो अब से प्रभु में विश्वास करते हुए मरते हैं!” आत्मा कहता है, “ऐसा ही हो, ताकि वे अपने परिश्रम के बाद विश्राम करें, क्योंकि उनके सत्कर्म उनके साथ जाते हैं।”
वह उनकी आँखों से सब आँसू पोंछ डालेगा। इसके बाद न मृत्यु रहेगी, न शोक, न विलाप और न दु:ख, क्योंकि पुरानी बातें बीत चुकी हैं।”