अब्राहम ने अपनी आंखें ऊपर उठाईं तो देखा कि उनके पीछे एक मेढ़ा है।’ वह अपने सींगों से एक झाड़ी में फंसा हुआ है। अब्राहम गए। उन्होंने उस मेढ़े को पकड़ा और अपने पुत्र के स्थान पर उसकी अग्नि-बलि चढ़ाई।
इब्रानियों 11:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अब्राहम यह मानते थे कि परमेश्वर मृतकों को भी जिला सकता है। और एक प्रकार से प्रतीक रूप में उन्होंने अपने पुत्र को फिर प्राप्त किया। पवित्र बाइबल किन्तु इब्राहीम ने सोचा कि परमेश्वर मरे हुए को भी जिला सकता है और यदि आलंकारिक भाषा में कहा जाए तो उसने इसहाक को मृत्यु से फिर वापस पा लिया। Hindi Holy Bible क्योंकि उस ने विचार किया, कि परमेश्वर सामर्थी है, कि मरे हुओं में से जिलाए, सो उन्हीं में से दृष्टान्त की रीति पर वह उसे फिर मिला। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि उसने मान लिया, कि परमेश्वर सामर्थी है कि उसे मरे हुओं में से जिलाए; अत: उन्हीं में से दृष्टान्त की रीति पर वह उसे फिर मिला। नवीन हिंदी बाइबल उसने समझ लिया था कि परमेश्वर मृतकों में से भी जिलाने में सामर्थी है, और उसने दृष्टांत के रूप में इसहाक को फिर से प्राप्त किया। सरल हिन्दी बाइबल अब्राहाम यह समझ चुके थे कि परमेश्वर में मरे हुओं को जीवित करने का सामर्थ्य है. एक प्रकार से उन्होंने भी यित्सहाक को मरे हुओं में से जीवित प्राप्त किया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि उसने मान लिया, कि परमेश्वर सामर्थी है, कि उसे मरे हुओं में से जिलाए, इस प्रकार उन्हीं में से दृष्टान्त की रीति पर वह उसे फिर मिला। |
अब्राहम ने अपनी आंखें ऊपर उठाईं तो देखा कि उनके पीछे एक मेढ़ा है।’ वह अपने सींगों से एक झाड़ी में फंसा हुआ है। अब्राहम गए। उन्होंने उस मेढ़े को पकड़ा और अपने पुत्र के स्थान पर उसकी अग्नि-बलि चढ़ाई।
“मैं तुम लोगों से कहता हूँ − न्याय के दिन मनुष्यों को मुँह से निकली अपनी हर निकम्मी बात का लेखा देना पड़ेगा,
जब येशु घर पहुँचे, तो ये अन्धे उनके पास आए। येशु ने उन से पूछा, “क्या तुम्हें विश्वास है कि मैं यह कर सकता हूँ?” उन्होंने कहा, “जी हाँ, प्रभु!”
फिर भी आदम से लेकर मूसा तक मृत्यु उन लोगों पर भी राज्य करती रही, जिन्होंने आदम की तरह किसी आज्ञा के उल्लंघन द्वारा पाप नहीं किया था। आदम उस व्यक्ति का प्रतीक था, जो आनेवाला था।
जिसका सामर्थ्य हम में क्रियाशील है और जो वे सब कार्य सम्पन्न कर सकता है, जो हमारी प्रार्थना और कल्पना से अत्यधिक परे हैं,
मसीह ने हाथ के बने हुए उस पवित्र-स्थान में प्रवेश नहीं किया, जो वास्तविक “पवित्र-स्थान” का प्रतिरूप मात्र हैं। उन्होंने स्वर्ग में ही प्रवेश किया है, जिससे वह अब हमारी ओर से परमेश्वर के सामने उपस्थित हो सकें।
वह वर्तमान समय का प्रतीक है। वहाँ जो भेंट और बलि चढ़ायी जाती है, वह उपासक के आभ्यन्तर को पूर्णता तक नहीं पहुँचा सकती।