‘यदि सम्पूर्ण इस्राएली मण्डली अनजाने में पाप करे, और वह बात धर्मसभा की आँखों से छिपी हो और वे उन कार्यों में से, जिन्हें प्रभु ने मना किया, कोई कार्य करने के कारण दोषी ठहरें,
इब्रानियों 10:26 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्योंकि सत्य का ज्ञान प्राप्त करने के बाद भी यदि हम जान-बूझ कर पाप करते रहते हैं, तो पापों के लिए कोई बलि शेष नहीं रह जाती, पवित्र बाइबल सत्य का ज्ञान पा लेने के बाद भी यदि हम जानबूझ कर पाप करते ही रहते हैं फिर तो पापों के लिए कोई बलिदान बचा ही नहीं रहता। Hindi Holy Bible क्योंकि सच्चाई की पहिचान प्राप्त करने के बाद यदि हम जान बूझ कर पाप करते रहें, तो पापों के लिये फिर कोई बलिदान बाकी नहीं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि सच्चाई की पहिचान प्राप्त करने के बाद यदि हम जान बूझकर पाप करते रहें, तो पापों के लिये फिर कोई बलिदान बाकी नहीं। नवीन हिंदी बाइबल यदि सत्य का ज्ञान प्राप्त करने के बाद भी हम जानबूझकर पाप करते रहें, तो पापों के लिए कोई बलिदान बाकी नहीं रह जाता, सरल हिन्दी बाइबल यदि सत्य ज्ञान की प्राप्ति के बाद भी हम जानबूझकर पाप करते जाएं तो पाप के लिए कोई भी बलि बाकी नहीं रह जाती; इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि सच्चाई की पहचान प्राप्त करने के बाद यदि हम जान बूझकर पाप करते रहें, तो पापों के लिये फिर कोई बलिदान बाकी नहीं। |
‘यदि सम्पूर्ण इस्राएली मण्डली अनजाने में पाप करे, और वह बात धर्मसभा की आँखों से छिपी हो और वे उन कार्यों में से, जिन्हें प्रभु ने मना किया, कोई कार्य करने के कारण दोषी ठहरें,
‘तू इस्राएली समाज से बोलना : यदि कोई व्यक्ति अनजाने में प्रभु की आज्ञा के विरुद्ध उन कार्यों में से किसी कार्य को करता है, जिन्हें प्रभु ने मना किया और यों पाप करता है,
“अपने स्वामी की इच्छा जान कर भी जिस सेवक ने कुछ तैयार नहीं किया और न उसकी इच्छा के अनुसार काम किया, वह बहुत मार खाएगा।
येशु ने उन से कहा, “यदि तुम लोग अन्धे होते, तो तुम्हें पाप नहीं लगता, परन्तु तुम तो कहते हो कि हम देखते हैं; इसलिए तुम्हारा पाप बना रहता है।
जो व्यक्ति ढिठाई करके तेरे प्रभु परमेश्वर की सेवा में प्रस्तुत पुरोहित की अथवा उस शासक की आज्ञा का उल्लंघन करेगा, उसे निश्चय ही मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा। यों तू इस्राएल से इस बुराई को अवश्य दूर करना।
नाश होने वाले व्यक्तियों को हर प्रकार के अधर्ममय भ्रम में डालता है; क्योंकि उन्होंने उस सत्य से प्रेम करना स्वीकार नहीं किया, जो उन्हें बचाने में समर्थ था।
मैं तो पहले ईश-निन्दक, अत्याचारी और उद्दण्ड था; किन्तु मुझ पर दया की गयी है, क्योंकि अविश्वास के कारण मैं यह नहीं जानता था कि मैं क्या कर रहा हूँ।
यदि कोई अपने भाई अथवा बहिन को ऐसा पाप करते देखता है जो प्राणघातक न हो, तो वह उसके लिए प्रार्थना करे और परमेश्वर उसका जीवन सुरक्षित रखेगा। यह उन लोगों पर लागू है जिनका पाप प्राणघातक नहीं है; क्योंकि एक पाप ऐसा भी होता है जो प्राणघातक है। उसके विषय में मैं नहीं कहता कि प्रार्थना करनी चाहिए।
यदि एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के प्रति अपराध करता है, तो परमेश्वर उसके लिए हस्तक्षेप करता है। परन्तु यदि व्यक्ति स्वयं प्रभु के प्रति पाप करेगा तो कौन उसकी क्षमा के लिए प्रार्थना कर सकता है?’ पुत्रों ने अपने पिता की बातों पर कान नहीं दिया; क्योंकि यह प्रभु की इच्छा थी कि वे मर जाएँ।