‘जो बातें मैंने तुमसे कही हैं, उनका पालन करना। तू अन्य देवताओं के नाम भी नहीं लेना, ये नाम तेरे मुंह से न निकलें और सुनाई भी न दें।
इफिसियों 5:24 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जिस तरह कलीसिया मसीह के अधीन रहती है, उसी तरह पत्नी को भी सब बातों में अपने पति के अधीन रहना चाहिए। पवित्र बाइबल जैसे कलीसिया मसीह के अधीन है, वैसे ही पत्नियों को सब बातों में अपने अपने पतियों के प्रति समर्पित रहना चाहिए। Hindi Holy Bible पर जैसे कलीसिया मसीह के आधीन है, वैसे ही पत्नियां भी हर बात में अपने अपने पति के आधीन रहें। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पर जैसे कलीसिया मसीह के अधीन है, वैसे ही पत्नियाँ भी हर बात में अपने अपने पति के अधीन रहें। नवीन हिंदी बाइबल इसलिए जैसे कलीसिया मसीह के अधीन है, वैसे ही पत्नियाँ भी हर बात में अपने-अपने पति के अधीन रहें। सरल हिन्दी बाइबल जिस प्रकार कलीसिया मसीह के अधीन है, उसी प्रकार पत्नी हर एक विषय में पति के अधीन रहे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पर जैसे कलीसिया मसीह के अधीन है, वैसे ही पत्नियाँ भी हर बात में अपने-अपने पति के अधीन रहें। |
‘जो बातें मैंने तुमसे कही हैं, उनका पालन करना। तू अन्य देवताओं के नाम भी नहीं लेना, ये नाम तेरे मुंह से न निकलें और सुनाई भी न दें।
‘जो आज्ञाएँ मैंने तुझे दी हैं, उन्हीं के अनुसार तू हारून और उसके पुत्रों के साथ व्यवहार करना। तू सात दिन तक उनका पुरोहित-पद पर अभिषेक करते रहना।
क्योंकि पति उसी तरह पत्नी का शीर्ष है, जिस तरह मसीह कलीसिया का शीर्ष हैं और स्वयं अपनी उस देह के मुक्तिदाता हैं।
पतियो! आप अपनी पत्नी से उसी तरह प्रेम रखें, जिस तरह मसीह ने कलीसिया से प्रेम किया। उन्होंने उसके लिए अपने को अर्पित किया,
जो भी हो, आप लोगों में हर एक पति अपनी पत्नी को अपने समान प्रेम करे और पत्नी अपने पति का आदर-सम्मान करे।
बच्चो! सभी बातों में अपने माता-पिता की आज्ञा मानो, क्योंकि प्रभु इससे प्रसन्न होता है।
दासों से मेरा अनुरोध यह है कि आप सब बातों में उन लोगों की आज्ञा मानें, जो इस पृथ्वी पर आपके स्वामी हैं। आप मनुष्यों को प्रसन्न करने के उद्देश्य से दिखावे मात्र के लिए नहीं, बल्कि निष्कपट हृदय से तथा प्रभु पर श्रद्धा-भक्ति रख कर ऐसा करें।
और तुम स्वयं अपने भले कार्यों से उन्हें अच्छा उदाहरण दो। तुम्हारी शिक्षा प्रामाणिक और गम्भीर हो।
दासों को समझाओ कि वे सब बातों में अपने स्वामियों के अधीन रहें, उनको संतुष्ट रखें; आपत्ति किये बिना उनकी आज्ञाएँ मानें