आमोस 7:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैंने कहा, ‘ओ स्वामी-प्रभु! कृपया, दण्ड देना रोक दे। इस विनाश के बाद याकूब कैसे खड़ा हो सकेगा? वह बहुत छोटा है।’ पवित्र बाइबल किन्तु मैंने कहा, “हे परमेश्वर यहोवा, मैं तुमसे प्रार्थना करता हूँ, ठहर। याकूब बच नहीं सकता! वह बहुत छोटा है!” Hindi Holy Bible तब मैं ने कहा, हे परमेश्वर यहोवा, थम जा! नहीं तो याकूब कैसे स्थिर रह सकेगा? वह कैसा निर्बल है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब मैं ने कहा, “हे परमेश्वर यहोवा, रुक जा! नहीं तो याक़ूब कैसे स्थिर रह सकेगा? वह कैसा निर्बल है।” सरल हिन्दी बाइबल तब मैंने पुकारा, “हे परम प्रभु याहवेह, मैं आपसे बिनती करता हूं, इसे बंद कीजिये! याकोब कैसे जीवित रह सकता है? वह बहुत छोटा है!” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब मैंने कहा, “हे परमेश्वर यहोवा, रुक जा! नहीं तो याकूब कैसे स्थिर रह सकेगा? वह कैसा निर्बल है।” |
यदि स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने हममें से कुछ लोगों को बचाया न होता तो सदोम नगर की तरह, गमोरा नगर के समान हम भी नष्ट हो जाते।
कुछ क्षण में, पलक झपकते ही, तुम्हारे प्रति मेरा क्रोध शान्त हो जाएगा; और मेरा कोप उनके विनाश के लिए प्रेषित होगा।
तब नगर में मेरी स्तुति के गान सुनाई देंगे; आनन्द मनानेवालों का शोर वहां सुनाई देगा। मैं उनकी आबादी बढ़ाऊंगा, और तब वे जनसंख्या में थोड़े न होंगे। मैं उनका गौरव दिन दूना - रात चौगुना बढ़ाऊंगा, और वे फिर तुच्छ न समझे जाएंगे।
जब वे नगर में सबका वध कर रहे थे, और मैं ही अकेला बच गया था, तब मैं मुंह के बल गिरा, और प्रभु को पुकारने लगा, ‘ओ स्वामी-प्रभु! क्या तू यरूशलेम पर अपनी क्रोधाग्नि इतनी उण्डेलेगा कि इस्राएल के बचे हुए वंशज भी नष्ट हो जाएं?’
मन्दिर के आंगन और वेदी के मध्य खड़े होकर, रोते हुए प्रभु के सेवक, पुरोहित यह कहें : ‘हे प्रभु, अपने निज लोगों पर दया कर। अपनी मीरास को बदनाम मत कर। वे अन्य राष्ट्रों में कहावत न बनें। अन्य राष्ट्रों के लोग यह क्यों कहें, “कहां है उनका ईश्वर?” ’
कौन व्यक्ति छोटी बातों के दिन को तुच्छ समझता है? वह जरूब्बाबेल के हाथ में नापने के साहुल को देखकर आनन्दित होगा। दूत ने मुझे बताया, ‘ये सात दीपक प्रभु की आंखें हैं। वह इन आंखों से सम्पूर्ण पृथ्वी की सब ओर देखता है।’
कृपाकर, तू अपनी महान् करुणा के अनुरूप, जैसे तू इनको मिस्र देश से लेकर आज तक क्षमा करता आया है, वैसे ही इन लोगों के अधर्म को क्षमा कर।’