उसने सत्तर किलो चांदी देकर शेमर से सामरी पहाड़ी को खरीदा और पहाड़ी पर किलाबन्दी की। वहाँ उसने एक नगर बसाया, और उस नगर का नाम सामरी पहाड़ी के मालिक शेमर के नाम पर ‘सामरी’ रखा।
आमोस 4:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ओ सामरी राज्य की समृद्ध नारियो! ओ सामरी पहाड़ की महिलाओ! यह सन्देश सुनो! तुम गरीबों का दमन करती हो, तुम दरिद्रों को रौंदती हो। तुम अपने पतियों को आदेश देती हो : ‘शराब लाओ, ताकि हम पीएं।’ पवित्र बाइबल शोमरोन के पर्वत की बाशान की गायों मेरी बात सुनो। तुम गरीब लोगों को चोट पहुँचाती हो। तुम उन गरीबों को कुचलती हो। तुम अपने अपने पतियों से कहती हो, “पीने के लिये हमारे लिये कोई दाखमधु लाओ!” Hindi Holy Bible हे बाशान की गायो, यह वचन सुनो, तुम जो सामरिया पर्वत पर हो, जो कंगालों पर अन्धेर करतीं, और दरिद्रों को कुचल डालती हो, और अपने अपने पति से कहती हो कि ला, दे हम पीएं! पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “हे बाशान की गायो, यह वचन सुनो, तुम जो सामरिया पर्वत पर हो, जो कंगालों पर अन्धेर करतीं, और दरिद्रों को कुचल डालती हो, और अपने अपने पति से कहती हो, ‘ला, दे हम पीएँ!’ सरल हिन्दी बाइबल शमरिया की पहाड़ी पर निवास कर रही बाशान की गायों, यह संदेश तुम्हारे लिए है, तुम निर्धनों पर अत्याचार करती हो, ज़रूरतमंदों को कुचलती हो, अपने पति को आदेश देती हो, “जाओ, पीने के लिए कुछ ले आओ!” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “हे बाशान की गायों, यह वचन सुनो, तुम जो सामरिया पर्वत पर हो, जो कंगालों पर अंधेर करती, और दरिद्रों को कुचल डालती हो, और अपने-अपने पति से कहती हो, ‘ला, दे हम पीएँ!’ |
उसने सत्तर किलो चांदी देकर शेमर से सामरी पहाड़ी को खरीदा और पहाड़ी पर किलाबन्दी की। वहाँ उसने एक नगर बसाया, और उस नगर का नाम सामरी पहाड़ी के मालिक शेमर के नाम पर ‘सामरी’ रखा।
क्योंकि उसने गरीबों को पीसा था, उसने उनको मर जाने के लिए यों ही छोड़ दिया था। उसने उस मकान को हड़प लिया था, जो उसने नहीं बनाया था।
प्रभु यह कहता है, “पीड़ित लुट गए, दरिद्र विलाप करते हैं। इस कारण अब मैं उठूंगा; मैं उसे सुरक्षित रखूंगा, जो सुरक्षा चाहता है।”
मैं यह जानता हूं कि प्रभु पीड़ित के पक्ष में निर्णय देता है; वह दरिद्र को न्याय दिलाता है।
अनेक सांड़ों ने मुझे घेर लिया है। बाशान के हिंस्र सांड़ों ने मेरे चारों ओर घेरा डाला है।
तब मैंने पुनर्विचार किया कि सूर्य के नीचे धरती पर कितना अत्याचार होता है। जिन पर अत्याचार होता है, वे आंसू बहाते हैं, पर उनके आंसू पोंछनेवाला कोई नहीं है। अत्याचार करनेवालों के पास शक्ति थी, किन्तु आंसू बहानेवालों के पास उन्हें सान्त्वना देनेवाला भी नहीं था।
यदि तुम किसी प्रदेश में गरीबों पर अत्याचार होते देखो, यदि तुम वहाँ न्याय और धर्म का गला घोंटा जाता हुआ देखो, तो आश्चर्य मत करना; क्योंकि एक अधिकारी के ऊपर उससे बड़ा अधिकारी होता है और उससे भी ऊपर उच्च अधिकारी होता है।
एफ्रइम राज्य के शराबियों के अहंकारमय मुकुट को धिक्कार! उत्तरी राज्य के कान्तिमय सौंदर्य के मुरझाते हुए फूल को धिक्कार! यह मदिरा से मस्त शराबियों की उपजाऊ घाटी के ऊपरी भाग में खिला है।
धिक्कार है तुम्हें! तुम एक के बाद एक मकान बनाते जाते हो, खेत पर खेत जोड़ते जाते हो, कि अन्त में गरीबों के लिए एक गज जमीन भी नहीं बचती, और तुम सारी भूमि के अकेले मालिक बन बैठते हो!
वे एक दूसरे से कहते हैं : ‘आओ, शराब ले आएं, हम शराब पीकर छक जाएं, कल का दिन भी आज के समान अत्यन्त सुहावना होगा।’
जिस उपवास से मैं प्रसन्न होता हूं, वह यह है : दुर्जनता के बन्धकों से मनुष्य को मुक्त करना, व्यक्ति की गरदन से जूआ उतारना, अत्याचार की गुलामी में कैद इन्सान को स्वतन्त्र करना, वस्तुत: हर प्रकार की गुलामी से मनुष्य को स्वतंत्र करना।
‘मेरी मीरास को लूटनेवालो! अभी तुम आनन्द मना रहे हो, तुम हर्षित हो रहे हो। घास पर बछिया के समान कूद-फांद रहे हो, जवान घोड़ों की तरह हिनहिना रहे हो।
उसके सब बैलों का वध कर दो, उनको वध के स्थान पर ले जाओ। ओ बेबीलोन के निवासियो, शोक मनाओ। तुम्हारा विनाश-दिवस आ गया; तुम्हें दण्ड देने का दिन आ गया।
‘बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर ने मुझे खा लिया; मुझे रौंद डाला! उसने मेरी समस्त धन-सम्पत्ति लूट ली, और मुझे खाली बरतन बना दिया! उसने मुझे मगरमच्छ के समान पूरा निगल लिया! उसने मुझसे अपना पेट भर लिया, मानो मैं स्वादिष्ट भोजन हूं। उसने मुझे अपनी धन-सम्पत्ति से वंचित कर दिया।’
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है, ‘यरूशलेम की घेराबन्दी करने के लिए पेड़-पौधों को काट डालो, और मोर्चा बनाओ। इस पापी नगर को दण्ड अवश्य मिलना चाहिए। इस नगर में अत्याचार, बस अत्याचार ही दिखाई देता है।
यदि तुम विदेशियों, अनाथों और विधवाओं पर अत्याचार नहीं करोगे, इस स्थान पर निर्दोष मनुष्य की हत्या नहीं करोगे; यदि तुम अन्य देवताओं का अनुसरण नहीं करोगे जिससे तुम्हारा अनिष्ट होता है;
वह दीन-दरिद्रों पर अत्याचार करता है। वह चोरी करता है। वह कर्जदार की गिरवी की वस्तु को हड़प जाता है। वह सहायता के लिए देव-मूर्तियों की ओर आंखें उठाता है और घृणित मूर्ति-पूजा करता है।
‘ओ यरूशलेम, तेरे निवासी, हत्या करने के लिए घूस लेते हैं। वे ब्याज पर धन देते हैं, और सूद खाते हैं। वे अपने पड़ोसियों का शोषण करते हैं। ‘ओ यरूशलेम, तूने मुझे भुला दिया है,’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
सच तो यह है कि तेरे उच्चाधिकारी भेड़िये हैं। वे भेड़ियों के समान शिकार को चीरते-फाड़ते हैं, खून बहाते हैं, अनुचित लाभ के लिए हत्या करते हैं।
‘देश के साधारण-जन भी शोषण-अन्याय करते और चोरी-डकैती करते हैं। उन्होंने गरीबों और दीन-दरिद्रों पर अत्याचार किया है। उन्होंने प्रवासियों को अन्यायपूर्वक लूटा है।
तेरे निवासी अपने माता-पिता का आदर नहीं करते। तुझ में अस्थायी रूप से प्रवास करनेवाले विदेशियों पर अत्याचार होता है। अनाथ बच्चों और विधवाओं को न्याय नहीं मिलता है।
मैं खोई हुई भेड़ को ढूंढ़ूंगा। भटकी हुई भेड़ के घावों पर पट्टी बांधूंगा। मैं निर्बल को बलवान बनाऊंगा। मैं मोटी-ताजी, स्वस्थ भेड़ की रक्षा करूंगा। मैं उनको उचित रीति से चराऊंगा।
ओ आकाश के पक्षियो और वन-पशुओ, मेरे भोज में तुम योद्धाओं का मांस खाओगे, और पृथ्वी के प्रशासकों का रक्त पीओगे। ये मानो बाशान देश के मोटे-ताजे मेढ़े, मेमने, बकरे और बैल हैं।
उन्होंने मेरे निज लोगों पर चिट्ठी डालकर उनको आपस में बांट लिया था। वे वेश्या से सम्भोग करते और उसके बदले में एक लड़का देते; वे शराब पीते, और उसका मूल्य एक लड़की देकर चुकाते थे।
ओ इस्राएली कौम! मुझ-प्रभु का यह सन्देश सुन। मैं यह तेरे विरुद्ध, तेरी सारी कौम के विरुद्ध सुनाता हूं, जिसको मैं मिस्र देश से निकाल कर लाया था।
तुम गरीब को रौंदते हो, उससे भेंट के रूप में जबरदस्ती अनाज लेते हो। तुमने घूस की कमाई से पत्थरों के भव्य मकान बनाए हैं; पर तुम उन मकानों में रह नहीं सकोगे! तुमने अंगूर के हरे-भरे उद्यान लगाए हैं; लेकिन तुम उनका रस न पी सकोगे!
‘धिक्कार है तुम्हें, ओ राष्ट्रों के प्रमुख इस्राएली राष्ट्र के नेताओ! तुम्हारे ही पास इस्राएली जनता न्याय के लिए आती है; पर तुम सियोन पर्वत पर निश्चिंत निवास करते हो; तुम्हें सामरी पहाड़ पर सुरक्षा का भरोसा है।
तुम प्याले-पर-प्याला शराब पीते हो; और सर्वोत्तम तेल से सिर की मालिश कराते हो! पर तुम्हें यूसुफ वंश के विनाश का कुछ भी दु:ख नहीं।
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है, ‘तब मैं अदालत में तुम्हारे सम्मुख उपस्थित होऊंगा। मैं इन सब लोगों के विरुद्ध तुरन्त साक्षी दूंगा: झाड़-फूंक करनेवाले ओझा, व्यभिचारी, झूठी शपथ खानेवाले, मजदूर की मजदूरी दबानेवाले, विधवाओं और अनाथों पर अत्याचार करनेवाले, प्रवासी के अधिकारों को छीननेवाले और मुझसे न डरनेवाले।
तत्पश्चात् वे आगे बढ़े और बाशान के मार्ग की ओर गए। बाशान का राजा ओग उनका सामना करने को निकला। वह एद्रेई में उनसे युद्ध करने के लिए आया।
‘तू निर्धन और गरीब मजदूर पर अत्याचार मत करना, चाहे वह तेरा जातीय भाई-बन्धु हो या तेरे देश के नगरों में निवास करने वाले प्रवासियों में से कोई हो।
ऐसे लोग जिन्हें तू नहीं जानता है, तेरी भूमि की उपज, तेरे परिश्रम का फल खाएँगे। तुझ पर निरन्तर दमन होता रहेगा, तू कुचला जाता रहेगा।