एज्रा ने कहा, ‘प्रभु, केवल तू ही प्रभु है! तूने ही आकाश को, सर्वोच्च आकाश को, नक्षत्रों और तारों को बनाया है। तूने पृथ्वी और सागर को, तथा उनमें जो कुछ है, उन-सब को रचा है। तू उनका पालन-पोषण भी करता है। प्रभु, स्वर्ग की सेना तेरी वन्दना करती है।
अय्यूब 7:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘ओ मनुष्य पर पहरा देनेवाले, यदि मैं पाप करता हूं, तो इससे तेरा क्या बिगड़ता है? तूने अपने तीर का निशाना मुझे क्यों बनाया है? मैं तेरे लिए क्यों भार बन गया हूं? पवित्र बाइबल हे परमेश्वर, तू लोगों पर दृष्टि रखता है। यदि मैंने पाप किया, तब मैं क्या कर सकता हूँ तूने मुझको क्यों निशाना बनाया है? क्या मैं तेरे लिये कोई समस्या बना हूँ? Hindi Holy Bible हे मनुष्यों के ताकने वाले, मैं ने पाप तो किया होगा, तो मैं ने तेरा क्या बिगाड़ा? तू ने क्यों मुझ को अपना निशाना बना लिया है, यहां तक कि मैं अपने ऊपर आप ही बोझ हुआ हूँ? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हे मनुष्यों पर नजर रखनेवाले, मैं ने पाप तो किया होगा, पर मैं ने तेरा क्या बिगाड़ा? तू ने क्यों मुझ को अपना निशाना बना लिया है, यहाँ तक कि मैं अपने ऊपर आप ही बोझ बना हूँ? सरल हिन्दी बाइबल प्रभु, आप जो मनुष्यों पर अपनी दृष्टि लगाए रखते हैं, क्या किया है मैंने आपके विरुद्ध? क्या मुझसे कोई पाप हो गया है? आपने क्यों मुझे लक्ष्य बना रखा है? क्या, अब तो मैं अपने ही लिए एक बोझ बन चुका हूं? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हे मनुष्यों के ताकनेवाले, मैंने पाप तो किया होगा, तो मैंने तेरा क्या बिगाड़ा? तूने क्यों मुझ को अपना निशाना बना लिया है, यहाँ तक कि मैं अपने ऊपर आप ही बोझ हुआ हूँ? |
एज्रा ने कहा, ‘प्रभु, केवल तू ही प्रभु है! तूने ही आकाश को, सर्वोच्च आकाश को, नक्षत्रों और तारों को बनाया है। तूने पृथ्वी और सागर को, तथा उनमें जो कुछ है, उन-सब को रचा है। तू उनका पालन-पोषण भी करता है। प्रभु, स्वर्ग की सेना तेरी वन्दना करती है।
यदि मैं पाप करूं तो तू उस पर ध्यान देगा; मेरे अधर्म करने पर तू मुझे निर्दोष न ठहराएगा।
मैं परमेश्वर से कहूंगा : मुझे दोषी मत ठहरा, मुझे बता कि तूने मेरे विरुद्ध मुकदमा क्यों किया है?
तू मेरे विरुद्ध कड़वे आरोप रचता है, और मुझे उन दुष्कर्मों का दण्ड भुगताता है जो मैंने अपनी युवावस्था में किए थे!
नहीं, अय्यूब, तुमने महादुष्कर्म किए हैं; तुम्हारे अधर्म के कामों का कोई अन्त नहीं है।
क्या मैं कभी समाज की क्रुद्ध-भीड़ के डर से कुटुम्बियों की घृणा के आतंक से चुप रहा और दरवाजे के बाहर कदम न रखा, जिससे मैं आदम के समान अपना अपराध छिपा लूं अथवा अपने हृदय के कोने में अधर्म ढक लूं?
मनुष्य लोगों के सम्मुख गीत गाता है, और यह कहता है, “मैंने पाप किया था, मैंने उचित कार्य को अनुचित बना दिया था, तो भी मुझे इस अधर्म का दण्ड नहीं दिया गया।
यदि तुमने पाप किया तो तुम्हारे इस कार्य से परमेश्वर का क्या बिगड़ गया? यदि तुम एक के बाद एक अपराध करते जाओ तो तुम परमेश्वर का क्या कर लोगे?
सर्वशक्तिमान परमेश्वर के जहर-बुझे तीरों ने मुझे बेधा है, मेरी आत्मा उनका विष-पान कर रही है, परमेश्वर का आतंक मेरे विरुद्ध आक्रमण के लिए पंिक्तबद्ध खड़ा है।
तेरी धार्मिकता उच्च पर्वतों के समान महान है; तेरे न्याय-सिद्धान्त अथाह सागर के सदृश गहरे है; प्रभु, तू मनुष्य और पशु दोनों की रक्षा करता है।
हे स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु परमेश्वर, कब तक तू अपनी प्रजा की प्रार्थनाएँ अनसुनी करता रहेगा?