अब्राहम ने उत्तर दिया, ‘मैं तो मिट्टी और राख मात्र हूँ, फिर भी अपने स्वामी से बातें करने का साहस कर रहा हूँ।
अय्यूब 40:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘प्रभु, मैं एक तुच्छ मनुष्य हूँ, मैं तुझे क्या उत्तर दे सकता हूँ? मैंने अपने ओंठ सिल लिये हैं। पवित्र बाइबल “मैं तो कुछ कहने के लिये बहुत ही तुच्छ हूँ। मैं तुझसे क्या कह सकता हूँ? मैं तुझे कोई उत्तर नहीं दे सकता। मैं अपना हाथ अपने मुख पर रख लूँगा। Hindi Holy Bible देख, मैं तो तुच्छ हूँ, मैं तुझे क्या उत्तर दूं? मैं अपनी अंगुली दांत तले दबाता हूँ। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “देख, मैं तो तुच्छ हूँ, मैं तुझे क्या उत्तर दूँ? मैं अपनी अंगुली दाँत तले दबाता हूँ। सरल हिन्दी बाइबल “देखिए, मैं नगण्य बेकार व्यक्ति, मैं कौन होता हूं, जो आपको उत्तर दूं? मैं अपने मुख पर अपना हाथ रख लेता हूं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “देख, मैं तो तुच्छ हूँ, मैं तुझे क्या उत्तर दूँ? मैं अपनी उँगली दाँत तले दबाता हूँ। |
अब्राहम ने उत्तर दिया, ‘मैं तो मिट्टी और राख मात्र हूँ, फिर भी अपने स्वामी से बातें करने का साहस कर रहा हूँ।
जो करुणा और सच्चाई तूने अपने सेवक पर की है, उसके लिए मैं सर्वथा अयोग्य हूं। जब मैंने यह यर्दन नदी पार की थी तब सम्पत्ति के नाम पर मेरे पास मात्र एक लाठी थी; किन्तु अब मैं इतना समृद्ध हूँ कि मैं दो दलों में विभक्त हो लौट रहा हूँ।
युद्ध-सेवा के योग्य पुरुषों की जनगणना करने के बाद दाऊद के हृदय ने उसे इस कार्य के लिए फटकारा। अत: उसने प्रभु से कहा, ‘मैंने यह कार्य कर महापाप किया। प्रभु, कृपाकर, अपने सेवक पर से यह अधर्म का बोझ दूर कर। मैं बड़ी मूर्खता का कार्य कर बैठा।’
और स्वयं निर्जन प्रदेश की ओर चले गए। उन्होंने एक दिन का मार्ग पार किया। वह झाऊ वृक्ष के नीचे बैठ गए। उन्होंने प्रभु से अपनी मृत्यु मांगी। उन्होंने कहा, ‘प्रभु, अब बहुत हो गया! तू मेरे प्राण ले ले। मैं अपने पूर्वजों से गया-बीता हूं।’
हे इस्राएल के प्रभु परमेश्वर, तू निस्सन्देह न्याय करने वाला ईश्वर है। हम मुक्त हुई इस्राएली कौम के बचे हुए लोग हैं, जैसे आज भी हम जीवित रह गए हैं। यद्यपि दुष्कर्म के कारण कोई भी व्यक्ति तेरे सम्मुख खड़ा नहीं हो सकता है, तथापि, प्रभु, हम अपराधी होकर भी तेरे सामने उपस्थित हैं।’
‘हे मेरे परमेश्वर, मैं तेरी ओर अपनी आंखें नहीं उठा सकता, मैं लज्जित हूं; हमारे अपराधों का ढेर लग गया है, हमारे दुष्कर्म आकाश को छूने लगे हैं।
तो भी हम पर जो कष्ट आए हैं, उनके विषय में तेरा व्यवहार न्यायसंगत ही था। तूने हमारे साथ सत्य के अनुरूप व्यवहार किया, फिर भी हम दुष्टतापूर्ण व्यवहार करते रहे।
ताकि मेरा गवाह परमेश्वर के सामने मेरे पक्ष का समर्थन करे, जैसे कोई व्यक्ति अपने पड़ोसी के पक्ष में मुकदमा लड़ता है।
अय्यूब, हमें सिखाओ कि हमें परमेश्वर से क्या कहना चाहिए, क्योंकि अन्धकार के कारण हम अपने तर्क अच्छे ढंग से पेश नहीं कर सकते हैं।
यदि तूने अपनी प्रशंसा करने की मूर्खता की है, यदि तूने दुष्कर्म करने का षड्यन्त्र रचा है, तो अपने मुंह को बन्द रख।
हम-सब भटकी हुई भेड़ों के सदृश थे; प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने मार्ग पर चल रहा था। परन्तु प्रभु ने हमारे सब दुष्कर्मों का बोझ उस पर लाद दिया।
तब मैंने कहा, ‘हाय! अब मैं जीवित नहीं रह सकता! मैं अशुद्ध ओंठवाला मनुष्य हूं, और अशुद्ध ओंठवाले लोगों के मध्य निवास करता हूं। मैंने साक्षात् स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु, महाराजाधिराज को अपनी आंखों से देखा।’
हम-सब अशुद्ध व्यक्ति के समान हो गए हैं, हमारे सब धर्म-कर्म गन्दे वस्त्र हो गए हैं। हम-सब पत्ते के सदृश मुरझा जाते हैं। हमारे दुष्कर्म हवा की तरह हमें उड़ा ले जाते हैं।
मैं तेरे सब कुकर्मों को क्षमा कर दूंगा ताकि तू अपने कुकर्मों को स्मरण करे, और उनके लिए लज्जित हो। तब तू अपनी इस लज्जा के कारण अपना मुंह फिर खोलने का साहस नहीं करेगी।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
हमने पाप किया। हमने दुष्कर्म किए, और तेरे प्रति दुष्ट व्यवहार किया। तेरी आज्ञाओं और आदेशों की अवहेलना कर तुझसे विद्रोह किया।
हे स्वामी, केवल तू ही धार्मिक है, और हमारा सिर शर्म से झुका हुआ है। आज भी हम, यहूदा प्रदेश के निवासी, यरूशलेम नगर के रहने वाले, वस्तुत: समस्त इस्राएली कौम के लोग जो दूर और नजदीक के देशों में प्रवास कर रहे हैं, जहाँ तूने उनको अपने प्रति विश्वासघाती आचरण के कारण रहने को विवश किया है, शर्म के कारण अति लज्जित हैं।
यदि चर्मरोग त्वचा पर, रोगी की सारी त्वचा पर, सिर से पैर तक, जहाँ तक पुरोहित देख सकता है, फूट पड़ा है
सब राष्ट्र चाहे कितने ही शक्तिशाली क्यों न हों, वे इस्राएली राष्ट्र को देखकर आश्चर्यचकित हो जाएंगे। उनके कान के परदे फट जाएंगे; उनके मुंह से आवाज नहीं निकलेगी।
ओ सब प्राणियो, प्रभु के सम्मुख मौन रहो। प्रभु उत्तेजित हो कर अपने पवित्र निवास-स्थान से बाहर निकल रहा है।
चुंगी-अधिकारी कुछ दूरी पर खड़ा था। उसे स्वर्ग की ओर आँख उठाने तक का साहस नहीं हुआ। वह अपनी छाती पीट-पीट कर यह कह रहा था, ‘परमेश्वर! मुझ पापी पर दया कर।’ ”
यह देख कर सिमोन पतरस ने येशु के चरणों पर गिर कर कहा, “प्रभु! मेरे पास से चले जाइए। मैं तो पापी मनुष्य हूँ।”
यह कथन विश्वसनीय और सर्वथा मानने योग्य है कि येशु मसीह पापियों को बचाने के लिए संसार में आये, और उन में से सबसे बड़ा पापी मैं हूँ।
उन्होंने उससे कहा, ‘आप चुप रहिए, अपने मुँह पर हाथ रखिए। आप हमारे साथ चलिए। हमारे आदरणीय पिता और पुरोहित बनिए। इन दोनों में क्या श्रेष्ठ है: एक व्यक्ति के परिवार का पुरोहित बनना अथवा इस्राएलियों के एक कुल और गोत्र का पुरोहित बनना?’