अय्यूब 32:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह अय्यूब के तीनों मित्रों से भी नाराज हुआ; क्योंकि उन्होंने अय्यूब को दोषी तो घोषित किया, पर अपने पक्ष में अय्यूब को उत्तर न दे सके। पवित्र बाइबल एलीहू अय्यूब के तीनों मित्रों से भी नाराज़ था क्योंकि वे तीनों ही अय्यूब के प्रश्नों का युक्ति संगत उत्तर नहीं दे पाये थे और अय्यूब को ही दोषी बता रहे थे। इससे तो फिर ऐसा लगा कि जैसे परमेश्वर ही दोषी था। Hindi Holy Bible फिर अय्यूब के तीनों मित्रों के विरुद्ध भी उसका क्रोध इस कारण भड़का, कि वे अय्यूब को उत्तर न दे सके, तौभी उसको दोषी ठहराया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर अय्यूब के तीनों मित्रों के विरुद्ध भी उसका क्रोध इस कारण भड़का कि वे अय्यूब को उत्तर न दे सके, तौभी उसको दोषी ठहराया। सरल हिन्दी बाइबल इसके विपरीत अय्योब अपने तीनों मित्रों पर नाराज थे, क्योंकि वे उनके प्रश्नों के उत्तर देने में विफल रहे थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर अय्यूब के तीनों मित्रों के विरुद्ध भी उसका क्रोध इस कारण भड़का, कि वे अय्यूब को उत्तर न दे सके, तो भी उसको दोषी ठहराया। |
जो मैंने कहा, क्या वह सच नहीं है? कौन व्यक्ति मुझे झूठा सिद्ध कर सकता है? कौन व्यक्ति मेरी बातों को निस्सार कह सकता है?’
अय्यूब के तीनों मित्रों ने यह देखा कि अय्यूब अपनी दृष्टि में धार्मिक है; अत: अन्होंने उससे तर्क-वितर्क करना छोड़ दिया, और वे चुप हो गए।
उनके साथ एलीहू नामक एक युवक था। उसके पिता का नाम बारकेल था, जो बूजी वंश और राम के कुल का था। एलीहू का क्रोध अय्यूब के प्रति भड़क उठा; क्योंकि उसने अपने दु:ख के लिए परमेश्वर को दोषी और स्वयं को निर्दोष प्रमाणित किया था।
वह उनसे उम्र में छोटा था, इसलिए वह अब तक चुप था, और अय्यूब को उत्तर देने की प्रतीक्षा कर रहा था।
जब प्रभु अय्यूब से ये बातें कह चुका तब वह तेमान नगर के रहने वाले एलीपज से बोला, ‘मेरा क्रोध तेरे प्रति और तेरे दोनों मित्रों पर भड़क उठा है, क्योंकि तुमने मेरे विषय में सच्चाई को प्रकट नहीं किया, वरन् मेरे सेवक अय्यूब ने मेरी सच्चाई को प्रकट किया है।
यदि तुम शुद्ध और सरल हृदय के हो, तो निस्सन्देह वह तुम्हारे लिए जागेगा, और तुम्हारे धर्ममय आचरण के कारण तुम्हारे परिवार का कल्याण करेगा।
जिन बातों के विषय में ये अब मुझ पर अभियोग लगा रहे हैं, ये आप को उनका कोई प्रमाण नहीं दे सकते।
हमारा अनुभव है कि यह मनुष्य संक्रामक रोग के सदृश है। यह दुनिया भर के सब यहूदियों में आंदोलन करता-फिरता है और नासरी कुपंथ का मुखिया है।