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अय्यूब 2:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

अय्‍यूब के तीन मित्र थे : तेमान नगर का रहनेवाला एलीपज, शूही वंश का बिलदद और नामाह नगर का निवासी सोपर। जब उन्‍होंने सुना कि अय्‍यूब पर विपत्तियाँ टूट पड़ी हैं, तब वे अपने-अपने घर से निकले। उन्‍होंने निश्‍चय किया कि वे अय्‍यूब के साथ शोक प्रकट करने और उसको शान्‍ति देने के लिए एक-साथ जाएँगे।

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पवित्र बाइबल

अय्यूब के तीन मित्र थे:तेमानी का एलीपज, शूही का बिलदद और नामाती का सोपर। इन तीनों मित्रों ने अय्यूब के साथ जो बुरी घटनाएँ घटी थीं, उन सब के बारे में सुना। ये तीनों मित्र अपना—अपना घर छोड़कर आपस में एक दूसरे से मिले। उन्होंने निश्चय किया कि वे अय्यूब के पास जा कर उसके प्रति सहानुभूति प्रकट करें और उसे ढाढस बँधायें।

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Hindi Holy Bible

जब तेमानी एलीपज, और शूही बिलदद, और नामाती सोपर, अय्यूब के इन तीन मित्रों ने इस सब विपत्ति का समाचार पाया जो उस पर पड़ी थीं, तब वे आपस में यह ठान कर कि हम अय्यूब के पास जा कर उसके संग विलाप करेंगे, और उसको शान्ति देंगे, अपने अपने यहां से उसके पास चले।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जब तेमानी एलीपज, और शूही बिलदद, और नामाती सोपर, अय्यूब के इन तीन मित्रों ने इस सब विपत्ति का समाचार पाया जो उस पर पड़ी थीं। तब वे आपस में यह ठानकर कि हम अय्यूब के पास जाकर उसके संग विलाप करेंगे, और उसको शान्ति देंगे, अपने अपने यहाँ से उसके पास चले।

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सरल हिन्दी बाइबल

जब अय्योब के तीन मित्रों को अय्योब की दुखद स्थिति का समाचार प्राप्‍त हुआ, तब तीनों ही अपने-अपने स्थानों से अय्योब के घर आ गए, तेमानी से एलिफाज़, शूही से बिलदद तथा नआमथ से ज़ोफर. इन तीनों ने योजना बनाई कि सहानुभूति एवं सांत्वना देने के लिए वे अय्योब से भेंट करेंगे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जब तेमानी एलीपज, और शूही बिल्दद, और नामाती सोपर, अय्यूब के इन तीन मित्रों ने इस सब विपत्ति का समाचार पाया जो उस पर पड़ी थीं, तब वे आपस में यह ठानकर कि हम अय्यूब के पास जाकर उसके संग विलाप करेंगे, और उसको शान्ति देंगे, अपने-अपने यहाँ से उसके पास चले।

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अय्यूब 2:11
34 क्रॉस रेफरेंस  

उसने अब्राहम से जिम्रान, याक्षान, मदान, मिद्यान, यिशबाक और शूह नामक पुत्रों को जन्‍म दिया।


ये एलीपज के पुत्र हैं : तेमान, ओमर, सपो, गताम और कनज।


ये एसाव के वंशजों के मुखिया हुए : एसाव के ज्‍येष्‍ठ पुत्र एलीपज के वंश में ये मुखिया हुए : तेमान, ओमर, सपो, कनज,


योबाब की मृत्‍यु हुई। तेमानी जाति के देश का निवासी हूशम ने उसके स्‍थान पर राज्‍य किया।


उसके पुत्र-पुत्रियों ने उन्‍हें सान्‍त्‍वना देने का प्रयत्‍न किया। किन्‍तु उन्‍होंने सान्‍त्‍वना स्‍वीकार नहीं की। वह कहते रहे, ‘नहीं, मैं अपने पुत्र के पास शोक करता हुआ अधोलोक जाऊंगा।’ इस प्रकार यूसुफ के पिता ने उसके लिए विलाप किया।


अब्राहम की रखेल कटूरा थी। उसके ये पुत्र थे: जिम्रान, याक्षान, मदान, मिद्यान, यिशबाक और शूह। ये याक्षान के पुत्र थे: शबा और ददान।


योबाब की मृत्‍यु हुई। तब तेमानी जाति के देश का हूशम योबाब के स्‍थान पर राज्‍य करने लगा।


उनका पिता एफ्रइम उनके लिए बहुत दिन तक शोक मनाता रहा। तब उनके भाई उसको सान्‍त्‍वना देने के लिए आए।


नामाह नगर के रहनेवाले सोपर ने अय्‍यूब से कहा :


क्‍योंकि तुम लोग झूठे हो, और झूठी बातें गढ़ते हो; तुम सब निकम्‍मे वैद्य हो।


तेमान नगर के रहने वाले एलीपज ने कहा:


‘मैं ऐसी बहुत-सी बातें सुन चुका हूँ; तुम-सब मेरा दु:ख बढ़ानेवाले शान्‍तिदाता हो!


मेरे मित्र मुझसे घृणा करते हैं, किन्‍तु मैं परमेश्‍वर के सम्‍मुख आँसू बहाता हूँ,


शूही वंश के बिलदद ने कहा,


मेरे सब घनिष्‍ठ मित्र मुझसे घृणा करते हैं, मेरे प्रियजन भी मेरे विरोधी बन गए हैं।


‘ओ मेरे मित्रो, मुझ पर दया करो, मुझ पर दया करो! क्‍योंकि परमेश्‍वर ने ही मुझे रोगी बनाया है!


तब तेमान नगर के रहनेवाले एलीपज ने कहा :


तब अय्‍यूब के सब भाई-बहिन और सब पूर्व-परिचित लोग उसके पास आए; और उन्‍होंने उसके घर में उसके साथ भोजन किया। जो विपत्ति प्रभु ने अय्‍यूब पर डाली थी, उसके लिए उन्‍होंने अय्‍यूब के प्रति सहानुभूति प्रदर्शित की, और उसको सांत्‍वना दी। भेंट के रूप में उन्‍होंने अय्‍यूब को एक-एक अशर्फी और सोने की एक-एक अंगूठी दी।


जब प्रभु अय्‍यूब से ये बातें कह चुका तब वह तेमान नगर के रहने वाले एलीपज से बोला, ‘मेरा क्रोध तेरे प्रति और तेरे दोनों मित्रों पर भड़क उठा है, क्‍योंकि तुमने मेरे विषय में सच्‍चाई को प्रकट नहीं किया, वरन् मेरे सेवक अय्‍यूब ने मेरी सच्‍चाई को प्रकट किया है।


अत: जैसा प्रभु ने तेमान नगर के एलीपज, शूही वंश के बिलदद और नामाह नगर के सोपर से कहा, वैसा ही उन्‍होंने किया। तब प्रभु ने अय्‍यूब की प्रार्थना स्‍वीकार की और उसके मित्रों को दण्‍ड नहीं दिया।


‘जो व्यक्‍ति अपने दु:खी मित्र पर करुणा नहीं करता, वह सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर की भक्‍ति छोड़ देता है।


तेमा के बनजारे पानी को खोजते हैं, शबा के काफिले नदी की प्रतीक्षा करते हैं।


शूही वंश के बिलदद ने अय्‍यूब से कहा:


सच्‍चा मित्र सब समय मित्रता निभाता है, वह संकट-काल में भाई बन जाता है।


कुछ मित्र ऐसे होते हैं, जो मित्र होने का ढोंग करते हैं; किन्‍तु कोई ऐसा भी मित्र होता है जो भाई से बढ़कर अपना होता है।


अपने मित्र को, और अपने पिता के मित्र को कभी मत छोड़ना; अपने संकट के दिन अपने भाई के घर में पैर मत रखना। दूर रहनेवाले भाई से पास रहनेवाला पड़ोसी उत्तम है।


ये दो विपत्तियाँ तुझ पर टूटीं: तबाही और विनाश; अकाल और शत्रु का आक्रमण! कौन तेरे प्रति सहानुभूति प्रकट करेगा? कौन तुझे शान्‍ति देगा?


एदोम राष्‍ट्र के सम्‍बन्‍द्ध में स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने यह कहा : ‘क्‍या तेमान नगर में बुद्धि का अकाल पड़ गया है? क्‍या समझदार व्यक्‍तियों की सलाह निष्‍फल हो गई? क्‍या उनकी बुद्धि को पाला मार गया?


ओ तेमान नगर, तेरे योद्धाओं का साहस समाप्‍त हो जाएगा। अत: एसाव पर्वत के निवासी कट-कट कर गिरेंगे।


इसलिए भाई की मृत्‍यु पर संवेदना प्रकट करने के लिए यहूदा प्रदेश के बहुत-से लोग मार्था और मरियम से मिलने आए थे।


आनन्‍द मनाने वालों के साथ आनन्‍द मनायें, रोने वालों के साथ रोयें।


यदि एक अंग को पीड़ा होती है, तो उसके साथ सभी अंगों को पीड़ा होती है और यदि एक अंग का सम्‍मान किया जाता है, तो उसके साथ सभी अंग आनन्‍द मनाते हैं।


आप बन्‍दियों की इस तरह सुध लेते रहें, मानो आप उनके साथ बन्‍दी हों और जिन पर अत्‍याचार किया जाता है, उनको भी स्‍मरण करें; क्‍योंकि आप पर भी अत्‍याचार किया जा सकता है।


गदेरोत, बेत-दागोन, नअमाह और मक्‍केदाह। गांवों सहित समस्‍त नगरों की संख्‍या सोलह थी।