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अय्यूब 2:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

10 अय्‍यूब ने कहा, ‘तू एक मूर्ख स्‍त्री की तरह बक रही है। क्‍या हम परमेश्‍वर के हाथ से केवल सुख ही सुख ग्रहण करें, और दु:ख नहीं?’ अय्‍यूब पर ये विपत्तियाँ आईं, किन्‍तु उसने पाप नहीं किया; उसने परमेश्‍वर को नहीं कोसा।

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पवित्र बाइबल

10 अय्यूब ने उत्तर देते हुए अपनी पत्नी से कहा, “तू तो एक मूर्ख स्त्री की तरह बातें करती है! देख, परमेश्वर जब उत्तम वस्तुएं देता है, हम उन्हें स्वीकार कर लेते हैं। सो हमें दु:ख को भी अपनाना चाहिये और शिकायत नहीं करनी चाहिये।” इस समूचे दु:ख में भी अय्यूब ने कोई पाप नहीं किया। परमेश्वर के विरोध में वह कुछ नहीं बोला।

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Hindi Holy Bible

10 उसने उस से कहा, तू एक मूढ़ स्त्री की सी बातें करती है, क्या हम जो परमेश्वर के हाथ से सुख लेते हैं, दु:ख न लें? इन सब बातों में भी अय्यूब ने अपने मुंह से कोई पाप नहीं किया।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

10 उसने उससे कहा, “तू एक मूढ़ स्त्री की सी बातें करती है, क्या हम जो परमेश्‍वर के हाथ से सुख लेते हैं, दु:ख न लें?” इन सब बातों में भी अय्यूब ने अपने मुँह से कोई पाप नहीं किया।

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सरल हिन्दी बाइबल

10 किंतु अय्योब ने उसे उत्तर दिया, “तुम तो मूर्ख स्त्रियों के समान बक-बक करने लगी हो. क्या हमारे लिए यह भला होगा कि परमेश्वर से सुख स्वीकार करते जाएं और दुःख कुछ भी नहीं?” इन सभी स्थितियों में अय्योब ने अपने मुख द्वारा कोई पाप नहीं किया.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

10 उसने उससे कहा, “तू एक मूर्ख स्त्री के समान बातें करती है, क्या हम जो परमेश्वर के हाथ से सुख लेते हैं, दुःख न लें?” इन सब बातों में भी अय्यूब ने अपने मुँह से कोई पाप नहीं किया।

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अय्यूब 2:10
30 क्रॉस रेफरेंस  

प्रभु परमेश्‍वर ने मनुष्‍य से कहा, ‘तूने अपनी पत्‍नी की बात सुनी, और उस पेड़ का फल खाया जिसके विषय में मैंने आज्ञा दी थी कि “उसका फल न खाना।” अतएव तेरे कारण भूमि शापित हुई। उसकी फसल खाने के लिए तुझे जीवनभर कठोर परिश्रम करना पड़ेगा।


मैं अपना काला मुँह लेकर कहाँ जाऊंगी? तू इस्राएली राष्‍ट्र में मूर्ख व्यक्‍ति माना जाएगा। तू कृपाकर, महाराज से बात कर। वह मुझे तेरे हाथ में सौंपना अस्‍वीकार नहीं करेंगे।’


दाऊद ने कहा, ‘सरूयाह के पुत्रो, मेरे और तुम्‍हारे विचारों में अन्‍तर है। आज तुम मेरे विरोधी मत बनो। आज क्‍या इस्राएल में किसी को मृत्‍यु-दण्‍ड दिया जा सकता है? आज मैं निश्‍चयपूर्वक जानता हूँ कि मैं इस्राएल का राजा हूँ।’


मेरे पिता के परिवार के सब पुरुष, मेरे स्‍वामी के हाथ से मृत्‍यु-दण्‍ड पाने के योग्‍य थे। परन्‍तु महाराज ने मुझे, अपने सेवक को अपनी मेज पर भोजन करने का सम्‍मान प्रदान किया था। तब इससे अधिक मुझे क्‍या न्‍यायोचित अधिकार चाहिए कि मैं महाराज की दुहाई दूँ?’


युद्ध-सेवा के योग्‍य पुरुषों की जनगणना करने के बाद दाऊद के हृदय ने उसे इस कार्य के लिए फटकारा। अत: उसने प्रभु से कहा, ‘मैंने यह कार्य कर महापाप किया। प्रभु, कृपाकर, अपने सेवक पर से यह अधर्म का बोझ दूर कर। मैं बड़ी मूर्खता का कार्य कर बैठा।’


सम्‍पूर्ण पृथ्‍वी पर प्रभु की दृष्‍टि यहां से वहां दौड़ती रहती है, ताकि वह अपने उन भक्‍तों को अपना सामर्थ्य दिखा सके जो निष्‍कलंक हृदय से प्रभु पर विश्‍वास करते हैं। किन्‍तु महाराज, आपने यह बहुत मूर्खतापूर्ण कार्य किया। इसलिए अब से आप निरन्‍तर युद्ध में जूझते रहेंगे।’


क्‍या आपने उसकी रक्षा के लिए उसके चारों ओर, उसके घर और उसकी हर वस्‍तु के चारों ओर बाड़ा नहीं बांधा है? आपने उसके प्रत्‍येक कार्य को सफल किया है, इसलिए देश में उसकी धन-सम्‍पत्ति की वृद्धि हुई है।


उसकी पत्‍नी ने उससे कहा, ‘क्‍या तुम अब भी अपने आदर्श पर अटल हो? परमेश्‍वर को कोसो, और मर जाओ।’


मैंने कहा, “मैं अपने मार्ग की चौकसी करूंगा, जिससे मैं अपनी जीभ के कारण पाप न करूँ। जब तक दुर्जन मेरे सामने हैं, मैं अपने मुंह में लगाम दूंगा।”


अब मुझ पर प्रहार मत कर; तेरे हाथ के आघात से मैं नष्‍ट हो गया हूँ।


मैं मूक था, मैंने अपना मुंह नहीं खोला; क्‍योंकि तूने ही यह किया है।


उनके मुंह के पाप, उनके ओंठों के शब्‍दों के कारण वे स्‍वयं अपने अहंकार में फंस जाएं। शाप देने और झूठ बोलने के कारण


मूर्खता उस स्‍त्री के सदृश है जो बकबक करती है, जो कुलटा और निर्लज्‍ज है।


तब तुझे समझ आ जाएगी और तू जीवित रहेगा, तू समझ के मार्ग पर चलेगा।’


सुख के दिनों में आनन्‍द मनाओ, किन्‍तु दु:ख के दिनों में विचार करो, क्‍योंकि परमेश्‍वर ने सुख और दु:ख दोनों को बनाया है, ताकि मनुष्‍य इस बात का भेद न पा सके कि उसकी मृत्‍यु के बाद क्‍या होनेवाला है।


जब तक स्‍वामी आदेश न दे, तब तक क्‍या किसी मनुष्‍य के वचन के अनुसार कुछ हो सकता है?


इस पर येशु ने मुड़ कर, पतरस से कहा, “मेरे सामने से हट जाओ, शैतान! तुम मेरे रास्‍ते में बाधा बन रहे हो। तुम परमेश्‍वर की बातें नहीं, बल्‍कि मनुष्‍यों की बातें सोचते हो।”


उन में से पाँच मूर्ख थीं और पाँच बुद्धिमती।


येशु ने पतरस से कहा, “तलवार म्‍यान में रख लो। जो प्‍याला पिता ने मुझे दिया है, क्‍या मैं उसे नहीं पिऊं?”


आप आशावान हों और आनन्‍द मनाएं। आप संकट में धैर्य रखें तथा प्रार्थना में लगे रहें,


धन्‍य है वह, जो विपत्ति में दृढ़ बना रहता है! परीक्षा में खरा उतरने पर उसे जीवन का वह मुकुट प्राप्‍त होगा, जिसे प्रभु ने अपने भक्‍तों को देने की प्रतिज्ञा की है।


हम सब बारम्‍बार गलत काम करते हैं। जो कभी गलत बात नहीं कहता, वह पहुँचा हुआ मनुष्‍य है और वह अपने पूर्ण शरीर को नियंत्रण में रख सकता है।


अत: शमूएल ने सब बातें उसको बता दीं; और उससे कुछ नहीं छिपाया। एली ने कहा, ‘वह प्रभु है! जो उसकी दृष्‍टि में उचित है, वही वह करे!’


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