जो सुखी है, उसकी दृष्टि में दु:खी मनुष्य तुच्छ है; जिसका पैर फिसलता है, वह अभागा समझा जाता है!
अय्यूब 12:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) चोर-लुटेरे दिन दूनी रात चैगुनी उन्नति करते हैं, और अपने घर में सुख-चैन की बन्सी बजाते हैं; जो अपने आचरण से परमेश्वर को क्रोध दिलाते हैं, वास्तव में वे ही सुरक्षित रहते हैं, उनका ईश्वर उनकी मुट्ठी में रहता है! पवित्र बाइबल डाकुओं के डेरे निश्चिंत रहते हैं, ऐसे लोग जो परमेश्वर को रुष्ट करते हैं, शांति से रहते हैं। स्वयं अपने बल को वह अपना परमेश्वर मानते हैं। Hindi Holy Bible डाकुओं के डेरे कुशल क्षेम से रहते हैं, और जो ईश्वर को क्रोध दिलाते हैं, वह बहुत ही निडर रहते हैं; और उनके हाथ में ईश्वर बहुत देता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) डाकुओं के डेरे कुशल क्षेम से रहते हैं, और जो परमेश्वर को क्रोध दिलाते हैं, वे बहुत ही निडर रहते हैं; अर्थात् उनका ईश्वर उनकी मुट्ठी में रहता है। सरल हिन्दी बाइबल उन्हीं के घरों को सुरक्षित छोड़ा जा रहा है, जो हिंसक-विनाशक हैं, वे ही सुरक्षा में निवास कर रहे हैं, जो परमेश्वर को उकसाते रहे हैं, जो सोचते हैं कि ईश्वर अपनी मुट्ठी में है! इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 डाकुओं के डेरे कुशल क्षेम से रहते हैं, और जो परमेश्वर को क्रोध दिलाते हैं, वह बहुत ही निडर रहते हैं; अर्थात् उनका ईश्वर उनकी मुट्ठी में रहता हैं; |
जो सुखी है, उसकी दृष्टि में दु:खी मनुष्य तुच्छ है; जिसका पैर फिसलता है, वह अभागा समझा जाता है!
‘पर तुम जंगल के पशुओं से उनका अनुभव पूछो, और वे तुम्हें सीख देंगे; तुम आकाश के पक्षियों से पूछताछ करो, और वे तुम्हें बताएँगे।
इसलिए कि तुम परमेश्वर के प्रति अपना क्रोध प्रकट करते हो, और अपने मुँह से निरर्थक शब्द निकलने देते हो।
तो भी परमेश्वर ने उनके घर को सुख-समृद्धि से भर दिया! दुर्जनों के ये विचार मुझसे दूर ही रहें!
परमेश्वर उन्हें सुरक्षित रखता, और उन्हें सम्भालता है; वह उनके कुमार्गों पर उनकी रक्षा करता है
परमेश्वर ने यह पृथ्वी दुर्जनों के हाथ में सौंप दी है; उसने न्यायाधीशों की आंखों पर पट्टी बांध दी है ताकि वे न्याय और अन्याय को न पहचान सकें! यदि वह नहीं तो फिर कौन यह कार्य करता है?
अपने हाथों द्वारा दुर्जनों से, पृथ्वी के उन पुरुषों से, जिनका भाग इसी जीवन में है, मेरे प्राण को मुक्त कर। उनके पेट तेरे दण्ड-भण्डार से भरे जाएं; उनके पुत्रों को यथेष्ट से अधिक दण्ड मिले; वे अपने बच्चों के लिए भी पर्याप्त दण्ड छोड़ जाएं।
जब मैं ने दुर्जनों का फलना-फूलना देखा, तब मैं घमण्डी लोगों के प्रति ईष्र्यालु हो गया।
कि यद्यपि दुर्जन घास के सदृश हरे-भरे रहते हैं, समस्त कुकर्मी फलते-फूलते हैं, तो भी वे सदा-सर्वदा के लिए नष्ट हो जाएंगे,
मैं तुझसे क्यों वाद-विवाद करूं? क्योंकि तू धार्मिक है, और तेरा न्याय सच्चा है। फिर भी, हे प्रभु, मैं तेरे सम्मुख अपनी शिकायत पेश करूंगा; दुर्जन अपने काम में सफल क्यों होते हैं? विश्वासघाती सुख-चैन से क्यों रहते हैं?
जैसे पिंजरा चिड़ियों से भरा रहता है वैसे ही उनका घर लूट से भरा है। वे अपने छल-कपट से धनवान बन गए हैं, और समाज में बड़े लोग कहलाते हैं।
वे मोटे हो गए हैं, उनके शरीर पर चर्बी चढ़ गई है। उनके लिए दुष्कर्म करने की कोई सीमा नहीं है वे निष्पक्ष होकर न्याय नहीं करते। वे अनाथों के न्याय की उपेक्षा कर अपना उल्लू सीधा करते हैं। वे गरीबों के हक की रक्षा नहीं करते।
तब वे आंधी की तरह आगे बढ़ जाते हैं। वे लोग दोषी हैं, जो अपने बल को ही अपना ईश्वर समझते हैं।’