हम इस्राएल प्रदेश के शान्तिप्रिय और विश्वसनीय लोग हैं। आप हमारे इस नगर को, जो इस्राएल प्रदेश का महानगर है, नष्ट करने का प्रयत्न कर रहे हैं। आप प्रभु की मीरास को क्यों निगलना चाहते हैं?’
2 शमूएल 21:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) दाऊद ने गिबओनी लोगों से पूछा, ‘मैं तुम्हारे कल्याण के लिए क्या कर सकता हूँ? मैं किस प्रकार प्रायश्चित्त करूँ कि तुम लोग प्रभु की मीरास, इस्राएली राष्ट्र को आशिष दो?’ पवित्र बाइबल दाऊद ने गिबोनी से कहा, “मैं आप लोगों के लिये क्या कर सकता हूँ? इस्राएल के पापों को धोने के लिये मैं क्या कर सकता हूँ जिससे आप लोग यहोवा के लोगों को आशीर्वाद दे सकें?” Hindi Holy Bible तब दाऊद ने गिबोनियों से पूछा, मैं तुम्हारे लिये क्या करूं? और क्या करके ऐसा प्रायश्चित करूं, कि तुम यहोवा के निज भाग को आशीर्वाद दे सको? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब दाऊद ने गिबोनियों से पूछा, “मैं तुम्हारे लिये क्या करूँ? और क्या करके ऐसा प्रायश्चित करूँ, कि तुम यहोवा के निज भाग को आशीर्वाद दे सको?” सरल हिन्दी बाइबल दावीद ने गिबियोनवासियों से पूछा, “मैं आप लोगों के लिए क्या कर सकता हूं? मैं इसकी भरपाई किस प्रकार करूं कि आप लोग याहवेह की मीरास के प्रति आशीर्वाद ही दें?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब दाऊद ने गिबोनियों से पूछा, “मैं तुम्हारे लिये क्या करूँ? और क्या करके ऐसा प्रायश्चित करूँ, कि तुम यहोवा के निज भाग को आशीर्वाद दे सको?” |
हम इस्राएल प्रदेश के शान्तिप्रिय और विश्वसनीय लोग हैं। आप हमारे इस नगर को, जो इस्राएल प्रदेश का महानगर है, नष्ट करने का प्रयत्न कर रहे हैं। आप प्रभु की मीरास को क्यों निगलना चाहते हैं?’
दूसरे दिन मूसा ने लोगों से कहा, ‘तुमने घोर पाप किया है। अब मैं प्रभु के पास ऊपर जाऊंगा। सम्भव है कि मैं तुम्हारे पाप का प्रायश्चित्त कर सकूँ।’
वह अग्नि-बलि के पशु के सिर पर अपना हाथ रखेगा, और अग्नि-बलि उसके प्रायश्चित्त के रूप में ग्रहण की जाएगी।
उन्होंने योना से पूछा, ‘समुद्र शांत हो जाए, इसके लिए हमें तुम्हारे साथ क्या करना चाहिए?’ समुद्र हर क्षण विकराल होता जा रहा था।
व्यवस्था के अनुसार प्राय: सब कुछ रक्त द्वारा शुद्ध किया जाता है और रक्त के बिना क्षमा नहीं मिलती।
यदि एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के प्रति अपराध करता है, तो परमेश्वर उसके लिए हस्तक्षेप करता है। परन्तु यदि व्यक्ति स्वयं प्रभु के प्रति पाप करेगा तो कौन उसकी क्षमा के लिए प्रार्थना कर सकता है?’ पुत्रों ने अपने पिता की बातों पर कान नहीं दिया; क्योंकि यह प्रभु की इच्छा थी कि वे मर जाएँ।
अब, महाराज, मेरे स्वामी, अपने सेवक की यह बात ध्यान से सुनें : यदि प्रभु ने आपको मेरे विरुद्ध उकसाया है, तो प्रभु एक भेंट स्वीकार करे। परन्तु यदि उकसाने वाले मनुष्य हैं, तो वे प्रभु के सम्मुख अभिशप्त हों! उन्होंने मुझे आज निकाल दिया है जिससे मैं प्रभु की पैतृक-सम्पत्ति का हिस्सेदार न बनूं। उन्होंने मुझसे कहा, “जा, अन्य देशों के देवताओं की पूजा-आराधना कर!”