जिस वर्ष नूह छ: सौ वर्ष का हुआ, उसके दूसरे महीने के सत्रहवें दिन अथाह महासागर के झरने फूट पड़े, आकाश के झरोखे खुल गए और
2 राजाओं 7:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सेना-नायक ने जिसके हाथ के सहारे राजा खड़ा था, परमेश्वर के जन से यह कहा, ‘यदि स्वयं प्रभु आकाश में झरोखे बनाए तो भी क्या यह सम्भव है?’ एलीशा ने सेना-नायक को उत्तर दिया, ‘तुम स्वयं अपनी आंखों से यह देखोगे; परन्तु तुम उस अन्न को खा नहीं सकोगे।’ पवित्र बाइबल तब उस अधिकारी ने जो राजा का विश्वासपात्र था, परमेश्वर के जन (एलीशा) से बातें कीं। अधिकारी ने कहा, “यदि यहोवा आकाश में खिड़कियाँ भी बना दे तो भी यह नहीं होगा!” एलीशा ने कहा, “इसे तुम अपनी आँखों से देखोगे। किन्तु उस भोजन में से तुम कुछ भी नहीं खाओगे।” Hindi Holy Bible तब उस सरदार ने जिसके हाथ पर राजा तकिया करता था, परमेश्वर के भक्त को उत्तर देकर कहा, सुन, चाहे यहोवा आकाश के झरोखे खोले, तौभी क्या ऐसी बात हो सकेगी? उसने कहा, सुन, तू यह अपनी आंखों से तो देखेगा, परन्तु उस अन्न में से कुछ खाने न पाएगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब उस सरदार ने जिसके हाथ पर राजा तकिया करता था, परमेश्वर के भक्त को उत्तर देकर कहा, “सुन, चाहे यहोवा आकाश के झरोखे खोले, तौभी क्या ऐसी बात हो सकेगी?” उसने कहा, “सुन, तू यह अपनी आँखों से तो देखेगा, परन्तु उस अन्न में से कुछ खाने न पाएगा।” सरल हिन्दी बाइबल तब उस राजकीय अधिकारी ने, जिसके हाथ की टेक राजा लिया करते थे, परमेश्वर के जन से कहा, “यदि खुद याहवेह आकाश के झरोखे खोल दें, तब भी क्या यह संभव है?” मगर एलीशा ने उसे उत्तर दिया, “यह तुम खुद अपनी आंखों से तो देखोगे, मगर इनको खा नहीं पाओगे.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब उस सरदार ने जिसके हाथ पर राजा तकिया करता था, परमेश्वर के भक्त को उत्तर देकर कहा, “सुन, चाहे यहोवा आकाश के झरोखे खोले, तो भी क्या ऐसी बात हो सकेगी?” उसने कहा, “सुन, तू यह अपनी आँखों से तो देखेगा, परन्तु उस अन्न में से कुछ खाने न पाएगा।” |
जिस वर्ष नूह छ: सौ वर्ष का हुआ, उसके दूसरे महीने के सत्रहवें दिन अथाह महासागर के झरने फूट पड़े, आकाश के झरोखे खुल गए और
मेरे इस कार्य के लिए प्रभु अपने सेवक को क्षमा करे : जब मेरे महाराज रिम्मोन देवता के मन्दिर में जाएंगे और वहां मेरे हाथों का सहारा लेकर उसको साष्टांग प्रणाम करेंगे, तब मुझे भी रिम्मोन देवता के मन्दिर में साष्टांग प्रणाम करना पड़ेगा। प्रभु अपने सेवक को उसके इस कार्य के लिए क्षमा करे।’
दूसरे दिन सबेरे यहोशाफट के सैनिक उठे, और वे तकोअ के निर्जन प्रदेश की ओर गए। वे प्रस्थान कर ही रहे थे कि यहोशाफट उनके मध्य में खड़ा हुआ, और उसने उनसे कहा, ‘ओ यहूदा प्रदेश के निवासियो, ओ यरूशलेम के रहने वालो, मेरी बात सुनो: अपने प्रभु परमेश्वर पर विश्वास करो, तब तुम दृढ़ रह सकोगे; प्रभु के नबियों पर भरोसा रखो, तब तुम सफल होगे।’
एफ्रइम राज्य की राजधानी सामरी नगर है, और सामरी नगर का राजा बेन-रमल्याह है। मुझ-प्रभु पर दृढ़ विश्वास करो, अन्यथा तुम लोग उसके सामने दृढ़ नहीं रह सकोगे।’ ”
इसलिए मैं-प्रभु यह कहता हूं: देखो, मैं नेहेलाम नगर के शमायाह और उसके वंश को दण्ड दूंगा। उस के वंश में एक भी व्यक्ति जीवित नहीं बचेगा, जो उस भलाई के दर्शन कर सकेगा जो मैं अपने निज लोगों के साथ करूंगा, क्योंकि उसने प्रभु से विद्रोहपूर्ण बातें कही हैं। मुझ-प्रभु की यह वाणी है।’
‘मेरे भण्डार-गृह में पूर्ण दशमांश लाओ, जिससे मेरे भवन में भोजन-वस्तु रहे। तब मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे खोलकर तुम्हारे लिए वर्षा करता हूँ कि नहीं, मैं तुम पर आशिष की वर्षा करता हूँ कि नहीं।’
मैं इन सब लोगों को खिलाने के लिए मांस कहां से लाऊं? ये मेरे सम्मुख रो-रोकर कह रहे हैं, “हमें खाने के लिए मांस दीजिए।”
परमेश्वर मनुष्य नहीं है कि वह झूठ बोले, और न वह मनुष्य का पुत्र है कि पश्चात्ताप करे! जो उसने कहा, क्या वह उसको न करे? जो वह बोले, क्या वह उसको पूर्ण न करे?
यदि यहूदियों में कुछ अविश्वासी निकले, तो क्या हुआ? क्या उनका अविश्वास परमेश्वर की विश्वसनीयता नष्ट कर देगा?
तू पिस्गाह के शिखर पर चढ़। वहां से तू अपनी आंखें उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम की ओर उठाना, और स्वयं अपनी आंखों से देखना; क्योंकि तू इस यर्दन नदी के उस पार नहीं जा सकेगा।
यदि हम विश्वास न करें, तो भी वह विश्वसनीय बने रहते हैं; क्योंकि वह अपने स्वभाव के विरुद्ध नहीं जा सकते।”