नबी-संघ में एक नबी था। उसने प्रभु के वचन की प्रेरणा से अपने साथी से यह कहा, ‘कृपया मुझ पर प्रहार कर।’ किन्तु साथी ने नबी पर प्रहार करने से इनकार कर दिया।
2 राजाओं 6:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) एक दिन नबियों के दल ने एलीशा से कहा, ‘यह स्थान, जहां हम आपकी छत्र-छाया में निवास कर रहे हैं, हमारे लिए पर्याप्त नहीं है। पवित्र बाइबल नबियों के समूह ने एलीशा से कहा, “हम लोग वहाँ उस स्थान पर रह रहे हैं। किन्तु वह हम लोगों के लिये बहुत छोटा है। Hindi Holy Bible और भविष्यद्वक्ताओं के चेलों में से किसी ने एलीशा से कहा, यह स्थान जिस में हम तेरे साम्हने रहते हैं, वह हमारे लिये सकेत है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) भविष्यद्वक्ताओं के चेलों में से किसी ने एलीशा से कहा, “यह स्थान जिसमें हम तेरे सामने रहते हैं, वह हमारे लिये बहुत छोटा है। सरल हिन्दी बाइबल भविष्यवक्ताओं के दल ने एलीशा से विनती की, “सुनिए, आपके द्वारा हमारे लिए ठहराया गया घर अब छोटा पड़ रहा है! इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 भविष्यद्वक्ताओं के दल में से किसी ने एलीशा से कहा, “यह स्थान जिसमें हम तेरे सामने रहते हैं, वह हमारे लिये बहुत छोटा है। |
नबी-संघ में एक नबी था। उसने प्रभु के वचन की प्रेरणा से अपने साथी से यह कहा, ‘कृपया मुझ पर प्रहार कर।’ किन्तु साथी ने नबी पर प्रहार करने से इनकार कर दिया।
यरीहो नगर के नबियों का दल दूर खड़े-खड़े एलीशा को देख रहा था। उन्होंने कहा, ‘एलियाह की आत्मा एलीशा पर ठहर गई है। ‘वे एलीशा से भेंट करने के लिए आए। उन्होंने भूमि पर गिरकर एलीशा को साष्टांग प्रणाम किया।
बेत-एल नगर के नबियों का दल नगर से बाहर निकला। वे नबी एलीशा के पास आए। उन्होंने एलीशा से पूछा, ‘क्या तुम यह बात जानते हो कि आज प्रभु तुम्हारे गुरु को तुम्हारे पास से ऊपर उठाएगा?’ ‘हां, मैं जानता हूं;’ एलीशा ने कहा, ‘पर कृपया, चुप रहो।’
यरीहो नगर के नबियों का दल एलीशा के पास आया। नबियों ने उससे पूछा, ‘क्या तुम यह बात जानते हो कि आज प्रभु तुम्हारे गुरु को तुम्हारे पास से ऊपर उठाएगा? ‘हां, मैं जानता हूं;’ एलीशा ने कहा, ‘पर, कृपया चुप रहो।’
नबियों के दल के पचास नबी भी उनके साथ गए। एलियाह और एलीशा यर्दन नदी के तट पर खड़े थे। नबी-दल उनसे कुछ दूर खड़ा था।
एक बार नबी-संघ के किसी नबी की विधवा ने एलीशा की दुहाई दी। विधवा ने कहा, ‘आपके सेवक, मेरे पति की मृत्यु हो गई है। आप जानते हैं कि मेरे पति प्रभु की कितनी भक्ति करते थे। अब, सूदखोर मेरे दो पुत्रों को लेने और उनको गुलाम बनाने के लिए आया है।’
एलीशा गिलगाल नगर को लौट गए। उस समय देश में अकाल था। एक दिन नबियों का दल एलीशा के सम्मुख बैठा था। एलीशा ने अपने सेवक से कहा, ‘चूल्हे पर हण्डा चढ़ा, और नबियों के लिए भोजन तैयार कर।’
अत: आइए, हम यर्दन नदी के तट पर चलें। वहां हममें से प्रत्येक व्यक्ति एक-एक बल्ली काटेगा, और वहां हम अपनी झोपड़ियां बनाएंगे।’ एलीशा ने कहा, ‘जाओ।’
ओ अय्यूब, उसने तुम्हें भी संकट के मुंह से बाहर निकाला, और निरापद स्थान में लाया, संकरे नहीं, वरन् चौड़े मार्ग पर पहुँचाया; उसने तुम्हें ऐसी मेज पर बैठाया, जहाँ सर्वोत्तम भोजन तुम्हारे सम्मुख परोसा गया।
और प्रज्वलित आग बुझायी। वे तलवार की धार से बच गये और दुर्बल होते हुए भी शक्तिशाली बन गये। उन्होंने युद्ध में वीरता का प्रदर्शन किया और विदेशी सेनाओं को भगा दिया।
यूसुफ के वंशज यहोशुअ से बोले, ‘आपने क्यों हमें पैतृक-अधिकार के लिए पूरे देश का केवल एक भाग दिया? आपने क्यों एक बार ही चिट्ठी निकाली? हमारे गोत्र में लोगों की संख्या बहुत है; क्योंकि प्रभु ने हमें आशिष दी है।’
जब दान के वंशजों के हाथ से पैतृक-अधिकार की भूमि निकल गई, तब उन्होंने लेशम पर आक्रमण कर दिया। उन्होंने लेशम को युद्ध में पराजित कर उस पर अधिकार कर लिया। उन्होंने तलवार से लेशम के नागरिकों को मार डाला। उन्होंने नगर को अपने अधिकार में कर लिया, और वे स्वयं वहां बस गए। उन्होंने अपने कुलपति दान के नाम पर लेशम का नाम ‘दान’ रखा था।
शाऊल ने दाऊद को बन्दी बनाने के लिए दूत भेजे। पर जब दूत वहां आए तब उन्होंने नबियों की सभा देखी। नबी नबूवत कर रहे थे। उन्होंने नबियों के मध्य शमूएल को खड़े हुए देखा। तब परमेश्वर का आत्मा शाऊल के दूतों पर उतरा, और वे भी नबूवत करने लगे।